बालोतरा (बाड़मेर). घरों की छत पर रखे छप्पर और टीन-टप्परों का उड़ना, तो हवा के तेज दबाव के आगे पेड़ों का गिरना और धूल भरी आंधी से आंखों के आगे अंधेरा छाना. कुछ ऐसे ही हालात, सोमवार शाम में तब बने, जब आम दिनों के मुकाबले पांच से छह गुना तेज गति से हवा और आंधी चली. ऊंची इमारतों पर लगे बैनर-पोस्टर फटकर हवा में उड़ते दिख रहे थे, कई स्थानों पर होर्डिग भी गिर गए.
बालोतरा उपखण्ड क्षेत्र में एकाएक तेज बारिश के साथ ओले और आंधी के बाद पौन घंटे तक हुई झमाझम बारिश ने जनजीवन को तरबतर कर दिया. मूसलाधार बारिश से शहर की सड़कों पर नाले बहने लगे.
इसके अलावा औधोगिक इकाइयों में लोहे के बने टीनशेड व कपड़ा सुखाने का अडाण गिर गए. जिससे इकाई मालिको को लाखों रुपए का नुकसान हो गया. लॉकडाउन के चलते बन्द कारोबार के बाद अब कुदरत का भी कहर झलने को मजबूर नजर आ रहे हैं. दोपहर बाद तेज अंधड़ ने पूरे उपखण्ड को अपने आगोश में ले लिया और आसमान से गर्द बरसने लगी.
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तेज आंधी के कारण कुछ फीट के फासले पर भी लोग नजर नहीं आ रहे थे. होर्डिग व पेड़ गिरते नजर आए. ग्रामीण क्षेत्र में बने कच्चे मकान और घास- फूस के छप्पर उड़ गए. करीब तीस मिनट तक आंधी के बाद बरसी राहत की बौछारों ने गर्द से सराबोर शहर को धोकर रख दिया. खेतो में खड़ी फसले भी खराब हुई. सिणली में पांच लोग उड़े टिन शेड की चपेट में आने से घायल हो गए जिन्हें उपचार के लिए राजकीय नाहटा अस्पताल लाया गया.