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केयर्न ऑइल एंड गैस ने ऐश्वर्या बाड़मेर हिल्‍स में शुरू किया टाइट ऑयल प्रोजेक्‍ट के तहत उत्‍पादन

बाड़मेर में वेदांता लिमिटेड के केयर्न ऑयल एंड गैस ने ऐश्वर्या बाड़मेर हिल्‍स में 'टाइट ऑयल प्रोजेक्‍ट' के तहत उत्‍पादन शुरू किया है. इस परियोजना का निष्‍पादन अग्रणी ऑयल फील्‍ड्स सर्विसेस कंपनी शलम्बर्गर के साथ मिलकर किया गया है.

Barmer News, ऐश्वर्या बाड़मेर हिल्‍स,  Tight Oil Project
बाड़मेर में टाइट ऑयल प्रोजेक्‍ट के तहत उत्‍पादन शुरू
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Published : May 14, 2021, 2:45 AM IST

बाड़मेर. जिले में वेदांता लिमिटेड के केयर्न ऑयल एंड गैस ने ऐश्वर्या बाड़मेर हिल्‍स में एनए-01 साइट से उत्‍पादन शुरू कर एक महत्‍वपूर्ण उपलब्धि अर्जित की है. ये परियोजना केयर्न के टाइट ऑइल पोर्टफोलियो में पहली है, जिसकी वृद्धि की क्षमता कंपनी के लक्षित उत्‍पादन में 20 प्रतिशत योगदान दे सकती है.

इस परियोजना का निष्‍पादन अग्रणी ऑयल फील्‍ड्स सर्विसेस कंपनी शलम्बर्गर के साथ मिलकर किया गया है. समूची सतही सुविधा को पूरा करने में 900 दिनों से ज्‍यादा समय लगा. इसमें हॉट वर्क, इक्विपमेंट इरेक्‍शन, हाइड्रो टेस्टिंग, हॉट टैपिंग, कमिशनिंग, इलेक्ट्रिकल सिस्‍टम चार्जिंग, एक मौजूदा सुविधा के साथ संबंध और कुएं जोड़ना जैसी गतिविधियां शामिल थीं.

पढ़ें: मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने जयपुर में राधास्वामी सत्संग व्यास संस्थान परिसर में बने कोविड केयर सेंटर का किया दौरा

केयर्न के इंजिनियरों के अलावा 600 से ज्‍यादा ठेकेदारों और 50 कॉन्‍ट्रैक्‍टर इंजिनियरों ने इस संयंत्र को पूरा करने में अथक परिश्रम किया. इस परियोजना के बारे में वेदांता लिमिटेड में केयर्न ऑयल एंड गैस के डिप्टी सीईओ प्रचुर साह ने कहा कि एबीएच टाइट ऑइल प्रोजेक्‍ट उन्‍नत टेक्‍नोलॉजीस के प्रयोग के माध्‍यम से भारत के ई एंड पी सेक्‍टर की वृद्धि के लिए हमारी प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण है. ये भारत की हाइड्रोकार्बन्‍स में क्षमता का साक्षी भी है, जिससे हम पुराने फील्‍ड्स से उत्‍पादन बढ़ाने में सफल रहे हैं. हम ऐसे तरीके खोजते रहेंगे, जिनके द्वारा हम क्रूड ऑयल के घरेलू उत्‍पादन को बढ़ा सकें और देश को ऊर्जा के मामले में आत्‍मनिर्भर बनने के मार्ग पर आगे बढ़ा सकें.

Barmer News, ऐश्वर्या बाड़मेर हिल्‍स,  Tight Oil Project
बाड़मेर में टाइट ऑयल प्रोजेक्‍ट के तहत उत्‍पादन शुरू

वहीं, भारत और बांग्‍लादेश में शलम्बर्गर के मैनेजिंग डायरेक्‍टर गौतम रेड्डी ने कहा कि शलम्बर्गर भारत के लिए जरूरी तेल और गैस का 50 फीसदी उत्‍पादन करने के वेदांता के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ग्रोथ पार्टनर के तौर काम करने के अवसर हेतु वेदांता को धन्‍यवाद देता है. इस साझेदारी से परिचालन में उत्‍कृष्‍टता आई है और सुरक्षा तथा परिचालन की शुद्धता को सर्वोच्‍च प्राथमिकता के रूप में बरकरार रखा गया है. इसकी कुछ उपलब्धियों में पावरड्राइव रोटरी स्‍टीरेबल सिस्‍टम, आरओपीओ डिजिटल ड्रिलिंग ऑप्‍टीमाइजर, पेरिस्‍कोप एचडी रियल टाइम बाउंड्री मैपिंग सर्विस और ब्रॉडबैण्‍ड प्रीसिजन इंटीग्रेटेड कम्‍पलीशन सर्विस जैसी अत्‍याधुनिक टेक्‍नोलॉजिस से भारत में सबसे लंबा होरिजेंटल-लैटरल पूरा करना शामिल है. अच्‍छी प्‍लानिंग और उसके निष्‍पादन, टीमवर्क और मिलकर काम करने के उत्‍साह से रिजर्वायर कवरेज 30 प्रतिशत बढ़ा है और हाइड्रोलिक फ्रैक्‍चरिंग की परिचालन क्षमता में 700 प्रतिशत तक बेहतरी हुई है.

पढ़ें: जयपुर नगर निगम ने कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर प्रतिष्ठान किए सीज

एबीएच के विकास में उसके परिचालन के लिए सबसे उन्‍नत टेक्‍नोलॉजी में से कुछ का इस्‍तेमाल हुआ है. ये भारतीय उपमहाद्वीप में 37 कुओं के मल्‍टी-फ्रैक्‍चरिंग डेवलपमेंट के कैम्‍पेन का सबसे बड़ा क्षैतिज कुआं है, जो टाइट ऑयल निकालने में महत्‍वपूर्ण है. इस परियोजना ने कई मील के पत्थर हासिल किए हैं. भारत में लो रेसिस्टिविटी कॉन्‍ट्रास्‍ट जोन्‍स में कुओं को जियो-स्‍टीर करने के लिए पहली बार पेरिस्‍कोप-एचडी का इस्‍तेमाल हुआ है. एएलएस सिस्‍टम के सतह पर प्रभाव को कम करने के लिये कैम लिफ्ट एचपीयू का इस्‍तेमाल किया गया.

फ्रैक्‍चरिंग की क्षमता बढ़ाने के लिए भारत में ब्रॉडबैंड प्रीसिजन कम्‍पलीशन का इस्‍तेमाल भी पहली बार हुआ और एक ही कैंपेन में 446 फ्रैक्‍चरिंग स्‍टेज को पंप किया गया. स्‍टीम इंजेक्‍शन और कॉम्‍पलेक्‍स हाइब्रिड सिस्‍टम की रिजर्वायर मॉडलिंग जैसी ज्‍यादा उन्‍नत टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल करने की भी योजना है.

बाड़मेर. जिले में वेदांता लिमिटेड के केयर्न ऑयल एंड गैस ने ऐश्वर्या बाड़मेर हिल्‍स में एनए-01 साइट से उत्‍पादन शुरू कर एक महत्‍वपूर्ण उपलब्धि अर्जित की है. ये परियोजना केयर्न के टाइट ऑइल पोर्टफोलियो में पहली है, जिसकी वृद्धि की क्षमता कंपनी के लक्षित उत्‍पादन में 20 प्रतिशत योगदान दे सकती है.

इस परियोजना का निष्‍पादन अग्रणी ऑयल फील्‍ड्स सर्विसेस कंपनी शलम्बर्गर के साथ मिलकर किया गया है. समूची सतही सुविधा को पूरा करने में 900 दिनों से ज्‍यादा समय लगा. इसमें हॉट वर्क, इक्विपमेंट इरेक्‍शन, हाइड्रो टेस्टिंग, हॉट टैपिंग, कमिशनिंग, इलेक्ट्रिकल सिस्‍टम चार्जिंग, एक मौजूदा सुविधा के साथ संबंध और कुएं जोड़ना जैसी गतिविधियां शामिल थीं.

पढ़ें: मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने जयपुर में राधास्वामी सत्संग व्यास संस्थान परिसर में बने कोविड केयर सेंटर का किया दौरा

केयर्न के इंजिनियरों के अलावा 600 से ज्‍यादा ठेकेदारों और 50 कॉन्‍ट्रैक्‍टर इंजिनियरों ने इस संयंत्र को पूरा करने में अथक परिश्रम किया. इस परियोजना के बारे में वेदांता लिमिटेड में केयर्न ऑयल एंड गैस के डिप्टी सीईओ प्रचुर साह ने कहा कि एबीएच टाइट ऑइल प्रोजेक्‍ट उन्‍नत टेक्‍नोलॉजीस के प्रयोग के माध्‍यम से भारत के ई एंड पी सेक्‍टर की वृद्धि के लिए हमारी प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण है. ये भारत की हाइड्रोकार्बन्‍स में क्षमता का साक्षी भी है, जिससे हम पुराने फील्‍ड्स से उत्‍पादन बढ़ाने में सफल रहे हैं. हम ऐसे तरीके खोजते रहेंगे, जिनके द्वारा हम क्रूड ऑयल के घरेलू उत्‍पादन को बढ़ा सकें और देश को ऊर्जा के मामले में आत्‍मनिर्भर बनने के मार्ग पर आगे बढ़ा सकें.

Barmer News, ऐश्वर्या बाड़मेर हिल्‍स,  Tight Oil Project
बाड़मेर में टाइट ऑयल प्रोजेक्‍ट के तहत उत्‍पादन शुरू

वहीं, भारत और बांग्‍लादेश में शलम्बर्गर के मैनेजिंग डायरेक्‍टर गौतम रेड्डी ने कहा कि शलम्बर्गर भारत के लिए जरूरी तेल और गैस का 50 फीसदी उत्‍पादन करने के वेदांता के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ग्रोथ पार्टनर के तौर काम करने के अवसर हेतु वेदांता को धन्‍यवाद देता है. इस साझेदारी से परिचालन में उत्‍कृष्‍टता आई है और सुरक्षा तथा परिचालन की शुद्धता को सर्वोच्‍च प्राथमिकता के रूप में बरकरार रखा गया है. इसकी कुछ उपलब्धियों में पावरड्राइव रोटरी स्‍टीरेबल सिस्‍टम, आरओपीओ डिजिटल ड्रिलिंग ऑप्‍टीमाइजर, पेरिस्‍कोप एचडी रियल टाइम बाउंड्री मैपिंग सर्विस और ब्रॉडबैण्‍ड प्रीसिजन इंटीग्रेटेड कम्‍पलीशन सर्विस जैसी अत्‍याधुनिक टेक्‍नोलॉजिस से भारत में सबसे लंबा होरिजेंटल-लैटरल पूरा करना शामिल है. अच्‍छी प्‍लानिंग और उसके निष्‍पादन, टीमवर्क और मिलकर काम करने के उत्‍साह से रिजर्वायर कवरेज 30 प्रतिशत बढ़ा है और हाइड्रोलिक फ्रैक्‍चरिंग की परिचालन क्षमता में 700 प्रतिशत तक बेहतरी हुई है.

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एबीएच के विकास में उसके परिचालन के लिए सबसे उन्‍नत टेक्‍नोलॉजी में से कुछ का इस्‍तेमाल हुआ है. ये भारतीय उपमहाद्वीप में 37 कुओं के मल्‍टी-फ्रैक्‍चरिंग डेवलपमेंट के कैम्‍पेन का सबसे बड़ा क्षैतिज कुआं है, जो टाइट ऑयल निकालने में महत्‍वपूर्ण है. इस परियोजना ने कई मील के पत्थर हासिल किए हैं. भारत में लो रेसिस्टिविटी कॉन्‍ट्रास्‍ट जोन्‍स में कुओं को जियो-स्‍टीर करने के लिए पहली बार पेरिस्‍कोप-एचडी का इस्‍तेमाल हुआ है. एएलएस सिस्‍टम के सतह पर प्रभाव को कम करने के लिये कैम लिफ्ट एचपीयू का इस्‍तेमाल किया गया.

फ्रैक्‍चरिंग की क्षमता बढ़ाने के लिए भारत में ब्रॉडबैंड प्रीसिजन कम्‍पलीशन का इस्‍तेमाल भी पहली बार हुआ और एक ही कैंपेन में 446 फ्रैक्‍चरिंग स्‍टेज को पंप किया गया. स्‍टीम इंजेक्‍शन और कॉम्‍पलेक्‍स हाइब्रिड सिस्‍टम की रिजर्वायर मॉडलिंग जैसी ज्‍यादा उन्‍नत टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल करने की भी योजना है.

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