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बाड़मेर : नए साल से जसोल माता मंदिर में श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन...नहीं चढ़ेगा प्रसाद - corona virus in Barmer

कोरोना महामारी से बचाव और लॉकडाउन के चलते सरहदी जिले बाड़मेर के जसोल धाम स्थित विख्यात माता रानी भटियाणी मंदिर का कपाट 22 मार्च से बंद है. भक्त नए साल से माता के दर्शन कर सकेंगे.

Jasol Mata temple in Barmer, Devotees visit the Jasol Mata temple
नए साल से जसोल माता मंदिर में श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
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Published : Dec 30, 2020, 10:02 PM IST

बालोतरा (बाड़मेर). कोरोना महामारी से बचाव और लॉकडाउन के चलते सरहदी जिले बाड़मेर के जसोल धाम स्थित विख्यात माता रानी भटियाणी मंदिर के कपाट 22 मार्च से बंद है. कोई भी श्रद्धालु मंदिर में पहुंच कर दर्शन नहीं कर पा रहे हैं. मंदिर संस्थान की ओर से मंदिर बंद रहने के दौरान भी पूर्व की भांति मंदिर में आरती सहित विविध प्रकार के पूजा कार्यक्रम का आयोजन बिना भक्तों के किए गए हैं. ऐसे में अब 10 माह के लंबे इंतजार के बाद भक्तों को नए साल 1 जनवरी से माता के दर्शनों का लाभ मिलेगा.

मन्दिर में आने वाले भक्तों को माता की मोहिनी मूर्त के दर्शन होंगे. संस्थान अध्यक्ष रावल किशनसिंह जसोल ने बताया कि सरकार के द्वारा कोरोना बचाव को लेकर जारी की गई गाइडलाइंस के बाद मन्दिर बन्द किए गए थे. अब मंदिर खोलने के जिला प्रशासन के आदेश के बाद मंदिर ट्रस्ट की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. उन्होंने बताया कि मन्दिर ट्रस्ट की ओर से सुरक्षा को लेकर भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

यह भी पढ़ें- हनुमान बेनीवाल का बड़ा आरोप, कहा- खाली पदों और भर्तियों को पारदर्शी तरीके से करवाने को लेकर गंभीर नहीं राज्य सरकार

मन्दिर ट्रस्ट अध्यक्ष रावल किशनसिंह जसोल ने बताया कि भक्तों को माता के दर्शनों से पहले सुरक्षा मानकों को पूरा करना पड़ेगा. उसके बाद माता राणी भटियाणी के दर्शन होंगे. आने वाले सभी दर्शनार्थियों का बिना मास्क के मंदिर में प्रवेश पूर्ण रूप से वर्जित रहेगा. मन्दिर प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग, श्रद्धालुओं के लिए मन्दिर के बाहर साबुन से हाथ धोने और प्रवेश करने पर सैनिटाइजर किया जाएगा. वहीं, मन्दिर के अंदर लगी रेलिंग पर छः गज की दूरी पर रेडियम पट्टी से निशान बनाए गए हैं. इसमें खड़े होकर श्रद्धालु आपस में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कर सके. मन्दिर ट्रस्ट की ओर से श्रद्धालुओं की सुरक्षा के तौर पर ऑडियो प्रसारण कर आने वालों को कोरोना से बचाव के प्रति जागरूक किया जाएगा.

मंदिर में नहीं चढ़ेगा प्रसाद...

कोरोना को लेकर बन्द हुए मन्दिर के बाद अब जिला प्रशासन के आदेश के बाद मंदिर खोले जा रहे हैं. ऐसे में मंन्दिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का आना जाना होगा. पश्चिमी राजस्थान के बड़े मंदिरों में शुमार माता राणी भटियाणी के दर्शन को लेकर हजारो श्रद्धालु पहुंचते हैं. ऐसे में सुरक्षा कारणों को लेकर श्रदालु मन्दिर में प्रसादी नहीं ले जा सकते हैं. मन्दिर प्रबंधन ने बताया कि कोरोना को लेकर सरकारी गाइडलाइंस के तहत प्रसादी निज मन्दिर में नहीं चढाई जाएगी. साथ ही मन्दिर में फूल माला, घण्टी बजाना, सवामणी करना, जल का छिड़काव करने पर प्रतिबंध रहेगा. केवल दर्शनों के लिए आने की अनुमति दी जाएगी.

लंबे इंतजार के बाद होंगे माता रानी के दर्शन...

कोरोना को लेकर जब से मन्दिर बन्द हुए थे उसके बाद मन्दिर को खोलने को लेकर कई रूपों से कयास लगाए जा रहे थे ओर लगातार संशय भी बना हुआ था कि कोरोना से कितने दिन तक मन्दिर बन्द रहेगा. माता राणी भटियाणी के भक्त देशभर में अलग-अलग स्थानों पर रहकर इस महामारी से बचाव के लिए प्रार्थना कर रहे थे. माता का मंदिर कब खुलेगा, हालात कब सामान्य होंगे, वे यहां आकर कब माता के दर्शन कर पूजा-अर्चना कर सकेंगे. इन सबको लेकर जिला प्रशासन के आदेश के बाद नए साल की शुरुआत के साथ आने वाले भक्तों को माता के दर्शन हो पाएंगे.

बालोतरा (बाड़मेर). कोरोना महामारी से बचाव और लॉकडाउन के चलते सरहदी जिले बाड़मेर के जसोल धाम स्थित विख्यात माता रानी भटियाणी मंदिर के कपाट 22 मार्च से बंद है. कोई भी श्रद्धालु मंदिर में पहुंच कर दर्शन नहीं कर पा रहे हैं. मंदिर संस्थान की ओर से मंदिर बंद रहने के दौरान भी पूर्व की भांति मंदिर में आरती सहित विविध प्रकार के पूजा कार्यक्रम का आयोजन बिना भक्तों के किए गए हैं. ऐसे में अब 10 माह के लंबे इंतजार के बाद भक्तों को नए साल 1 जनवरी से माता के दर्शनों का लाभ मिलेगा.

मन्दिर में आने वाले भक्तों को माता की मोहिनी मूर्त के दर्शन होंगे. संस्थान अध्यक्ष रावल किशनसिंह जसोल ने बताया कि सरकार के द्वारा कोरोना बचाव को लेकर जारी की गई गाइडलाइंस के बाद मन्दिर बन्द किए गए थे. अब मंदिर खोलने के जिला प्रशासन के आदेश के बाद मंदिर ट्रस्ट की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. उन्होंने बताया कि मन्दिर ट्रस्ट की ओर से सुरक्षा को लेकर भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

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मन्दिर ट्रस्ट अध्यक्ष रावल किशनसिंह जसोल ने बताया कि भक्तों को माता के दर्शनों से पहले सुरक्षा मानकों को पूरा करना पड़ेगा. उसके बाद माता राणी भटियाणी के दर्शन होंगे. आने वाले सभी दर्शनार्थियों का बिना मास्क के मंदिर में प्रवेश पूर्ण रूप से वर्जित रहेगा. मन्दिर प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग, श्रद्धालुओं के लिए मन्दिर के बाहर साबुन से हाथ धोने और प्रवेश करने पर सैनिटाइजर किया जाएगा. वहीं, मन्दिर के अंदर लगी रेलिंग पर छः गज की दूरी पर रेडियम पट्टी से निशान बनाए गए हैं. इसमें खड़े होकर श्रद्धालु आपस में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कर सके. मन्दिर ट्रस्ट की ओर से श्रद्धालुओं की सुरक्षा के तौर पर ऑडियो प्रसारण कर आने वालों को कोरोना से बचाव के प्रति जागरूक किया जाएगा.

मंदिर में नहीं चढ़ेगा प्रसाद...

कोरोना को लेकर बन्द हुए मन्दिर के बाद अब जिला प्रशासन के आदेश के बाद मंदिर खोले जा रहे हैं. ऐसे में मंन्दिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का आना जाना होगा. पश्चिमी राजस्थान के बड़े मंदिरों में शुमार माता राणी भटियाणी के दर्शन को लेकर हजारो श्रद्धालु पहुंचते हैं. ऐसे में सुरक्षा कारणों को लेकर श्रदालु मन्दिर में प्रसादी नहीं ले जा सकते हैं. मन्दिर प्रबंधन ने बताया कि कोरोना को लेकर सरकारी गाइडलाइंस के तहत प्रसादी निज मन्दिर में नहीं चढाई जाएगी. साथ ही मन्दिर में फूल माला, घण्टी बजाना, सवामणी करना, जल का छिड़काव करने पर प्रतिबंध रहेगा. केवल दर्शनों के लिए आने की अनुमति दी जाएगी.

लंबे इंतजार के बाद होंगे माता रानी के दर्शन...

कोरोना को लेकर जब से मन्दिर बन्द हुए थे उसके बाद मन्दिर को खोलने को लेकर कई रूपों से कयास लगाए जा रहे थे ओर लगातार संशय भी बना हुआ था कि कोरोना से कितने दिन तक मन्दिर बन्द रहेगा. माता राणी भटियाणी के भक्त देशभर में अलग-अलग स्थानों पर रहकर इस महामारी से बचाव के लिए प्रार्थना कर रहे थे. माता का मंदिर कब खुलेगा, हालात कब सामान्य होंगे, वे यहां आकर कब माता के दर्शन कर पूजा-अर्चना कर सकेंगे. इन सबको लेकर जिला प्रशासन के आदेश के बाद नए साल की शुरुआत के साथ आने वाले भक्तों को माता के दर्शन हो पाएंगे.

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