बाड़मेर. देश में अभी लॉकडाउन 4.0 चल रहा है, जिसमें केंद्र सरकार की ओर से कुछ छूट दी गई है, लेकिन इस छूट के बाद भी किसानों को खाद, बीज आदि खेती से जुड़ी जरूरी चीजों के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसानों के इस समस्या के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है, सरकार की आगे की योजना क्या है, इन सभी मुद्दों पर बुधवार को ईटीवी भारत ने केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी से बातचीत की.
सवाल- केंद्र सरकार का किसानों के लिए क्या योजना है?
जवाब- केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ग्रामीण स्वराज्य योजना के कल्पना को पूरा करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है. भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आने वाले समय में गांवों की बहुत बड़ी भूमिका होगी. मोदी सरकार की जो योजना है कि भारत में 2022 तक गांवों में कृषि की आय को दोगुनी की जाए. चौधरी ने कहा कि देश में लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो 20 लाख करोड़ का पैकेज दिया है, इसके अंदर भी करीब साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए आने वाले समय में कृषि के लिए खर्च होंगे.
पढ़ें- क्या होगा प्याज का?...पिछले साल 100 रुपए में बिकी, अब 5 रुपए में भी खरीदार नहीं
कैलाश चौधरी ने कहा कि सरकार ने लॉकडाउन के दौरान भी किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस दौरान दूसरे राज्यों से फसल कटाई के लिए कोई मशीनरी की जरूरत पड़ी तो उसके लिए छूट दे रखी थी. साथ की फल और सब्जियों के एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन के लिए भी छूट दे रखी थी.
सवाल-जैविक खेती को लेकर सरकार क्या कर रही है?
जवाब- कैलाश चौधरी ने कहा कि कीटनाशक का उपयोग टिड्डी नियंत्रण के लिए किया जा रहा है. उनका कहना है कि आज टिड्डी अगर जैविक खेती पर हमला कर दे तो उसको मारना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि टिड्डी झुंड में आती है और इसकी लंबाई 20-20 किलोमीटर तक होती है. इसके नियंत्रण के लिए विश्व में जो प्रावधान उसी के तहत काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उसी प्रावधान के अनुसार कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है.
सवाल- थार में किसानों को पानी की समस्या का समाधान कैसे होगा?
जवाब- केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूरे देश की बात की जाए तो देश में नदियों से नदियों को जोड़ने का जो कार्यक्रम केंद्र सरकार का है उसके अंदर जलशक्ति मंत्रालय अलग से बनाया गया है. इसके द्वारा देश भर के अंदर नदियों से नदियों को जोड़ने का कार्यक्रम चल रहा है. उन्होंने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान की गहलोत सरकार पानी की समस्या को लेकर गंभीर नहीं है. पिछले साल केंद्र सरकार की ओर से 700 करोड़ रुपए दिए गए थे. इसके अंतर्गत राज्य सरकार को प्रदेश में पानी की जहां समस्या है वहां पाइपलाइन बिछवाना था, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी सरकार ने एक रुपया खर्च नहीं किया.
सवाल- बाड़मेर रिाफाइनरी का काम कब तक पूरा होगा?
जवाब- केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बाड़मेर में जो रिफाइनरी का कार्य है वह लेट हो गया है. उन्होंने कहा कि बाड़मेर में रिफाइनरी के लिए 2006 में जब वसुंधरा राजे की सरकार थी तभी भी जमीन का चयन किया गया था. उन्होंने कहा कि इसके बाद 5 साल प्रदेश में गहलोत की सरकार रही, लेकिन इन 5 सालों में कुछ नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि उसके बाद जब फिर से जब वसुंधरा की सरकार आई तो काम को आगे बढ़ाया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस काम का शिलान्यास भी करवाया गया. यह प्रोजेक्ट 56 हजार करोड़ रुपए का है और अभी भी इसका काम शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा कि इस रिफाइनरी का मैं खुद ही मॉनिटरिंग भी कर रहा हूं.