बाड़मेर. लॉकडाउन में कोई भी गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति भूखा ना रहे. इसी मंशा के साथ सरकार काम कर रही है. लेकिन बावजूद इसके आज भी कई राशन धारकों को गेहूं नहीं मिल रहा है. जिसके चलते उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शहर से लेकर गांव तक ऐसे हालात हैं, कि जरूरतमंद व्यक्ति राशन डीलर और कलेक्ट्रेट कार्यालय के चक्कर काट रहा है. लेकिन उन्हें गेहूं नहीं दिया जा रहा है.
वहीं आए दिन कई लोग और महिलाएं कलेक्ट्रेट कार्यालय के चक्कर काट रही हैं. इस पर जिले के केरली नाडी निवासी हरिराम बताते हैं कि सरकार ने फ्री गेहूं देने की बात तो कही है. लेकिन राशन डीलर गेहूं नहीं दे रहा है. उन्होंने बताया कि 2 महीने से राशन नहीं मिल रहा है. जिसके चलते उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है. लॉकडाउन में आवागमन भी बंद है. लेकिन बावजूद इसके जैसे तैसे लोग जिला मुख्यालय पहुंचकर अपनी समस्याओं के निदान के लिए चक्कर काट रहे हैं. उन्होंने बताया कि गांव में ऐसे 60 लोग हैं जिन्हें पिछले 2 महीनों से राशन नहीं मिला है.
इसी तरह बाड़मेर शहर के कई अलग-अलग मोहल्लों की महिलाओं ने बताया कि उन्हीं भी राशन विक्रेता के गेहूं ना देने की बात कही है. उन्होंने बताया कि राशन विक्रेता कभी मशीन खराब तो कभी खाद्य सुरक्षा में नाम ना जुड़े होने का हवाला देकर गेहूं नहीं दे रहा है.
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हालात ये है कि सरकार ने फ्री गेहूं देने का फैसला तो कर लिया, लेकिन राशन विक्रेताओं की वजह से आज भी कई गरीब जरूरतमंद लोगों को राशन नहीं मिल रहा है. लिहाजा शासन और प्रशासन को इस ओर ध्यान देकर इस प्रक्रिया को आसान कर देना चाहिए ताकि गरीब जरूरतमंद लोगों को समय पर राशन मिल सके और वह अपना गुजर बसर कर सकें.