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किसान खुद ही अपनी फसलों के दाम तय करेंगे और बाजारों में बेचेंगेः केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री - आत्मनिर्भर भारत

किसानों के लिए एक अच्छी खबर है यह है कि किसान अपनी फसल का मूल्य स्वयं तय करेंगे. केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में साफतौर पर कहा कि यह योजना किसानों का आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनाया गया है.

कैलाश चौधरी, etv bharat, Rajasthan News
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी
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Published : May 27, 2020, 8:22 PM IST

बाड़मेर. देश में किसानों की हालत किसी से छिपी नहीं है, जीतोड़ मेहनत के बाद भी किसानों को अपनी फसल का सही से दाम नहीं मिल पाता है. इसके लिए कभी तो सरकार जिम्मेदार होती है तो कभी बिचौलिए. ऐसे में भला किसान क्या नहीं करे, औने पौने दामों में फसल को बेचकर किसान हमेशा ही घाटे में रहा है. लेकिन अब किसानों के लिए एक अच्छी खबर है यह है कि किसान अपनी फसल का मूल्य स्वयं तय करेंगे. केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में साफतौर पर कहा कि यह योजना किसानों का आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनाया गया है.

भारत को आत्मनिर्भर बनाने में गांव की बहुत बड़ी भूमिका

किसान बनेंगे आत्मनिर्भर

केंद्रीय मंत्री ने कहा, केंद्र सरकार की ग्राम स्वराज योजना का उद्देश्य है कि किसानों को मजबूत करना. उन्होंने कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह एक स्थाई काम है और आने वाले दिनों में किसान अपने फसल का मूल्य खुद ही तय कर सकेगा. केंद्र सरकार ने बजट के अंदर प्रावधान को भी बढाकर 1 लाख 51 हजार करोड़ कर दिया गया है. देश में लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो 20 लाख करोड़ का पैकेज दिया है, इसके अंदर भी करीब साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए आने वाले समय में कृषि के लिए खर्च होंगे.

10 हजार नए FPO रजिस्टर करने की योजना

10 हजार नए FPO रजिस्टर करने की योजना

मोदी सरकार देश में कॉपरेटिव खेती को बढ़ावा देने के लिए 10,000 नए कृषि उत्पादक संगठन (एफपीओ) रजिस्टर करने की योजना बना रही है. यही नहीं, प्रत्येक एफपीओ को खेती-किसानी संबंधी कामों के लिए 15 लाख रुपए भी दिए जाएंगे. इसमें कृषि बुवाई, कटाई से लेकर मार्केटिंग तक के काम शामिल रहेंगे. सरकार ने अभी देश के अंदर 25 शहरों को चयनित की है, जिनकी आबादी 20 से 25 लाख है. चयनित शहरों के आसपास के जिलों के जो किसान होंगे वो एफपीओ के अंतर्गत एक जगह सभी सब्जी-फल लेकर आएगी और वहां रेट तय किया जाएगा. जिससे किसान खुद ही आत्मनिर्भर बनेंगे और किसान खुद ही अपनी फसलों के दाम तय करेंगे और बाजारों में बेचेंगे.

टिड्डी से बचाव के लिए केंद्र सरकार की योजना

टिड्डी से बचाव के लिए केंद्र सरकार की योजना

केंद्र सरकार ने यूके की 60 कंपनियों को हैंडओवर दे दिया है, साथ ही 5 हेलिकॉप्टर से मशीनों को भी केंद्र सरकार की ओर से छिड़काव के लिए आदेश दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार टिड्डी प्रभावित इलाकों में हवाई छिड़काव के साथ-साथ ड्रोन से भी छिड़काव की व्यवस्था कर रही है, इसका भी टेंडर करवा दिया गया है. उन्होंने बताया कि पहली बार टिड्डी नियंत्रण के लिए ड्रोन से छिड़काव करने का काम किया गया है.

जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है केंद्र सरकार

जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है केंद्र सरकार

जैविक खेती के लिए भारत सरकार की अलग योजना है. उन्होंने कहा कि नॉर्थ इस्ट का जो क्षेत्र है वहां ऑर्गेनिक जोन घोषित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसे जगह जहां कीटनाशक का उपयोग नहीं हुआ है उस क्षेत्रों को भी चिन्हित किया जा रहा है और उसे भी ऑर्गेनिक जोन घोषित कर वहां जैविक खेती की जाएगी. इस जैविक के अंतर्गत सरकार किसानों को 3 साल के अंदर लगभग 50 हजार रुपए एक किसान को देने का प्रावधान है, जिससे कि किसान जैविक खेती को और ज्यादा बढ़ावा दे सके.

बाड़मेर. देश में किसानों की हालत किसी से छिपी नहीं है, जीतोड़ मेहनत के बाद भी किसानों को अपनी फसल का सही से दाम नहीं मिल पाता है. इसके लिए कभी तो सरकार जिम्मेदार होती है तो कभी बिचौलिए. ऐसे में भला किसान क्या नहीं करे, औने पौने दामों में फसल को बेचकर किसान हमेशा ही घाटे में रहा है. लेकिन अब किसानों के लिए एक अच्छी खबर है यह है कि किसान अपनी फसल का मूल्य स्वयं तय करेंगे. केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में साफतौर पर कहा कि यह योजना किसानों का आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनाया गया है.

भारत को आत्मनिर्भर बनाने में गांव की बहुत बड़ी भूमिका

किसान बनेंगे आत्मनिर्भर

केंद्रीय मंत्री ने कहा, केंद्र सरकार की ग्राम स्वराज योजना का उद्देश्य है कि किसानों को मजबूत करना. उन्होंने कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह एक स्थाई काम है और आने वाले दिनों में किसान अपने फसल का मूल्य खुद ही तय कर सकेगा. केंद्र सरकार ने बजट के अंदर प्रावधान को भी बढाकर 1 लाख 51 हजार करोड़ कर दिया गया है. देश में लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो 20 लाख करोड़ का पैकेज दिया है, इसके अंदर भी करीब साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए आने वाले समय में कृषि के लिए खर्च होंगे.

10 हजार नए FPO रजिस्टर करने की योजना

10 हजार नए FPO रजिस्टर करने की योजना

मोदी सरकार देश में कॉपरेटिव खेती को बढ़ावा देने के लिए 10,000 नए कृषि उत्पादक संगठन (एफपीओ) रजिस्टर करने की योजना बना रही है. यही नहीं, प्रत्येक एफपीओ को खेती-किसानी संबंधी कामों के लिए 15 लाख रुपए भी दिए जाएंगे. इसमें कृषि बुवाई, कटाई से लेकर मार्केटिंग तक के काम शामिल रहेंगे. सरकार ने अभी देश के अंदर 25 शहरों को चयनित की है, जिनकी आबादी 20 से 25 लाख है. चयनित शहरों के आसपास के जिलों के जो किसान होंगे वो एफपीओ के अंतर्गत एक जगह सभी सब्जी-फल लेकर आएगी और वहां रेट तय किया जाएगा. जिससे किसान खुद ही आत्मनिर्भर बनेंगे और किसान खुद ही अपनी फसलों के दाम तय करेंगे और बाजारों में बेचेंगे.

टिड्डी से बचाव के लिए केंद्र सरकार की योजना

टिड्डी से बचाव के लिए केंद्र सरकार की योजना

केंद्र सरकार ने यूके की 60 कंपनियों को हैंडओवर दे दिया है, साथ ही 5 हेलिकॉप्टर से मशीनों को भी केंद्र सरकार की ओर से छिड़काव के लिए आदेश दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार टिड्डी प्रभावित इलाकों में हवाई छिड़काव के साथ-साथ ड्रोन से भी छिड़काव की व्यवस्था कर रही है, इसका भी टेंडर करवा दिया गया है. उन्होंने बताया कि पहली बार टिड्डी नियंत्रण के लिए ड्रोन से छिड़काव करने का काम किया गया है.

जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है केंद्र सरकार

जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है केंद्र सरकार

जैविक खेती के लिए भारत सरकार की अलग योजना है. उन्होंने कहा कि नॉर्थ इस्ट का जो क्षेत्र है वहां ऑर्गेनिक जोन घोषित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसे जगह जहां कीटनाशक का उपयोग नहीं हुआ है उस क्षेत्रों को भी चिन्हित किया जा रहा है और उसे भी ऑर्गेनिक जोन घोषित कर वहां जैविक खेती की जाएगी. इस जैविक के अंतर्गत सरकार किसानों को 3 साल के अंदर लगभग 50 हजार रुपए एक किसान को देने का प्रावधान है, जिससे कि किसान जैविक खेती को और ज्यादा बढ़ावा दे सके.

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