बाड़मेर. ट्रिपल तलाक कानून पास होने के बाद अब देश के अलग-अलग हिस्सों में ट्रिपल तलाक के मामले, पुलिस थानों तक पहुंचना शुरू हो गए हैं. इसी कड़ी में हाल ही में राजस्थान के बाड़मेर में ट्रिपल तलाक का मामला सामने आया है.
बामणोर निवासी मिबाई ने बताया कि, उसका निकाह करीब 6 साल पूर्व सलीम पुत्र आमद निवासी बामणोर के साथ हुआ था. लेकिन कुछ समय बाद ही पति और सास-ससुर दहेज के लिए उसे प्रताड़ित करने लगे. इसको लेकर धोरीमन्ना थाने पीड़िता ने मामला दर्ज करवाई थी. बता दें कि पिछले 3 साल से पीड़िता अलग झोपड़ी बनाकर रह रही थी, जिसके बाद 19 अगस्त की शाम को उसके पति सलीम, सास हुमायत और आमद ने एकराय होकर उसके साथ मारपीट की और घर से बाहर निकाल दिया. इस दौरान उसने तीन बार तलाक-तलाक- तलाक कहा और केरोसिन डालकर जान से मारने की धमकी भी दी.
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हालांकि, मारपीट के दौरान चिल्लाने पर पड़ोसी ने बीच-बचाव किया. अगले दिन 20 अगस्त को उसने धोरीमन्ना पुलिस थाने में रिपोर्ट नहीं दी तो पुलिस ने उसके पति को पाबंद कर छोड़ दिया गया. न्याय नहीं मिलने से पीड़िता ने जिला पुलिस अधीक्षक से मिलकर मामला दर्ज करवाने की फरियाद लगाई. लेकिन वहां भी कोई सुनवाई नही हुई. तब पीड़िता ने न्यायालय में परिवाद पेश किया. कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बाड़मेर पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए. अब पीड़िता ने न्यायालय के माध्यम के रिपोर्ट पेश की है.
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लेकिन अभी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है. इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खींव सिंह भाटी का कहना है कि पीड़िता ने न्यायालय के जरिए धोरीमन्ना थाने में मामला दर्ज करवाया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नही हुई है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है. तीन तलाक के कानून के बाद जिस तरह से मुस्लिम महिलाएं अपने खिलाफ होने वाले अत्याचार को लेकर सामने आ रही हैं वो इस बात को दर्शाता है कि किस तरीके से लंबे समय से मुस्लिम महिलाओं पर तलाक के नाम पर अत्याचार होता आ रहा था, जिसे वो चुपचाप सहती आ रही थी. लेकिन अब कानून के बाद महिलाओं को न्याय मिलने की उम्मीद जागी है.