ETV Bharat / state

बाड़मेरः पीएमओ बीएल मंसूरिया ने की प्रेस वार्ता, बच्चों की मृत्यु दर को लेकर पिछले 6 वर्षों के आंकड़े रखे सामने - पीएमओ ने रखे 6 वर्षों के आंकड़े

देश भर में कोटा के जेके लोन हॉस्पिटल में हुई बच्चों की मौत ने प्रदेश सहित पूरे भारत में राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है. जिसके बाद बाड़मेर में शनिवार को पीएमओ बीएल मंसूरिया ने प्रेसवार्ता आयोजित की. जिसमें उन्होंने पिछले 6 वर्षों के आंकड़े सामने रखे.

बाड़मेर में  प्रेस वार्ता, press conference in Barmer
बाड़मेर में प्रेस वार्ता
author img

By

Published : Jan 4, 2020, 11:55 PM IST

बाड़मेर. शनिवार को जिले में पीएमओ बीएल मंसूरिया ने प्रेसवार्ता आयोजित कर पिछले 6 सालों में हुई बच्चों की मौत के आंकड़े सामने रखे. बता दें कि कुछ दिनों पूर्व प्रमुख चिकित्सा अधिकारी द्वारा 6% बच्चों की मौत का बयान देने के बाद, वे विवादों में फंस गए. जिसके चलते यह प्रेस वार्ता आयोजित कर गलत तथ्यों को वापस लिया गया.

वार्ता में बताए गए आंकड़ों के अनुसार करीब 2.5% बच्चों की मृत्यु इलाज के दौरान ही हो रही है. सालाना बच्चों की मृत्यु की बात करें, तो प्रति वर्ष 226 बच्चों की मृत्यु इलाज के दौरान हो जाती है.

पीएमओ बीएल मंसूरिया ने की प्रेस वार्ता

पढ़ें: कोटा के बाद सीएम सिटी का हाल भी बेहाल, 1 महीने में 146 बच्चों की मौत

वहीं साल दर साल भर्तीयों और मौत के आंकड़े कुछ इस प्रकार हैं
⦁ 2014 में 7922 भर्तियां, 221 मौत
⦁ 2015 में 7961 भर्तियां, 230 मौत
⦁ 2016 में 8013 भर्तियां, 190 मौत
⦁ 2017 में 8521 भर्तियां, 240 मौत
⦁ 2018 में 8498 भर्तियां, 218 मौत
⦁ 2019 में 8735 भर्तियां, 250 मौत

इस दौरान पीएमओ ने बाड़मेर के राजकीय अस्पताल में शिशु मृत्यु दर को चिंताजनक की बजाय सामान्य बताया. वार्ता में राजकीय चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ बीएल मंसूरिया के साथ मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ कमलेश चौधरी भी मौजूद रहे.

बाड़मेर. शनिवार को जिले में पीएमओ बीएल मंसूरिया ने प्रेसवार्ता आयोजित कर पिछले 6 सालों में हुई बच्चों की मौत के आंकड़े सामने रखे. बता दें कि कुछ दिनों पूर्व प्रमुख चिकित्सा अधिकारी द्वारा 6% बच्चों की मौत का बयान देने के बाद, वे विवादों में फंस गए. जिसके चलते यह प्रेस वार्ता आयोजित कर गलत तथ्यों को वापस लिया गया.

वार्ता में बताए गए आंकड़ों के अनुसार करीब 2.5% बच्चों की मृत्यु इलाज के दौरान ही हो रही है. सालाना बच्चों की मृत्यु की बात करें, तो प्रति वर्ष 226 बच्चों की मृत्यु इलाज के दौरान हो जाती है.

पीएमओ बीएल मंसूरिया ने की प्रेस वार्ता

पढ़ें: कोटा के बाद सीएम सिटी का हाल भी बेहाल, 1 महीने में 146 बच्चों की मौत

वहीं साल दर साल भर्तीयों और मौत के आंकड़े कुछ इस प्रकार हैं
⦁ 2014 में 7922 भर्तियां, 221 मौत
⦁ 2015 में 7961 भर्तियां, 230 मौत
⦁ 2016 में 8013 भर्तियां, 190 मौत
⦁ 2017 में 8521 भर्तियां, 240 मौत
⦁ 2018 में 8498 भर्तियां, 218 मौत
⦁ 2019 में 8735 भर्तियां, 250 मौत

इस दौरान पीएमओ ने बाड़मेर के राजकीय अस्पताल में शिशु मृत्यु दर को चिंताजनक की बजाय सामान्य बताया. वार्ता में राजकीय चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ बीएल मंसूरिया के साथ मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ कमलेश चौधरी भी मौजूद रहे.

Intro:बाड़मेर

बाड़मेर में बच्चों की मृत्यु दर कोटा से अधिक होने की खबरों के बाद पीएमओ ने प्रेस वार्ता आयोजित कर पिछले 6 वर्षों के आंकड़े रखें


देश भर में जहां कोटा के जे के लोन हॉस्पिटल में हुई बच्चों की मौत पर प्रदेश सहित पूरे भारत में राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है तो वहीं बाड़मेर में अभी सर्दी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं इस बार कड़ाके की ठंड में बाड़मेर राज्य की अस्पताल शिशु वार्ड में अव्यवस्थाओं के आलम और शिशुओं की मौत सुर्खियों बनने के बाद बाड़मेर जिला कलेक्टर ने राजकीय अस्पताल का दौरा किया उन्होंने यहां खिड़कियों में लगे करीब सारे कांच टूटे नजर आए उन्होंने राजकीय चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ बीएल मंसूरिया को व्यवस्थाओं को लेकर जानकारी ली राजकीय अस्पताल के दौरे के बाद जिला कलेक्टर अंशदीप ने व्यवस्थाओं पर संतोष जताया


Body:बाड़मेर के राजकीय चिकित्सालय में बच्चों की मौत का भयावह आंकड़ा प्रमुख चिकित्सा अधिकारी द्वारा 6% बच्चों की मौत का बयान देने के बाद प्रमुख चिकित्सा अधिकारी स्वयं विवादों में फंस गए हैं जिसके बाद पीएमओ बीएल मंसूरिया ने प्रेसवार्ता आयोजित कर गलत तथ्यों को वापस लिया और पिछले 6 वर्षों के आंकड़े सामने रखे उनके अनुसार करीब 2.5% बच्चों की मृत्यु इलाज के दौरान हो रही है सालाना बच्चों की मृत्यु की बात करें तो प्रति वर्ष 226 बच्चों की मृत्यु इलाज के दौरान हो जाती है


Conclusion:बाड़मेर के राजकीय अस्पताल में शिशु मृत्यु दर को लेकर दिए गए अपने बयान में राजकीय चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी फंस गए हैं खबरें मीडिया में आने के बाद जिला प्रशासन आनन-फानन में चिकित्सालय से मामले की वस्तुस्थिति जानी पीएमओ ने पत्रकार वार्ता का आयोजित कर बाड़मेर के राजकीय अस्पताल में शिशु मृत्यु दर को चिंताजनक की बजाय सामान्य बताया राजकीय चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ बीएल मंसूरिया के साथ मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ कमलेश चौधरी भी मौजूद रहे


बाईट - डॉ बीएल मंसूरिया, पीएमओ, राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर

बाईट- डॉ कमलेश चौधरी ,सीएमएचओ बाड़मेर
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.