बालोतरा (बाड़मेर). रविवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी अपने संसदीय क्षेत्र बाड़मेर के बालोतरा क्षेत्र के दौरे पर रहे. इस दौरान केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कनाना गांव में प्रगतिशील किसान सुरेश की ओर से पॉली हाउस लगाकर की गई खीरे की फसल की आधुनिक खेती का अवलोकन किया. पॉली हाउस में ड्रीप सिंचाई पद्धति पर आधारित खीरे की खेती किसान के लिए वरदान साबित हो रही है. उन्होंने पॉलीहाउस में फसल के कुशल प्रबंधन के लिए कार्य कर रहे किसान सुरेश की सराहना की.
कृषि राज्यमंत्री ने फसल प्रबंधन संबंधित आवश्यक दिशा निर्देश दिए और पॉलीहाउस फसल में उपयोग किए जाने वाले आवश्यक उर्वरक, कीटनाशक आदि के संबंध में चर्चा की. पॉली हाउस फसल के अवलोकन के दौरान कैलाश चौधरी ने प्रगतिशील किसान को बधाई दी और कहा कि अन्य किसानों के लिए यह प्रेरणादायी है. इसके लिए केंद्र सरकार और कृषि मंत्रालय की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रति संकल्पित है.
किसानों को हर कदम पर कृषि मंत्रालय की ओर से मार्गदर्शन और सहयोग मिलता रहेगा. राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत अब सरकार का फोकस किसानों के लिए उद्यानिक फसलों की खेती पर है. बागवानी क्षेत्र तेजी से फल-फूल रहा है और देश के कृषि क्षेत्र का विकास-यंत्र बन चुका है. इसे व्यापक स्तर पर अपनाने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय किसानों को निरंतर प्रोत्साहित कर रहा है.
कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि सुधारों का सिलसिला जारी है. नए रिफार्म्स से खेती-किसानी का तेजी से विकास होगा. कृषि संबंधी नए कानूनों से किसानों को उपज कहीं भी-किसी को भी-किसी भी कीमत पर बेचने की आजादी मिल गई है. कांट्रेक्ट फार्मिंग एक्ट से किसान उपज का सौदा बुवाई से पहले ही कर सकेंगे. नए कानूनों में देश के किसानों, खासकर छोटे-मझौले किसानों, जो 86 प्रतिशत है, उनके हर तरह से संरक्षण के प्रावधान किए गए हैं. कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि देश में 10 हजार नए एफपीओ बनाने का काम भी किया जा रहा है, जिस पर 5 साल में केंद्र सरकार साढ़े छह हजार करोड़ रुपये से ज्यादा राशि खर्च करने वाली है.
इस स्कीम से नए आयाम प्राप्त होंगे. वहीं आत्मनिर्भर भारत अभियान में 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेजों का क्रियान्वयन प्रारंभ हो चुका है जिसमें 1 लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से गांव-गांव में निजी निवेश के माध्यम से कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाउस और अन्य अधोसंरचनाएं विकसित होंगी. कृषि से सम्बद्ध क्षेत्र के लिए कुल डेढ़ लाख करोड़ रुपये के पैकेज दिए गए हैं, उम्मीद है कि देश के किसानों को इसका अधिकाधिक फायदा होगा.