बाड़मेर/जोधपुर. अक्सर ऐसा देखा और सुना जाता है की जब कोई हादसा होता है तो घटना स्थल पर कुछ ऐसे भी लोग होते हैं. जो घायल हो रहे लोगों को बचाने के लिए पूरी जी जान लगा देते हैं. इतना ही नहीं वो अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना ही जान पर खेल जाते हैं. ऐसा ही कुछ हुआ था जसोल हादसे के समय. जब ईटीवी भारत ने उस युवा से बात की.
जसोल निवासी अक्षय जैन अपनी बाइक से घटनास्थल के सामने से जा रहे था. तभी उसने देखा कि पंडाल पूरा हवा में ऊपर लहरा रहा है. ऐसे में वे तुरंत रुक गए और अंदर घुसा. उसने बताया कि कुछ ही क्षण में ही पूरा पंडाल नीचे गिर गया और उसके अंदर कुछ लोग दब चुके थे. अक्षय ने पहले सामने दिख रहे व्यक्ति को बचाने के लिए हाथ बढ़ाया. ऐसे में जो भी व्यक्ति उसको हाथ लगाया, उसे करंट का झटका लगा.
अक्षय ने बताया कि उस व्यक्ति के मुंह से खून निकल रहा था. करंट का झटका लगा तो उन्हें एहसास हुआ कि यहां बिजली की आपूर्ति चालू है. नजर दौड़ाई तो सामने जनरेटर दिखा. तुरंत जनरेटर की केबल को जोर से खींचा और उसको तोड़ दिया. इस दौरान करंट उनको भी लग जाता. लेकिन उसने अपनी परवाह नहीं की और केबल तोड़ दी. इसी दौरान उनका सहयोग किया कांस्टेबल दौलत राम ने. दोनों ने केबल तोड़ा और पंडाल की ओर गए. लेकिन तब तक अंदर लोग करंट से मर चुके थे.
उन्होंने कहा कि ज्यादातर मौतें करंट की वजह से हुई हैं. क्योंकि लोग अपनी जगह से हिल नहीं सके और करंट ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया. पंडाल गीला हो चुका था. अगर अक्षय और उसके साथी मौके पर नहीं होते तो शायद हादसा और बड़ा हो जाता. मृतकों की संख्या बढ़ सकती थी. क्योंकि करंट जिस गति से अंदर फैल रहा था. लोग उसकी चपेट में आते जा रहे थे. अगर कुछ ही देर और करंट रह जाता थो शायद मौत का आंकड़ा बढ़ सकता था.