बाड़मेर. इस साल का पहला सूर्य ग्रहण कोरोना संकट काल के बीच 21 जून को रहा. यह सूर्य ग्रहण को भारत सहित दुनिया के कई देशों में देखने को मिला. इस दौरान आसमान में सूरज एक चमकती अंगूठी की तरह नजर आया. जिले में सूर्य ग्रहण के दौरान दिन में अंधेरा सा छाया रहा. उत्साहित महिलाओं, बच्चों सहित लोगों ने अलग-अलग तरीकों से सूर्य ग्रहण को देखा. इस दौरान लोगों ने जमकर दान पुण्य भी किया.
रविवार सुबह 10:24 बजे से सूर्य ग्रहण लगा. सूर्य ग्रहण के अद्भुत नजारे को देखने के लिए लोगों ने अपने घरों की छतों पर चढ़कर काला चश्मा, एक्स-रे पेपर के माध्यम से सूर्य ग्रहण को देखा. साथ ही सूर्यग्रहण को अपने कैमरे में कैद किया. वहीं सूर्य ग्रहण की वजह से दिन में भी अंधेरा सा छाया नजर आया. लोगों ने सूर्यग्रहण के दौरान जमकर दान पुण्य किया.
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ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने एक्स-रे पेपर के जरिए इस सूर्य ग्रहण को देखा. अभी आधे से ज्यादा सूर्य ग्रहण हो चुका है. जिसकी वजह से दिन में भी अंधेरा छाया लगता है. वहीं बुजुर्ग जसवंत गौड़ ने बताया कि इतना बड़ा सूर्य ग्रहण कई वर्षों के बाद हुआ है. पूरा ग्रहण दिखाई दे रहा है. उनका मानना है कि सूर्य ग्रहण को नहीं देखना चाहिए. क्योंकि इससे हमारी आंखें खराब हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि बाड़मेर में सूर्यग्रहण के दौरान अनाज और गुड़ आदि दान करने की मान्यता है. साथ ही गरीब लोगों को कपड़े भी दिए जाते हैं.
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बता दें कि सदी का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण है. ऐसे में सूर्य ग्रहण के इस अद्भुत नजारे को देखने को लेकर लोगों में बड़ा उत्साह नजर आया. हालांकि नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण को नहीं देखना चाहिए, इससे आंखें खराब हो सकती हैं. वहीं बहुत लोगों का मानना है कि सूर्य ग्रहण के दिन दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व है. जिस कारण बाड़मेर में लोगों ने दान-पुण्य किया और एक्स-रे पेपर, काले चश्मे के जरिए सूर्यग्रहण देखा.