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भारत छोड़ो आंदोलन में निभाई थी सक्रिय भूमिका, आज परिवार इंसाफ के लिए दर-दर भटकने को मजबूर

आज 15 अगस्त को जहां पूरा देश एक तरफ स्वाधीनता दिवस मना रहा है, वहीं दूसरी तरफ स्वाधीनता दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों का परिवार अपनी समस्याओं के समाधान को लेकर प्रशासन के पास गुहार लगा रहा है.

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Published : Aug 15, 2019, 10:38 PM IST

बाड़मेर. जिले के गडरा रोड के स्वतंत्रता सेनानी तेजूराम मेघवाल की पत्नी व उनके परिवार के सदस्य बाड़मेर जिला कलेक्टर कार्यालय के अपने जमीन संबंधी समस्या के निपटारे हेतु कई बार ज्ञापन सौंप चुके हैं. लेकिन उनकी समस्या का समाधान होता नजर नहीं आ रहा है.

कलेक्ट्रेट के चक्कर काटने को मजबूर स्वतंत्रता सेनानी का परिवार

स्वतंत्रता सेनानी तेजूराम के पोते का कहना है कि गडरा रोड में हमारे घर के पास सरकारी जमीन पर सन 1980 से कृषि भूमि पर कबजा है. आसपास के कई लोगों के जमीनों पर भी कब्जा था. इस पर हमने केस लड़ा और हमें न्यायालय द्वारा जमीन आवंटन करने का आदेश भी मिल चुका है. इस पर कई लोगों को जमीनें आवंटित हो गई हैं, लेकिन हमारे परिवार को अब तक जमीन आवंटित नहीं हुई.

पढ़ें: स्वतंत्रता दिवस पर गहलोत सरकार का तोहफा, परीक्षार्थियों और स्वतंत्रता सेनानियों समेत इनको मिलेगी 'खास' सुविधा

इसको लेकर हमने कई बार जिला कलेक्टर, उपखंड अधिकारी और तहसीलदार सहित अधिकारियों को ज्ञापन दिया. लेकिन इस पर कोई अमल नहीं किया गया. बता दें कि गडरा रोड के तेजूराम मेघवाल ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. जिस कारण उन्हें हैदराबाद के जेल में 9 साल की सजा भी भुगतनी पड़ी थी. इसके अलावा भी तेजूराम ने देश को आजादी दिलाने के लिए कई आंदोलनों में भाग लिया और 1972 को तत्कालीन सरकार द्वारा ताम्रपत्र देकर स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया गया.

बाड़मेर. जिले के गडरा रोड के स्वतंत्रता सेनानी तेजूराम मेघवाल की पत्नी व उनके परिवार के सदस्य बाड़मेर जिला कलेक्टर कार्यालय के अपने जमीन संबंधी समस्या के निपटारे हेतु कई बार ज्ञापन सौंप चुके हैं. लेकिन उनकी समस्या का समाधान होता नजर नहीं आ रहा है.

कलेक्ट्रेट के चक्कर काटने को मजबूर स्वतंत्रता सेनानी का परिवार

स्वतंत्रता सेनानी तेजूराम के पोते का कहना है कि गडरा रोड में हमारे घर के पास सरकारी जमीन पर सन 1980 से कृषि भूमि पर कबजा है. आसपास के कई लोगों के जमीनों पर भी कब्जा था. इस पर हमने केस लड़ा और हमें न्यायालय द्वारा जमीन आवंटन करने का आदेश भी मिल चुका है. इस पर कई लोगों को जमीनें आवंटित हो गई हैं, लेकिन हमारे परिवार को अब तक जमीन आवंटित नहीं हुई.

पढ़ें: स्वतंत्रता दिवस पर गहलोत सरकार का तोहफा, परीक्षार्थियों और स्वतंत्रता सेनानियों समेत इनको मिलेगी 'खास' सुविधा

इसको लेकर हमने कई बार जिला कलेक्टर, उपखंड अधिकारी और तहसीलदार सहित अधिकारियों को ज्ञापन दिया. लेकिन इस पर कोई अमल नहीं किया गया. बता दें कि गडरा रोड के तेजूराम मेघवाल ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. जिस कारण उन्हें हैदराबाद के जेल में 9 साल की सजा भी भुगतनी पड़ी थी. इसके अलावा भी तेजूराम ने देश को आजादी दिलाने के लिए कई आंदोलनों में भाग लिया और 1972 को तत्कालीन सरकार द्वारा ताम्रपत्र देकर स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया गया.

Intro:बाड़मेर

स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार अपनी समस्या समाधान के लिए कलेक्ट्रेट के चक्कर निकाल रहे हैं

आज 15 अगस्त को जहां पूरा देश एक तरफ स्वाधीनता दिवस मना रहा वहीं दूसरी तरफ स्वाधीनता दिल दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के सदस्य अपनी समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासन के पास गुहार लगा रहे हैंBody:बाड़मेर जिले के गडरा रोड के स्वतंत्रता सेनानी तेजू राम मेघवाल की पत्नी व उनके परिवार के सदस्य बाड़मेर जिला कलेक्टर कार्यालय के अपने जमीन संबंधी समस्या के निपटारे हेतु कई बार ज्ञापन सौंप चुके हैं लेकिन उनकी समस्या का समाधान होते नजर नहीं आ रहा है ।स्वतंत्रता सेनानी तेजू राम के पोते का कहना है हमारे गडरा रोड में घर के पास सरकारी जमीन पर सन 1980 से कृषि भूमि पर कबजा है और आसपास के कई लोगों का भी जमीनों पर कब्जा था इस पर हमने केस लड़ा और हमें न्यायालय द्वारा जमीन आवंटन करने का आदेश भी मिल चुका है इस पर कई लोगों को जमीन आवंटित भी हो गई है लेकिन हमारे परिवार को अब तक जमीन आवंटित नहीं हुई है इसको लेकर हमने कई बार जिला कलेक्टर उपखंड अधिकारी तहसीलदार सहित अधिकारियों को ज्ञापन दिया है लेकिन इस पर कोई अमल नहीं किया गया।Conclusion:आपको बता दें की गडरा रोड कि तेजू राम मेघवाल ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन सक्रिय भूमिका निभाई जिस कारण उन्हें हैदराबाद के जेल में 9 साल की सजा भी भुगतनी पड़ी थी इसके अलावा भी तेजू राम ने देश को आजादी दिलाने के लिए कई आंदोलनों में भाग लिया और 1972 को तत्कालीन सरकार द्वारा में ताम्रपत्र देकर स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया गया।

बाईट - पत्नी, स्वतंत्रता सेनानी तेजू रामबाईट - पोता, स्वतंत्रता सेनानी तेजू राम
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