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गहलोत के गढ़ में आ रहे हैं सचिन पायलट, निकाले जा रहे कई राजनीतिक मायने - विधायक हेमाराम चौधरी

राजस्थान पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट कांग्रेस की सियासी घमासान के बाद पहली बार बाड़मेर आ रहे हैं. इस बार वह पायलट कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी कि छोटे भाई के निधन पर उनके परिवार को सांत्वना देने आ रहे हैं.

बाड़मेर पहुंचेंगे सचिन पायलट, Sachin Pilot will reach Barmer
सचिन पायलट का बाड़मेर दौरा
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Published : Aug 23, 2021, 9:54 AM IST

Updated : Aug 23, 2021, 11:04 AM IST

बाड़मेर. राजस्थान पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट 1 साल बाद बाड़मेर आ रहे हैं. इससे पहले जब पायलट बाड़मेर दौरे पर आए थे तो उनके साथ और आसपास हमेशा कार्यकर्ताओं से लेकर संगठन के पदाधिकारी विधायक और चुने हुए जनप्रतिनिधि साथ नजर आते थे, लेकिन अशोक गहलोत के साथ हुए सियासी घमासान ने अब परिस्थितियां बदल दी हैं. हालांकि इस बार पायलट कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी कि छोटे भाई के निधन पर उनके परिवार को सांत्वना देने आ रहे हैं.

पढ़ेंः राजस्थान पुलिस का विशेष अभियान, 5 सप्ताह में गिरफ्तार किए 10,665 बदमाश

उसके बाद पायलट ब्रह्मधाम आसोतरा में धार्मिक यात्रा करेंगे, लेकिन इस यात्रा के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. क्योंकि यह पहला मौका होगा जब सचिन पायलट विधायक की हैसियत से बाड़मेर आ रहे हैं, लेकिन इससे पहले जब भी आते थे तो संगठन के पदाधिकारियों से लेकर विधायक और मंत्री उनके साथ खड़े नजर आते थे अब देखने वाली बात होगी इस बार उनके साथ कौन खड़ा नजर आता है.

सियासी घमासान के बाद पहली बार बाड़मेर आ रहे सचिन पायलट

कांग्रेस में घमासान के बाद सचिन पायलट पहली बार कांग्रेस के गढ़ बाड़मेर जिले की यात्रा पर आ रहे हैं. ऐसे में सबकी निगाहें इस बात पर टिकी है कि उनके साथ कोई विधायक नजर आएगा या पार्टी के पदाधिकारी या चुने हुए जनप्रतिनिधि.

पढ़ेंः बाड़मेरः भारत सरकार की वैज्ञानिकों की टीम पहुंची लूनी नदी, रासायनिक पानी के लिए सैंपल

ऐसा माना जाता है कि बाड़मेर जिले में कुल 6 कांग्रेस विधायक हैं. जिसमें चार विधायक और एक कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी अशोक गहलोत के कट्टर समर्थक माने जाते हैं. वहीं, हेमाराम चौधरी पायलट गुट से आते हैं. जब सचिन पायलट पीसीसी चीफ हुआ करते थे तो बाड़मेर जिले में पायलट गुट के लोगों की संगठन में तूती बोलती थी, लेकिन पायलट के हट जाने के बाद पायलट के समर्थकों को पार्टी ने दरकिनार कर दिया गया है.

बाड़मेर. राजस्थान पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट 1 साल बाद बाड़मेर आ रहे हैं. इससे पहले जब पायलट बाड़मेर दौरे पर आए थे तो उनके साथ और आसपास हमेशा कार्यकर्ताओं से लेकर संगठन के पदाधिकारी विधायक और चुने हुए जनप्रतिनिधि साथ नजर आते थे, लेकिन अशोक गहलोत के साथ हुए सियासी घमासान ने अब परिस्थितियां बदल दी हैं. हालांकि इस बार पायलट कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी कि छोटे भाई के निधन पर उनके परिवार को सांत्वना देने आ रहे हैं.

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उसके बाद पायलट ब्रह्मधाम आसोतरा में धार्मिक यात्रा करेंगे, लेकिन इस यात्रा के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. क्योंकि यह पहला मौका होगा जब सचिन पायलट विधायक की हैसियत से बाड़मेर आ रहे हैं, लेकिन इससे पहले जब भी आते थे तो संगठन के पदाधिकारियों से लेकर विधायक और मंत्री उनके साथ खड़े नजर आते थे अब देखने वाली बात होगी इस बार उनके साथ कौन खड़ा नजर आता है.

सियासी घमासान के बाद पहली बार बाड़मेर आ रहे सचिन पायलट

कांग्रेस में घमासान के बाद सचिन पायलट पहली बार कांग्रेस के गढ़ बाड़मेर जिले की यात्रा पर आ रहे हैं. ऐसे में सबकी निगाहें इस बात पर टिकी है कि उनके साथ कोई विधायक नजर आएगा या पार्टी के पदाधिकारी या चुने हुए जनप्रतिनिधि.

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ऐसा माना जाता है कि बाड़मेर जिले में कुल 6 कांग्रेस विधायक हैं. जिसमें चार विधायक और एक कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी अशोक गहलोत के कट्टर समर्थक माने जाते हैं. वहीं, हेमाराम चौधरी पायलट गुट से आते हैं. जब सचिन पायलट पीसीसी चीफ हुआ करते थे तो बाड़मेर जिले में पायलट गुट के लोगों की संगठन में तूती बोलती थी, लेकिन पायलट के हट जाने के बाद पायलट के समर्थकों को पार्टी ने दरकिनार कर दिया गया है.

Last Updated : Aug 23, 2021, 11:04 AM IST
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