बाड़मेर. मेडिकल संस्थानों में प्रवेश के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट यूजी 2023) में रेगिस्तानी इलाके के 50 से अधिक बच्चों ने उत्तीर्ण कर जिले का नाम रोशन किया है. नीट में चयनित हुए अधिकतर बच्चे गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले हैं. फिफ्टी विलेजर्स संस्थान में पढ़ने वाले 33 बच्चे चयनित हुए हैं, इनमें 17 बच्चों को सरकारी कॉलेज में प्रवेश मिलेगा. संस्थान ने बीते 10 सालों में गरीब-जरूरतमंद 90 बच्चों के डॉक्टर बनने का सपना साकार किया है.
परिवार में खुशी छाई : इस संस्थान में पढ़ने वाले हर एक बच्चे की अपनी कहानी है. इन्हीं में से एक सूर्य प्रकाश है, जिसके पिता मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं. इस कारण उनका परिवार आर्थिक रूप से काफी पिछड़ा हुआ है. अब अपनी मेहनत की बदौलत सूर्य प्रकाश ने ओबीसी श्रेणी में 892 रैंक हासिल की है. नीट का परिणाम जारी होने के बाद से परिवार में खुशी छाई हुई है.
पढे़ं. NEET UG 2023 : जयपुर के 4 छात्र टॉप 100 में शामिल, पार्थ ने हासिल की 10वीं रैंक
पढ़ाई के साथ मजदूरी भी की : जिले के नोखड़ा गांव के रहने वाले सूर्य प्रकाश ने बताया कि पिता डूंगराराम मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं. बीते 15 वर्षों से जोधपुर के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है, जबकि उनकी माता एक ग्रहणी हैं. कृषि एवं पशुपालन ही परिवार की आजीविका का एकमात्र साधन है. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के चलते पढ़ाई के साथ-साथ मजदूरी पर भी जाना पड़ा.
संस्थान में निशुल्क व्यवस्था : सूर्य प्रकाश ने बताया कि कक्षा दसवीं तक सरकारी स्कूल में पढ़ने के बाद डॉक्टर बनने का सपना देख 11वीं में साइंस लेने की सोची, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के चलते आर्ट्स लेनी पड़ी. गुरुजनों के माध्यम से फिफ्टी विलेजर्स संस्थान के बारे में जानकारी मिलने के बाद प्रवेश परीक्षा दी और आर्थिक सत्यापन के बाद प्रवेश मिला. सूर्य प्रकाश ने बताया कि यहां पर नि:शुल्क आवास, भोजन ओर शिक्षण सामग्री मिली. इसके साथ ही सेल्फ स्टडी के लिए बेहतरीन माहौल मिला. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय फिफ्टी विलेजर्स के साथ माता-पिता और गुरुजनों को दिया.
बाड़मेर जिले के लिए बड़ी उपलब्धि : फिफ्टी विलेजर्स संस्थान के निदेशक डॉ. भरत सारण ने बताया कि संस्थान में अध्ययन कर रहे ग्रामीण क्षेत्र के जरूरतमंद 33 विद्यार्थियों ने 2023 की नीट परीक्षा दी थी. इसमें सभी क्वालिफाइड हुए, जिनमें से 17 विद्यार्थी सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करेंगे. उन्होंने बताया कि संस्थान में इन विद्यार्थियों का चयन लिखित परीक्षा और आर्थिक स्थिति के आधार पर किया गया. दानदाताओं के सहयोग से निशुल्क तैयारी करवाई गई. नीट जैसी बेहद कठिन परीक्षा में 50% से अधिक परिणाम प्राप्त करना, बाड़मेर जिले के लिए अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है.
10 सालों में कई सपने साकार : डॉ. भरत सारण ने बताया कि पिछले 10 सालों में फिफ्टी विलेजर्स संस्थान ने गरीब जरूरतमंद परिवारों के 90 बच्चों के डॉक्टर बनने का सपना साकार किया है. उन्होंने बताया कि इस बार के नीट परिणाम में जिले के नोखड़ा निवासी सूर्य प्रकाश ने नीट में 670 अंक के साथ 2898 रैंक, सरणू पनजी निवासी महादेव ने 665 अंक प्राप्त 3629 रैंक, माधासर निवासी मुश्ताक खां ने 650 अंक प्राप्त करते हुए 7162 रैंक, अनुसूचित जाति के खारापार निवासी देवेंद्र 515 अंक के साथ 94840 रैंक प्राप्त की है.