बालोतरा (बाड़मेर). लूनी नदी में अवैध बजरी खनन के विरोध में कई गांवों के ग्रामीण लूनी नदी के किनारे धरने पर बैठ गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द मांगे पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा.
जिले में अवैध बजरी का खनन रूकने के नाम नहीं ले रहा है. पिछले लंबे समय से लूनी नदी में अवैध बजरी के काले कारोबार का खेल जारी है. वहीं दूसरी ओर खनन विभाग द्वारा जारी लीज की आड़ में खुले आम लूनी नदी के बहाव क्षेत्र में अवैध खनन जारी है. जिसको लेकर किटनोद, सराणा और कनाना के ग्रामीण अवैध खनन के खिलाफ लामबद्ध होकर धरने पर बैठ गए हैं. एक तरफ क्षेत्र में कड़ाके की सर्दी है लेकिन किसानों ने अपनी मांग को लेकर नदी किनारे टेंट लगा कर धरना शुरू किया है.
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ग्रामीणों के आरोप है कि लीज धारक मनमानी करते हुए नदी के बहाव क्षेत्र में अवैध खनन कर रहे हैं. वहीं रोज सैकड़ों डंपर बजरी का खनन हो रहा है. प्रशासन से लीज के सीमांकन को लेकर कई मांग की गई लेकिन खनिज विभाग और स्थानीय प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि अगर जल्द मांगे पूरी नहीं हुई तो ग्रामीण उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे.
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बता दें कि क्षेत्र में बजरी का अवैध खनन जारी है लेकिन खनिज विभाग और प्रशासन भी अवैध खनन करने वालों के आगे बेबस नजर आ रहा है. क्षेत्र के जसोल, खेड़, तिलवाड़ा, कनाना, सराणा, बिठुजा, सांकरणा, किटनोद सहित लूनी नदी किनारे अवैध खनन जारी है.
दिन भर इन क्षेत्रों में खनन करने वाले लोगों की कतारें लगी नजर आती है. सैकड़ों वाहनों से खनन किया जाता है. अब किटनोद में किसान अवैध खनन को रूकवाने को लेकर लामबंद नजर आ रहे हैं.