बालोतरा (बाड़मेर). बालोतरा उपखण्ड क्षेत्र में प्रदूषण के हालात काफी चिंताजनक नजर आ रहे हैं. बालोतरा, जसोल और बिठुजा क्षेत्र की इकाइयों का खुले में प्रदूषित पानी को डालने की कई बार शिकायत और एनजीटी के प्रदूषण रोकथाम को लेकर दिए निर्देशों की पालना नहीं होने को लेकर एनजीटी इस संदर्भ में कई बार कड़ी फटकार लगा चुकी है.
ऐसे में अब 20 दिसम्बर को होने वाली सुनवाई में बालोतरा के उद्योग पर गाज गिरती नजर आ रही है. एनजीटी की पूर्व में हुई सुनवाई के बाद प्रदूषण नियंत्रण मंडल के चेयरमैन, सदस्य सचिव, बाड़मेर कलेक्टर को भी व्यक्तिगत रूप से एनजीटी में तलब किया गया है.
पढ़ेंः जयपुर बम धमाकों का एक आरोपी कैसे हुआ दोषमुक्त, जानें कोर्ट रूम में जज ने क्या कहा
अब तक प्रदूषण की रोकथाम को लेकर किए गए कार्यों का जबाव सुनवाई में देना है, जिसके चलते इन अधिकारियों ने भी एनजीटी में होने वाले सवाल जवाब को लेकर कानूनी विदों का सहयोग लिया है. साथ ही सरकार की तरफ से अब तक प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में उठाए गए कदमों को लेकर भी ड्राफ्ट तैयार कर लिया है.
दो दिन पहले ही सम्भागीय आयुक्त ने जोधपुर बुलाकर प्रदूषण नियंत्रण मंडल, सीईटीपी चैयरमेन, सदस्य सचिव, जिला कलेक्टर,उपखण्ड अधिकारी, रीको, पीएसडी, पुलिस समेत जिले के कई अधिकारियों के साथ में बिंदुवार चर्चा की थी.
बता दें कि दिग्विजय सिंह जसोल बनाम राज्य सरकार का प्रदूषण को लेकर लम्बे समय से मामला चल रहा है. जिसको लेकर आगामी सुनवाई में सभी को हाजिर होने के आदेश दिए गए हैं. वहीं दूसरी ओर बालोतरा किसान पर्यावरण संघर्ष समिति द्वारा शहर की फैक्ट्रियों की तरफ से फैलाए जा रहे प्रदूषण को लेकर जनहित याचिका दायर कर रखी है.
पढ़ेंः उदयपुर के डबोक हवाई अड्डे पर इंडिगो विमान में आई तकनीकी खराबी, टला बड़ा हादसा
इस पर एनजीटी में सुनवाई की जा रही है. सुनवाई के दौरान सीईटीपी ट्रस्ट की तरफ से शहर के ट्रीटमेंट प्लांटों के काफी हद तक मानकों पर संचालित होने का दावा किया. अब देखने वाली बात यह होगी कि सीईटीपी की ओर से बालोतरा में प्रदूषण मुक्ति का कदम क्या होता है. फिलहाल एनजीटी ने शुक्रवार को सभी अधिकारियों को इस मामले को लेकर पेश होने के आदेश दे दिए.