बाड़मेर. राजस्थान में सियासी घमासान के बीच बगावत में उतरे सचिन पायलट को प्रदेशाध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया है. जिसके बाद से सियासत के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. एक के बाद एक करके पायलट समर्थक अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं. वहीं, अब कांग्रेस ने अन्य बागी विधायक पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है, ताकि दबाव में कुछ विधायक वापस गहलोत खेमे में लौट सकें.
3 दिनों में मांग जवाब...
बागियों की विधानसभा सदस्यता पर तलवार लटक रही है. इसी रणनीति के तहत गुड़ामालानी से विधायक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हेमाराम चौधरी के बाड़मेर स्थित मकान के बाहर विधानसभा सचिवालय की तरफ से नोटिस चस्पा किए गए हैं. जिसमें उनसे तीन दिन में जवाब पेश करने को कहा गया है. गौरतलब है कि राजस्थान के कद्दावर कांग्रेसी जाट नेता और विधायक हेमाराम चौधरी सरकार बनने के बाद से ही लगातार अशोक गहलोत का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि वह मंत्री नहीं बन पाए.
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विधायक हेमाराम चौधरी के निवास पर रहने वाला एक कर्मचारी ने बताया कि वह जब बुधवार सुबह 5 बजे उठा तो उसने देखा कि गेट के पास एक के बाद एक सात नोटिस चस्पा किए हुए हैं. यह नोटिस हिंदी और इंग्लिश में हैं. इसके बाद इसकी सूचना कर्मचारी ने विधायक को दी.
विधायक से नहीं हो पाया संपर्क...
इस विषय में अधिक जानकारी देते हुए जिला कलेक्टर ने बताया कि मंगलवार देर शाम उन्हें विधानसभा की ओर से ईमेल प्राप्त हुआ था. जिसमें विधायक हेमाराम चौधरी को नोटिस तामील करवाने के लिए कहा गया था. कलेक्टर ने बताया कि उन्होंने विधायक हेमाराम चौधरी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया. उसके बाद उपखंड मजिस्ट्रेट बाड़मेर की ओर से उनके पैतृक निवास पर नोटिस चस्पा किए गए. इन नोटिसों में विधायक को 17 तारीख को विधानसभा में 1 बजे से पहले पेश होने की बात कही गई है.
विधायकों पर इस तरह से बनाया जा रहा है दबाव...
वहीं, गहलोत खेमे से जुड़े लोगों का कहना है कि फिलहाल पार्टी बागी विधायकों पर दबाव बढ़ाने के लिए नोटिस जारी कर रही है, ताकि उनकी सदस्यता समाप्त करने के नाम पर दबाव बढ़ाया जा सके. इस प्रक्रिया में उम्मीद है कि कुछ विधायक पायलट का साथ छोड़ कर वापस लौट सकते हैं.
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बता दें कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं गुड़ामालानी विधायक हेमाराम चौधरी खुलकर सचिन पायलट के साथ आए हैं. वहीं, उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सोमवार को हेमाराम ने कहा था, 'अब पानी गले तक आ गया है, चुप नहीं रह सकते हैं. सरकार बड़ी नहीं है, संगठन बड़ा है. कांग्रेस को बचाना है तो नेतृत्व बदलना बहुत जरूरी है. कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव सचिन पायलट के नेतृत्व में जीता था और उन्हें दरकिनारकर गहलोत को मुख्यमंत्री बनाना गलत निर्णय था. फिर भी साथ दिया, लेकिन अब गला भर गया है, चुप नहीं रह सकते'.