बाड़मेर. पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर ने जबरदस्त तरीके से हाहाकार मचा रखा है. 10 दिनों में ही स्वस्थ व्यवस्थाएं पूरी तरीके से लड़खड़ाने लगी है. आलम तो यह है कि कोविड-19 अस्पतालों में ऑक्सीजन से लेकर इंजेक्शन तक खत्म होने को हैं.
राजस्थान के बाड़मेर जिले के मेडिकल कॉलेज के राजकीय चिकित्सालय में ऑक्सीजन प्लांट अचानक ही ठप होने से हाहाकार मच गया है. आनन-फानन में मेडिकल विभाग की ओर से ऑक्सीजन निजी ठेकेदारों से ली जा रही है प्लांट पूरी तरीके से बंद है जिसे रिपेयर करने का काम जारी है लेकिन जिस तरीके की तस्वीर अचानक ही सामने आई है उसने सबको डरा रखा है 45 मरीज इस वक्त राजस्थान के मेडिकल कॉलेज के बाहर में अस्पताल में ऑक्सीजन पर भर्ती है.
कोरोना के पिछले साल ही राजस्थान के मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन प्लांट शुरू किया गया था. जिसने पूरी तरीके से दम तोड़ दिया है. आलम यह है कि पिछले कई दिनों से ऑक्सीजन प्लांट बंद है हालांकि इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गोलमाल जवाब दे रहे हैं. लेकिन हकीकत तो यह है कि ऑक्सीजन के प्लांट के बंद चलते ऑक्सीजन व्यवस्था पूरी तरीके से लड़खड़ा गई है क्योंकि पिछले 3 दिनों में ऑक्सीजन की डिमांड इस कदर बढ़ी है कि निजी फर्मों को फर्मो पाबंद किया गया है कि वह ऑक्सीजन की सप्लाई किसी और को नहीं देंगे.
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गौरतलब है कि पिछले 10 दिनों में मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में कोविड के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है. वर्तमान में 96 राजकीय अस्पताल में भर्ती है जिसमें से 45 मरीज ऑक्सीजन पर भर्ती है. ऐसे एक्सपर्ट का मानना है कि यही हालात रहे तो ऑक्सीजन की किल्लत भी हो सकती है लिहाजा अब देखने वाली बात होगी कि इस हालातों से बाड़मेर का प्रशासन और गहलोत सरकार कैसे निपटती है.