सिवाना(बाड़मेर). जिले के सिणधरी उपखंड में शुक्रवार को भारतीय किसान संघ ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करवाया. साथ ही मांगे पूरी नहीं होने की स्थिति में धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी.
प्रेस वार्ता करते हुए किसानों ने प्राकृतिक आपदा और टिड्डी दलों से किसानों को हुए नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की. साथ ही सरकार द्वारा ऋण में 50 फीसदी कटौती करने पर विरोध भी जताया. वहीं, कोरोना महामारी के चलते किसान संघ ने आगामी 6 माह का कृषि और घरेलू बिल माफ करने की मांग की. साथ ही भारतीय किसान संघ ने कृषि विद्युत बिलों में दिया जाने वाला 833 रुपये प्रति माह का विद्युत अनुदान फिर से शुरू करने मांग की. इसके अलावा किसान संघ ने विद्युत बिलों में लगने वाले एलपीएस को खत्म करने, बकाया बिलों की वसूली बंद करने, कनेक्शन काटने पर रोक लगाने और जले हुए ट्रांसफार्मरों को जल्दी बदलने की भी मांग की.
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वहीं, भारतीय किसान संघ ने मांग रखी की तत्काल प्राथमिकता वाले कृषि विद्युत कनेक्शनों के मांग-पत्र जारी करने पर रोक को हटाया जाए, जिससे किसानों को विद्युत की समस्याओं का सामना ना करना पड़े. भारतीय किसान संघ ने सरकार को दी चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो भारतीय किसान संघ उग्र आंदोलन करेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी.
भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री पहलादराम सियोल ने बताया कि लूनी नदी में पाली और बालोतरा की कपड़ा फैक्ट्रियों से रसायन युक्त दूषित पानी नदी में छोड़ा जा रहा है, जिससे किसानों की जमीनें बंजर हो रही हैं. साथ ही रसायन युक्त पानी से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिसको लेकर सरकार की ओर से कोई कठोर प्रयास नहीं किए जा रहे हैं. साथ ही किसानों ने बिजली संबंधित समस्याएं और ऋण माफी को लेकर भी अपनी मांगें रखीं हैं.
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प्रेस वार्ता के दौरान भारतीय किसान संघ के प्रांतीय अध्यक्ष दलाराम बटेर, प्रांत मंत्री हरिराम मांजू , प्रांत युवा प्रमुख दोलाराम मूंढ, जिला अध्यक्ष पेमाराम सोयल, जिला मंत्री प्रहलाद राम सियोल और जिला युवा प्रमुख डूंगरराम सहित किसान नेता मौजद रहे.