बाड़मेर. बाड़मेर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित बालिका दिवस कार्यक्रम में बालिका बाल मन्दिर विद्यालय में बालिकाओं को प्रोत्साहित करते हुए कार्यक्रम आयोजित किया गया. डाॅ. सिद्वार्थ शंकर शर्मा (आरजेएस) न्यायाधीश ने बताया कि बालिकाओं में नैसर्गिक गुण होता है. उनकी सोच प्रगतिशील होती है. अगर महिला स्वयं डाॅक्टर है तो वह आगे की पीढ़ी को अपने से उच्च शिक्षा दिलवाएगी.
डाॅ. शर्मा आरजेएस ने कहा कि यदि समाज को प्रगतीशील बनाना है तो बालिकाओं को प्रगतिशील बनाओ. डाॅ. शर्मा ने बालिकाओं से आह्रावन किया कि इन्टरनेट में ज्ञान का अथाह भण्डार है. ज्ञानार्जन व प्रगति के लिए उसका उपयोग कर सामाजिक, कानूनी ज्ञान अर्जित करें. पैनल अधिवक्ता कुमार कौशल जोशी ने विभिन्न विषयों के न्यायिक महत्व पर प्रकाश डाला.
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इस अवसर पर प्रशिक्षु न्यायाधीश विजय बाकोलिया (आरजेएस), जतिन परमार (आरजेएस) व ललित कुमार (आरजेएस) ने अपने विचार रखते हुए कहा कि सरकार एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बालिका विकास के लिए अनेक योजनाएं चला रहा है. प्रशिक्षू न्यायाधीश जतिन परमार ने विभिन्न महिला, बालिका सुरक्षा संरक्षण के विधि प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी. प्रशिक्षु न्यायाधीश विजय बाकोलिया एवं ललीत कुमार ने विचार व्यक्त करते हुए बालिकाओं को कानूनी सहायता एवं राज्य सरकार की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी. प्रशिक्षु न्यायाधीश ने बालिकाओं को प्रसन्न रह कर कार्य करने का मंत्र देते हुए सफलता की सीढ़ियां चढ़ने का आहवान किया. इस अवसर पर विधालय संरक्षक वरीष्ठ अधिवक्ता धनराज जोशी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि बालिका समाज का आधार हैं.