भीलवाड़ा. प्रदेश में समय के साथ बदलाव की बयार बह रही है. कई पीढ़ियों से चली आ रही परंपराओं में भी अब समाज बदलाव की ओर रुख कर रहा है. ऐसी ही एक बानगी देखने को मिली भीलवाड़ा जिले में, जहां पिता की मौत के बाद बेटी के सिर पर जिम्मेदारी की पगड़ी बांधी गई. आमतौर पर प्रदेश में यह पगड़ी घर के सबसे बड़े बेटे को बांधी जाती है, लेकिन यहां बेटी के सिर पगड़ी बांधकर दस्तूर को पूरा किया गया. यह पूरा मामला जिले के रायपुर गांव का है.
दरअसल, गांव के 70 वर्षीय घीसू सिंह का 12 दिन पहले निधन हो गया था. घीसू सिंह के 12वें की रस्म के दौरान पगड़ी की दस्तूर को निभाया गया. घीसू सिंह के बेटा नहीं होने के कारण परिवार और समाज ने पुत्री उमा कंवर को पगड़ी बंधवाई. खास बात यह है कि अपनी परंपराओं से कभी विचलित नहीं होने वाले राजपूत समाज ने ही यह अनूठी पहल की है.
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पगड़ी दस्तूर के साक्षी बने सैकड़ों लोग : पिता के निधन पर 12वें की रस्म पर उनकी बेटी उमा कवर को पगड़ी बंधवाई गई तो पगड़ी दस्तूर के इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाज के लोग और ग्रामीण मौजूद रहे. बेटी के सिर पर पगड़ी बांधने के दस्तूर को देखकर मौके पर मौजूद कई लोगों की आंखें नम हो गई. वहीं, समाज की ओर से की गई इस नई पहल की चर्चा जिले में बनी हुई है.