बाड़मेर. कहते है एक शिक्षक की स्वस्थ्य समाज की स्थापना कर सकता है. शिक्षक समाज में उच्च आदर्श स्थापित करने वाला व्यक्तित्व होता है. किसी भी देश या समाज के निर्माण में शिक्षा की अहम भूमिका होती है. ऐसा ही कुछ बाड़मेर के सरकारी शिक्षक ने किया है. अध्यापक मुकेश अमन ने छुट्टियों के वक्त ऐसी मुहिम चलाई जिसमें गरीब बस्ती में जाकर जो बच्चे कचरा उठाते थे या बूट पॉलिश करते थे. उन्हें शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रेरित किया. यहीं नहीं 50 बच्चों के एक ग्रुप को पढ़ाया. जिसका परिणाम यह हुआ कि छोटे-छोटे बच्चे अब एबीसीडी और 1,2,3,4 फर्राटेदार बोलते नजर आ रहे हैं. जो बच्चे शिक्षा से कोसों दूर थे. अब बच्चे कहने लगे हैं कि हम लोग स्कूल जाएंगे और बड़े होकर टीचर और मैडम बनेंगे.
शिक्षक मुकेश अमन एक छोटी सी जगह पर स्कूल चलाते हैं. इस स्कूल में कोई बोर्ड नहीं है, बल्कि बच्चों को मौखिक लिखना और बोलना सिखाया जाता है. स्कूल की शुरुआत प्रार्थना से होती है और फिर योग, कविता का भी आयोजन किया जाता है. उसके बाद बच्चों को गणित, हिंदी और अंग्रेजी सिखाई जाती है. आमतौर पर यह देखा जाता है कि बच्चे 100 तक गिनती सीखने के लिए बड़ा और लंबा वक्त लग जाता है. लेकिन, यहां बच्चो में सीखने का हुनर इस कदर है कि 25 दिनों में 1,2,3,4, एबीसीडी, 2 के पहाड़े भी सीख लिए गए. जो कि अपने आप में एक चौंका देने वाली बात है.
मुकेश अमन ने जो गरीब बच्चों की शिक्षा से जोड़ने के लिए मुहिम चलाई वह यकीनन काबिले तारीफ है. शायद इस मुहिम को देखकर बाकी सरकारी अध्यापक भी कुछ सबक ले. जो स्कूल गरीब बच्चें पढ़ने आते हैं उस पर विशेष ध्यान दें ताकि शोषित समाज में शिक्षा की अलख जग सकें. अब टीचर ने इन 30 से 40 बच्चों का सरकारी स्कूल में दाखिला करवा दिया है.