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बाड़मेर में ट्रिपल तलाक पीड़ित महिला दर-दर भटकने को मजबूर - news on triple talaq

बाड़मेर में ट्रिपल तलाक का एक मामला सामने आया है, जिसमें महिला ने पति पर मारपीट के बाद तलाक देकर घर से निकाल देने और केरोसिन डालकर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है. लिहाजा महिला ने न्यायालय से अपना परिवार पेश कर मामला दर्ज करवाया है, जिसके बाद पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है.

बाड़मेर, ट्रिपल तलाक मामला, divorce case surfaced, investigation continued
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Published : Sep 13, 2019, 12:01 PM IST

बाड़मेर. ट्रिपल तलाक कानून पास होने के बाद अब देश के अलग-अलग हिस्सों में ट्रिपल तलाक के मामले, पुलिस थानों तक पहुंचना शुरू हो गए हैं. इसी कड़ी में हाल ही में राजस्थान के बाड़मेर में ट्रिपल तलाक का मामला सामने आया है.

बाड़मेर में ट्रिपल तलाक मामला में पीड़िता को लेनी पड़ी न्यायालय की शरण

बामणोर निवासी मिबाई ने बताया कि, उसका निकाह करीब 6 साल पूर्व सलीम पुत्र आमद निवासी बामणोर के साथ हुआ था. लेकिन कुछ समय बाद ही पति और सास-ससुर दहेज के लिए उसे प्रताड़ित करने लगे. इसको लेकर धोरीमन्ना थाने पीड़िता ने मामला दर्ज करवाई थी. बता दें कि पिछले 3 साल से पीड़िता अलग झोपड़ी बनाकर रह रही थी, जिसके बाद 19 अगस्त की शाम को उसके पति सलीम, सास हुमायत और आमद ने एकराय होकर उसके साथ मारपीट की और घर से बाहर निकाल दिया. इस दौरान उसने तीन बार तलाक-तलाक- तलाक कहा और केरोसिन डालकर जान से मारने की धमकी भी दी.

पढ़ें: CM गहलोत ने PM मोदी को लिखा पत्र, राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने का किया अनुरोध

हालांकि, मारपीट के दौरान चिल्लाने पर पड़ोसी ने बीच-बचाव किया. अगले दिन 20 अगस्त को उसने धोरीमन्ना पुलिस थाने में रिपोर्ट नहीं दी तो पुलिस ने उसके पति को पाबंद कर छोड़ दिया गया. न्याय नहीं मिलने से पीड़िता ने जिला पुलिस अधीक्षक से मिलकर मामला दर्ज करवाने की फरियाद लगाई. लेकिन वहां भी कोई सुनवाई नही हुई. तब पीड़िता ने न्यायालय में परिवाद पेश किया. कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बाड़मेर पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए. अब पीड़िता ने न्यायालय के माध्यम के रिपोर्ट पेश की है.

पढ़ें: जयपुर में 9वीं मंजिल से गिरकर छात्र की मौत, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका

लेकिन अभी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है. इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खींव सिंह भाटी का कहना है कि पीड़िता ने न्यायालय के जरिए धोरीमन्ना थाने में मामला दर्ज करवाया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नही हुई है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है. तीन तलाक के कानून के बाद जिस तरह से मुस्लिम महिलाएं अपने खिलाफ होने वाले अत्याचार को लेकर सामने आ रही हैं वो इस बात को दर्शाता है कि किस तरीके से लंबे समय से मुस्लिम महिलाओं पर तलाक के नाम पर अत्याचार होता आ रहा था, जिसे वो चुपचाप सहती आ रही थी. लेकिन अब कानून के बाद महिलाओं को न्याय मिलने की उम्मीद जागी है.

बाड़मेर. ट्रिपल तलाक कानून पास होने के बाद अब देश के अलग-अलग हिस्सों में ट्रिपल तलाक के मामले, पुलिस थानों तक पहुंचना शुरू हो गए हैं. इसी कड़ी में हाल ही में राजस्थान के बाड़मेर में ट्रिपल तलाक का मामला सामने आया है.

बाड़मेर में ट्रिपल तलाक मामला में पीड़िता को लेनी पड़ी न्यायालय की शरण

बामणोर निवासी मिबाई ने बताया कि, उसका निकाह करीब 6 साल पूर्व सलीम पुत्र आमद निवासी बामणोर के साथ हुआ था. लेकिन कुछ समय बाद ही पति और सास-ससुर दहेज के लिए उसे प्रताड़ित करने लगे. इसको लेकर धोरीमन्ना थाने पीड़िता ने मामला दर्ज करवाई थी. बता दें कि पिछले 3 साल से पीड़िता अलग झोपड़ी बनाकर रह रही थी, जिसके बाद 19 अगस्त की शाम को उसके पति सलीम, सास हुमायत और आमद ने एकराय होकर उसके साथ मारपीट की और घर से बाहर निकाल दिया. इस दौरान उसने तीन बार तलाक-तलाक- तलाक कहा और केरोसिन डालकर जान से मारने की धमकी भी दी.

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हालांकि, मारपीट के दौरान चिल्लाने पर पड़ोसी ने बीच-बचाव किया. अगले दिन 20 अगस्त को उसने धोरीमन्ना पुलिस थाने में रिपोर्ट नहीं दी तो पुलिस ने उसके पति को पाबंद कर छोड़ दिया गया. न्याय नहीं मिलने से पीड़िता ने जिला पुलिस अधीक्षक से मिलकर मामला दर्ज करवाने की फरियाद लगाई. लेकिन वहां भी कोई सुनवाई नही हुई. तब पीड़िता ने न्यायालय में परिवाद पेश किया. कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बाड़मेर पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए. अब पीड़िता ने न्यायालय के माध्यम के रिपोर्ट पेश की है.

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लेकिन अभी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है. इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खींव सिंह भाटी का कहना है कि पीड़िता ने न्यायालय के जरिए धोरीमन्ना थाने में मामला दर्ज करवाया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नही हुई है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है. तीन तलाक के कानून के बाद जिस तरह से मुस्लिम महिलाएं अपने खिलाफ होने वाले अत्याचार को लेकर सामने आ रही हैं वो इस बात को दर्शाता है कि किस तरीके से लंबे समय से मुस्लिम महिलाओं पर तलाक के नाम पर अत्याचार होता आ रहा था, जिसे वो चुपचाप सहती आ रही थी. लेकिन अब कानून के बाद महिलाओं को न्याय मिलने की उम्मीद जागी है.

Intro:बाडमेर

मोदी सरकार की ट्रिपल तलाक कानून के बाद अब देश के अलग-अलग हिस्सों में ट्रिपल तलाक के मामले पुलिस थानों तक पहुंचना शुरू हो गए हैं हाल ही में राजस्थान के बाड़मेर में ट्रिपल तलाक का एक मामला सामने आया है जिसमें महिला ने आरोप लगाया है कि पति ने मारपीट करने के बाद तीन बार तलाक देकर घर से निकाल दिया और केरोसिन से जान से मारने की धमकी दी है लिहाजा महिला ने न्यायालय से अपना परिवार पेश कर मामला दर्ज करवाया है पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है
Body:बाड़मेर पुलिस महिला उत्पीड़न एव अन्य संगीन मामलो में महिलाओं की सुनवाई नही होती है जिससे बाड़मेर में महिला आत्महत्या के मामले बाद रहे है।दरअसल बामणोर निवासी मिबाई ने बताया कि उसका निकाह करीब 6 वर्ष पूर्व सलीम पुत्र आमद निवासी बामणोर के साथ हुआ था।कुछ समय बाद ही पति व सास - ससुर दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे।इसको लेकर भी धोरीमन्ना थाने में दर्ज है। पिछले 3 वर्ष से वह अलग झोपड़ी बनाकर रह रही थी। 19 अगस्त की शाम को उसके पति सलीम , सास हुमायत व आमद ने एकराय होकर उसके साथ मारपीट की तथा घर से बाहर निकाल घर पर ताला लगा दिया। इस दौरान उसने तीन बार तलाक - तलाक - तलाक कहा तथा केरोसिन डालकर जान से मारने की धमकी दी। मारपीट के दौरान चिल्लाने पर पड़ोसी ने बीच बचाव किया।अगले दिन 20 अगस्त को उसने धोरीमना पुलिस थाने में रिपोर्ट नदी तो पुलिस ने उसके पति को पाबंद कर छोड़ दिया।न्याय नही मिलने से पीड़िता ने जिला पुलिस अधीक्षक से मिलकर मामला दर्ज करवाने की फरियाद लगाई लेकिन वहां भी कोई सुनवाई नही हुई।तब पीड़िता ने न्यायालय में परिवाद पेश किया तो कोर्ट ने बाड़मेर पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए।अब पीड़िता ने न्यायालय के माध्यम के फिर रिपोर्ट पेश की है,लेकिन अभी पुलिस ने कोई कार्यवाही नही की है।इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खींवसिंह भाटी बताते है पीड़िता ने न्यायालय के जरिए धोरीमना थाने में  मामला दर्ज करवाया है,पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है,अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नही हुई है।पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई हैConclusion:मोदी सरकार के तीन तलाक के कानून के बाद जिस तरीके से मुस्लिम महिलाएं अपने खिलाफ होने वाले अत्याचार को लेकर सामने आ रही है वह इस बात को दर्शाता है कि किस तरीके से लंबे समय से मुस्लिम महिलाओं पर तलाक के नाम पर अत्याचार होता था लेकिन अब कानून के बाद महिलाओं को न्याय मिलने की उम्मीद जाग गई है।


बाईट- मिबाई,पीड़िता

बाईट-खीवसिंह भाटी,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, बाड़मेर
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