बाड़मेर. प्रदेश में कानून व्यवस्थाओं को लेकर गहलोत सरकार पहले से ही चर्चाओं में है और अब बाड़मेर जिले के धोरीमना में एक दिव्यांग के ठेले पर तोड़फोड़ करने के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करने की बजाय परिवादी को ही थाने बुलाकर उसके साथ मारपीट कर दी. इस पूरे मामले को लेकर दिव्यांगों में खासा रोष व्याप्त है. विकलांग शिक्षा एवं कल्याण संस्थान के बैनर तले गुरुवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर बड़ी संख्या में दिव्यांगों ने एसपी को ज्ञापन सौंपकर उक्त मामले में कार्रवाई करने की मांग की.
दरअसल, जिले के धोरीमना निवासी दिव्यांग चनणाराम ने नामजद व्यक्ति पर ठेला नहीं लगाने देने और ठेले पर तोड़फोड़ की घटना को लेकर 20 सितंबर को मामला दर्ज करवाने के लिए लिखित रिपोर्ट धोरीमना थाने में दी थी. लेकिन पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज नहीं की, बल्कि उल्टा परिवादी दिव्यांग ठेला चालक चनणाराम को थाने में बुलाकर उसे अभद्र गालियां निकालते हुए उसके साथ मारपीट की. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर दिव्यांगों में खासा रोष व्याप्त है. गुरुवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर विकलांग शिक्षा एवं कल्याण संस्थान बाड़मेर के बैनर तले पीड़ित के साथ जिले भर के दिव्यांगों ने जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर उक्त मामले में निष्पक्ष जांच करने की मांग की.
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पीड़ित दिव्यांग चनणाराम ने बताया कि धोरीमना हाईवे पर वो ठेला लगाकर अपना गुजर-बसर करता है. लेकिन पड़ोसी ठेला चालक मुझे मेरा ठेला वहां पर नहीं लगाने देता है और मेरे ठेले का सारा सामान तोड़ दिया. इसको लेकर मैंने धोरीमना थाने में मामला दर्ज करवाने को लेकर रिपोर्ट दी. लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने की जगह मुझे थाने बुलाकर अभद्र गालियां निकाली और मेरे साथ मारपीट की.