बाड़मेर. राजस्थान के बाड़मेर में किसानों ने नवाचार करते हुए यूरोपियन सब्जी ब्रोकली की खेती की शुरुआत की है. किसान खेताराम के मुताबिक ब्रोकली की खेती उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं था, क्योंकि देश में कई स्थानों पर तो इसकी खेती ग्रीन हाउस में होती है. उन्होंने कृषि विशेषज्ञों के निर्देशन में लगातार प्रयास जारी रखे. बाड़मेर जिले में पहली मर्तबा उनके खेत में ब्रोकली की पैदावार हुई है.
खेताराम के अनुसार अब आसपास के किसान ब्रोकली को देखने आ रहे है. सहगल फाउंडेशन एवं केयर्न ऑयल एंड गैस के सहयोग से इस बार प्रयोग के तौर पर दो किसानों के खेतों में ब्रोकली के प्रदर्शन लगाए गए. इसके बेहतर परिणाम आए हैं. बाड़मेर उन्नति परियोजना के तहत लगाए गए बेर के पौधे भी सैकड़ों किसानों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं.
कलानियों की ढाणी निवासी किसान भोमाराम, आंबाराम एवं राणाराम बेर की पैदावार को लेकर बेहद खुश हैं. इनको काजरी से उन्नत नस्ल के पौधे, ड्रिप, जाली उपलब्ध करवाई. भोमाराम बताते हैं कि बेर उत्पादन से रोजगार मिलने के साथ मवेशियों के लिए चारा और लकड़ियां मिल जाती हैं. वे पानी की कमी होने के कारण बेर के पौधे में बून्द-बून्द तकनीक के जरिए सिंचाई कर रहे हैं.
ब्रोकली की विशेषता...
ब्रोकली में प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, विटामिन -ए, सी और कई अन्य पोषक तत्व होते हैं. लोग इसे सब्जी बनाकर खाते हैं. इसका सूप भी बनाकर पी सकते हैं. इसका नियमित सेवन सेहत को कई तरह से लाभ पहुंचाता है.
औषधीय गुण...
ब्रोकली में बीटा कैरोटीन होता है जो आंखों में मोतियाबिंद और मस्कुलर डिसऑर्डर होने से रोकता है. वहीं, ब्रोकली में कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम और जिंक होता है, जो हड्डियों को मजबूत करते हैं. ब्रोकली बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छी मानी जाती है. यह एनीमिया और अल्जाइमर से बचाता है, क्योंकि इसमें आयरन और फोलेट पाया जाता है.
ब्रोकली से शुगर एवं हार्ट पेशेंट को काफी फायदा पहुंचता है. सहगल फाउंडेशन से जुड़े कृषि विशेषज्ञ भानु प्रताप सिंह के मुताबिक ब्रोकली गोभी का ही एक पौधा है. इसका ठंडे प्रदेशों में अच्छा उत्पादन होता है. ब्रोकली की प्रजाति पूसा केटीएस-1, पालम समृद्धि में अन्य गोभियों की अपेक्षा विटामिन-ए की मात्रा प्रचुर मात्रा में रहता है और इसमें एंटी कैंसर प्रापर्टी पाया जाता है. ब्रोकली शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और कैंसर जैसे भयानक बीमारी से लड़ने में मदद करता है. उनके मुताबिक अगले साल इसकी बड़े पैमाने पर इसकी खेती की जाएगी.