बाड़मेर. हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का पर्व बेहद शुभ माना जाता है. यह पर्व वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यानि सोमवार को मनाया गया है. लॉकडाउन का अनुपालन करते हुए आखातीज पर बाड़मेर जिला अनाज व्यापार संघ ने शुगन देखने की वर्षों पुरानी परम्परा को कायम रखा. और रविवार को स्थानीय ढ़ाणी मंदिर के पास शगुन देखने का कार्यक्रम रखा गया.
इस पर कैलाश कोटड़िया ने बताया कि परम्परा अनुसार मिट्टी के कुल्हड़ बनाकर चैमाचे के माह अनुसार पानी डाला गया. जिसमें सावण और भादवो माह में अच्छी बरसात होने के संकेत मिलें हैं. ऊन को पानी में डुबोया तो काली ऊन पानी में डूब गई, जिससे अच्छे जमाने की आस रखी गई.
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वहीं शगुन में भावों के आंकलन में मोठ 5500, मूँग 6500, मतीरा 5500, गवार 3600, तिल 7100, बाजरा 1500, रूपये प्रति 100 किलो के भाव दीपावली पर होने के संकेत मिलें हैं. विभिन्न तरह की शुगन मान मनुहार में रखे पंच मेवे, ठंडाई, खरबूजा की मनुहार की गई और अनाज व्यापारियों पर रौनक नजर आई है. इसी को लेकर मारवाड़ी में कहावत कि इस बार जमाना जमाने कर पुरी आस है.