बाड़मेर. जिले में कोरोना पॉजिटिव आने वाले मरीजों को पहले जोधपुर भेजा जा रहा था, लेकिन पिछले कुछ दिनों से उन्हें बाड़मेर के राजकीय अस्पताल में बनाए गए कोविड-19 सेंटर में रखा जा रहा था. वहीं, बाड़मेर विधायक मेवाराम की ओर से अधिकारियों को दिए गए निर्देशों के बाद अब राजकीय अस्पताल से कोविड-19 सेंटर हटाया दिया गया है और शहर से 8 किलोमीटर दूर स्थित एक सरकारी भवन को अधिग्रहण कर कोविड-19 सेंटर बनाया गया है. अब पॉजिटिव मरीजों को उसी सेंटर में रखा जाएगा.
बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने बताया कि बाड़मेर शहर के बीचो-बीच बने अस्पताल में कोविड-19 सेंटर होने की वजह से लोगों में भय का माहौल था. इससे अस्पताल की ओपीडी भी दो हजार से घटकर अब दो-तीन सौ पर आ गई है, जिससे अन्य मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. इस बात को देखते हुए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राजकीय अस्पताल में बनी कोविड-19 को वहां से हटाकर शहर से दूर स्थापित कर पॉजिटिव मरीजों को वहां रखा जाए. ताकि शहर के लोगों में भय का माहौल ना हो और अपने इलाज के लिए वे अस्पताल आ सके.
वहीं, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कमलेश चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों को पहले जोधपुर के लिए रेफर किया जा रहा था, लेकिन अब उन्हें बाड़मेर में ही रखा जा रहा है. ऐसे में बाड़मेर अस्पताल में कोविड-19 सेंटर बनाया गया है, जहां पर पॉजिटिव मरीजों को रखा जा रहा था. लेकिन अब राजकीय अस्पताल से सेंटर को हटाकर शहर से करीब 8 किलोमीटर दूर स्थित एक सरकारी भवन को अधिग्रहण किया गया है, जहां पर अब को कोविड-19 सेंटर बनाया गया है. अब मरीजों को वहां पर शिफ्ट किया जाएगा.