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बाड़मेर में बालोतरा कस्बे के पास स्थित लूनी नदी में बेरोकटोक बजरी खनन जारी - Luni river gravel mining

लूनी नदी के किनारे धड़ल्ले से बजरी का अवैध खनन जारी है. अवैध खनन से सड़क किनारे गहरे खड्डे होने से नदी किनारे रहने वाले लोगों में रोष व्याप्त है. खनन माफिया बजरी से भरे ट्रैक्टरों को तेज गति से दौड़ा रहे हैं. जिससे हर समय दुर्घटना का भय बना रहता है.

लूनी नदी , Luni River
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Published : Nov 8, 2019, 4:25 PM IST

बालोतरा (बाड़मेर). उपखण्ड क्षेत्र में बजरी माफियाओं के हौसले बुलंद होते नजर आ रहे है, लूनी नदी के किनारे सांकरणा, बिठुजा, तिलवाड़ा, सराणा, खेड़, जसोल में लम्बे समय से धड़ल्ले से अवैध खनन जारी है. अवैध खनन से सड़क किनारे गहरे खड्डे होने से नदी किनारे रहने वाले लोगो मे रोष नजर आ रहा है.

लूनी नदी में अवैध खनन जारी

बता दें कि बालोतरा कस्बे के पास लूनी नदी में बे रोकटोक बजरी खनन जारी है. शिकायत करने पर प्रशासन का टाल-मटोल रवैया सवालिया निशान खड़े कर रहा है. स्थानीय लोगों ने रोष व्यक्त करते हुए नदी में जाने वाले रास्ते पर कंटीली झड़ियां डालकर कई बार विरोध जताया. लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. लोगों का आरोप है नाबालिग बजरी भरे ट्रैक्टरों को तेज गति से दौड़ाते हैं, जिससे हर समय दुर्घटना का भय बना रहता है.

यह भी पढ़ेंः आर्थिक सुधारों को लेकर कांग्रेस का रोना, 55 साल में खुद कुछ नहीं कर पाए : सतीश पूनिया

पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत पर आरोप लगाते हुए लोगों ने आंदोलन की भी चेतावनी दी. गौरतलब है कि जसोल, खरोडिया आदि जगह रोज सैकड़ों ट्रेक्टरों द्वारा लूनी नदी में अवैध खनन जारी है. थाने और एसडीएम कार्यालय से महज 4 किलोमीटर दूरी पर अवैध खनन से प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. जब से बजरी खनन पर रोक लगी है तब से बजरी का अवैध खनन बदस्तूर जारी है. खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलन्द को गये की जब भी कोई कार्रवाई के लिए पहुंचता है उससे पहले बड़े आकाओं से मामले को लेकर शांत करवा कर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया जाता है.

बालोतरा (बाड़मेर). उपखण्ड क्षेत्र में बजरी माफियाओं के हौसले बुलंद होते नजर आ रहे है, लूनी नदी के किनारे सांकरणा, बिठुजा, तिलवाड़ा, सराणा, खेड़, जसोल में लम्बे समय से धड़ल्ले से अवैध खनन जारी है. अवैध खनन से सड़क किनारे गहरे खड्डे होने से नदी किनारे रहने वाले लोगो मे रोष नजर आ रहा है.

लूनी नदी में अवैध खनन जारी

बता दें कि बालोतरा कस्बे के पास लूनी नदी में बे रोकटोक बजरी खनन जारी है. शिकायत करने पर प्रशासन का टाल-मटोल रवैया सवालिया निशान खड़े कर रहा है. स्थानीय लोगों ने रोष व्यक्त करते हुए नदी में जाने वाले रास्ते पर कंटीली झड़ियां डालकर कई बार विरोध जताया. लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. लोगों का आरोप है नाबालिग बजरी भरे ट्रैक्टरों को तेज गति से दौड़ाते हैं, जिससे हर समय दुर्घटना का भय बना रहता है.

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पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत पर आरोप लगाते हुए लोगों ने आंदोलन की भी चेतावनी दी. गौरतलब है कि जसोल, खरोडिया आदि जगह रोज सैकड़ों ट्रेक्टरों द्वारा लूनी नदी में अवैध खनन जारी है. थाने और एसडीएम कार्यालय से महज 4 किलोमीटर दूरी पर अवैध खनन से प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. जब से बजरी खनन पर रोक लगी है तब से बजरी का अवैध खनन बदस्तूर जारी है. खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलन्द को गये की जब भी कोई कार्रवाई के लिए पहुंचता है उससे पहले बड़े आकाओं से मामले को लेकर शांत करवा कर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया जाता है.

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बालोतरा कस्बे के पास लूनी नदी में बेरोकटोक बजरी खनन जारी


बालोतरा- उपखण्ड क्षेत्र में बजरी माफियाओ के हौसले बुलंद होते नजर आ रहे है, लूनी नदी किनारे सांकरणा, बिठुजा, तिलवाड़ा, सराणा, खेड़, जसोल में लम्बे समय से धड़ल्ले से अवैध खनन जारी है। अवैध खनन से सड़क किनारे गहरे खड्डे होने से नदी किनारे रहने वाले लोगो मे रोष नजर आ रहा है। बता दे कि बालोतरा कस्बे के पास लूनी नदी में बेरोकटोक बजरी खनन जारी है। शिकायत करने पर प्रशासन का टालमटोल रवैया सवालिया निशान खड़े कर रहा है। Body:स्थनीय लोगो ने रोष व्यक्त करते हुए नदी में जाने वाले रास्ते पर कंटीली झड़िया डाल कर कई बार विरोध जताया। लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नही हुई। लोगो का आरोप है नाबालिग बजरी भरे ट्रेक्टरों को तेज गति से दौड़ा रहे है। जिससे हर समय दुर्घटना का भय बना रहता है। पुलिस व प्रशासन की मिलीभगत के आरोप लगाते हुए लोगो ने आंदोलन की भी चेतावनी दी।गौरतलब है कि जसोल, खरोडिया आदि जगह रोज सैकड़ो ट्रेक्टरों द्वारा लूनी नदी में अवैध खनन जारी है।थाने व एसडीएम कार्यालय से महज 4 किलोमीटर दूरी पर अवैध खनन से प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे है। जब से बजरी खनन पर रोक लगी है तब से बजरी का अवैध खनन बदस्तूर जारी है। खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलन्द को गये की जब भी कोई कार्यवाही के लिए पहुंचता है उससे पहले बड़े आकाओ से मामले को लेकर शांत करवा कर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया जाता हैं।

बाईट 1-जेठमल(स्थानीय निवासी)
बाईट 2-पूंजाराम(स्थानीय निवासी)Conclusion:
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