बालोतरा (बाड़मेर). लूनी नदी में अतिक्रमण को लेकर लगाई गई जनहित याचिका में उच्च न्यायालय ने 31 दिसंबर तक डे-टू-डे एक्शन प्लान के साथ अतिक्रमण हटाने को लेकर जिला कलेक्टर को आदेश दिए थे. जिसके बाद उच्च न्यायालय के आदेश की पालना में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन लूनी नदी बालोतरा की जद में आये करीब सौ पक्के अतिक्रमण चरणबद्ध तरीके से 10 नवंबर से हटाने का अभियान शुरू करेगी.
सूत्रानुसार उच्च न्यायालय के आदेशानुसार लूनी नदी की जद में आये बड़ी बिल्डिंगें, स्कूल, भवन, अस्पताल, मकान और फैक्टरियां आदि सब ध्वस्त होंगे. इसके लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने बकायदा कार्ययोजना तैयार की है. गौरतलब है कि जिला कलेक्टर विश्राम मीणा और पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा दो नवंबर को उच्च न्यायालय में पेश हुए थे. न्यायालय ने सख्ती से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए. जिसके अनुसार 10 नवंबर को बीस अतिक्रमण पहले चरण में हटेंगे. यह अभियान तीन चरणों मे सभी अतिक्रमण ध्वस्त करेंगे.
पढ़ेंः चित्तौड़गढ़: सभापति ने किया निर्माणाधीन हाई लेवल ब्रिज का अवलोकन, दिए ये निर्देश
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अतिक्रमियों में हड़कंप मचा हुआ है. अपने अपने अतिक्रमण बचाने के लिए चारों ओर हाथ पैर मार रहे हैं. मगर उच्च न्यायालय की तल्ख टिप्पणी के साथ आदेशों के बाद किसी के पास कोई चारा नहीं बचा. अतिक्रमणों के समीप रहवासीय बस्तियां और अन्य इमारतें भी स्थित है. ऐसे में प्रशासन को अतिक्रमण हटाने के आदेश मिलाने के बाद तमाम कार्रवाई एहतियात के साथ करनी होगी. कार्रवाई के दौरान काम में ली जाने वाली मशीनरी सहित सभी तरह की पूरी जानकारी सबमिट की जाएगी. जिससे कि अतिक्रमण के अलावा किसी को भी संपत्ति का नुकसान नहीं हो.