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विद्युत बिल माफ करने की मांग को लेकर किसानों ने दिया धरना, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन - विद्युत बिल की माफी के लिए प्रदर्शन

बाड़मेर के धोरीमन्ना उपखंड मुख्यालय पर भारतीय किसान संघ के बैनर तले मंगलवार को किसानों ने बिजली के बिल माफ करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर सहायक अभियंता कार्यालय के आगे धरना प्रदर्शन किया. साथ ही सहायक अभियंता प्रदीप चौधरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन भी सौंपा.

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विद्युत बिल की माफी के लिए किसानों ने किया प्रदर्शन
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Published : Jun 23, 2020, 6:46 PM IST

धोरीमन्ना (बाड़मेर). लॉकडाउन के दौरान किसानों के काम धंधे बंद हो गए. ऐसे में अब किसान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बिजली के माफ करने की मांग कर रहे हैं . इसको लेकर बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना उपखंड में किसानों ने भारतीय किसान संघ के बैनर तले एक दिवसीय सहायक अभियंता कार्यालय के आगे धरना प्रदर्शन किया. साथ ही मुख्यमंत्री के नाम सहायक अभियंता प्रदीप चौधरी को मांग पत्र सौंपा.

विद्युत बिल की माफी के लिए किसानों ने किया प्रदर्शन

किसानों ने कहा कि वर्तमान सरकार ने किसानों के हितों पर कुठाराघात करते हुए विद्युत अनुदान की राशि को बंद करके घोर अन्याय किया है. इस दौरान किसान संघ के तहसील प्रमुख ने किसानों के विद्युत बिल में सुधार में अनुदान की राशि को तुरंत खातों में सीधे जमा करवाने का आग्रह किया. किसानों ने ज्ञापन में घरेलू फीडर पर कम से कम 24 घंटे, कृषि और घरेलू मिश्रित फ्रीडम पर कम से कम 20 घंटे, कृषि में 6:30 घंटे दिन में और 7 घंटे रात में विद्युत सप्लाई सुनिश्चित किए जाने की मांग की. साथ ही कृषि विद्युत सप्लाई में वोल्टेज ट्रिपिंग की समस्या के समाधान की भी मांग की.

यह भी पढ़ें. विदेशों से टिड्डी को लेकर मिली चेतावनी चिंताजनक, नियंत्रण के प्रभावी उपाय पर काम जारी : कृषि मंत्री

ज्ञापन में ऑडिट राशि और सामान्य रीडिंग जोड़कर गलत जारी किए गए बिलों में सुधार करने, किसानों की बिना सहमति के बढ़ाए गए विद्युत भार को वापस लेकर पूर्व में स्वीकृत विद्युत भार अनुसार संशोधित बिल जारी करने और 1 वर्ष से पहले के समय की विद्युत बिलों में जोड़ी गई ऑडिट राशि को वापस लेने की भी मांग की. विद्युत बिल में बकाया 833 रुपये प्रति माह के विद्युत अनुदान को एकमुश्त विद्युत बिलों में समायोजित करने, कृषि विद्युत नीति 2004 के अनुसार विद्युत कनेक्शन के दौरान 5 पोल से कम पोल लगने पर प्रति पोल 25 सौ रुपये का पूर्व भुगतान किसानों को नहीं किया गया है. उस राशि को भी सभी उपभोक्ताओं के बिलों में क्रेडिट की मांग की गई है.

धोरीमन्ना (बाड़मेर). लॉकडाउन के दौरान किसानों के काम धंधे बंद हो गए. ऐसे में अब किसान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बिजली के माफ करने की मांग कर रहे हैं . इसको लेकर बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना उपखंड में किसानों ने भारतीय किसान संघ के बैनर तले एक दिवसीय सहायक अभियंता कार्यालय के आगे धरना प्रदर्शन किया. साथ ही मुख्यमंत्री के नाम सहायक अभियंता प्रदीप चौधरी को मांग पत्र सौंपा.

विद्युत बिल की माफी के लिए किसानों ने किया प्रदर्शन

किसानों ने कहा कि वर्तमान सरकार ने किसानों के हितों पर कुठाराघात करते हुए विद्युत अनुदान की राशि को बंद करके घोर अन्याय किया है. इस दौरान किसान संघ के तहसील प्रमुख ने किसानों के विद्युत बिल में सुधार में अनुदान की राशि को तुरंत खातों में सीधे जमा करवाने का आग्रह किया. किसानों ने ज्ञापन में घरेलू फीडर पर कम से कम 24 घंटे, कृषि और घरेलू मिश्रित फ्रीडम पर कम से कम 20 घंटे, कृषि में 6:30 घंटे दिन में और 7 घंटे रात में विद्युत सप्लाई सुनिश्चित किए जाने की मांग की. साथ ही कृषि विद्युत सप्लाई में वोल्टेज ट्रिपिंग की समस्या के समाधान की भी मांग की.

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ज्ञापन में ऑडिट राशि और सामान्य रीडिंग जोड़कर गलत जारी किए गए बिलों में सुधार करने, किसानों की बिना सहमति के बढ़ाए गए विद्युत भार को वापस लेकर पूर्व में स्वीकृत विद्युत भार अनुसार संशोधित बिल जारी करने और 1 वर्ष से पहले के समय की विद्युत बिलों में जोड़ी गई ऑडिट राशि को वापस लेने की भी मांग की. विद्युत बिल में बकाया 833 रुपये प्रति माह के विद्युत अनुदान को एकमुश्त विद्युत बिलों में समायोजित करने, कृषि विद्युत नीति 2004 के अनुसार विद्युत कनेक्शन के दौरान 5 पोल से कम पोल लगने पर प्रति पोल 25 सौ रुपये का पूर्व भुगतान किसानों को नहीं किया गया है. उस राशि को भी सभी उपभोक्ताओं के बिलों में क्रेडिट की मांग की गई है.

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