बाड़मेर. जिले के गिराब थाना इलाके में दो पक्षों में जमीन को चल रहे विवाद में बुधवार को एक दलित व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. घटना के बाद भड़के लोगों ने धरना शुरू कर दिया. विभिन्न मांगों को लेकर पीड़ित परिवार समेत दलित समाज के लोग जिला अस्पताल की मोर्चरी के आगे 36 घंटों से धरने पर बैठे हुए हैं. गुरुवार को जिला कलेक्टर लोक बंधु व पुलिस अधीक्षक दिंगत आनंद धरना स्थल पर पहुंचे, जहां पर दलित समाज की ओर से विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया.
इस दौरान विधायक मेवाराम जैन, जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी, सभापति दिलीप माली, भाजपा जिलाध्यक्ष स्वरूपसिंह खारा, डॉ. प्रियंका चौधरी, आदूराम मेघवाल, पूर्व विधायक तरुण राय कागा, रालोपा नेता उम्मेदाराम बेनीवाल समेत कई लोग धरना स्थल पर पहुंचे. धरना स्थल पर बड़ी संख्या में दलित समाज के लोग बैठे हुए हैं. वहीं, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर माकूल बंदोबस्त किए गए हैं.
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प्रशासन से वार्ता रही विफल : दलित नेता उदाराम मेघवाल ने बताया कि गुरुवार शाम को बाड़मेर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में दलित समाज के प्रतिनिधि मंडल की प्रशासन के साथ वार्ता हुई. उन्होंने बताया कि एक करोड़ आर्थिक मुआवजा और पीड़ित परिवार के दो सदस्यों को सरकारी नौकरी समेत कुछ अन्य मांगों को लेकर प्रशासन के साथ बिंदुवार चर्चा हुई, लेकिन वार्ता किसी निर्णय तक नहीं पहुंच पाई. उदाराम ने कहा कि मांगें पूरी नहीं होने तक शांतिपूर्ण तरीके से धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा.
भीम आर्मी चीफ ने बाड़मेर आने का किया एलान : भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने वीडियो कॉल से दलित नेता उदाराम मेघवाल से वार्ता करने के साथ ही धरने को संबोधित करते हुए जल्द बाड़मेर आने का एलान किया है. चंद्रशेखर रावण ने कहा कि राजस्थान में आखिर कब तक इस तरह से हमारे समुदाय के लोगों को मारा जाता रहेगा. उन्होंने धरनार्थियों से कहा कि समुदाय के लोग धरने पर डटे रहो, साथ ही कहा कि 24 घंटों में प्रशासन मांगों पर सकारात्मक रुख नहीं अपनाता है तो ठीक है. मैं स्वयं भी आ रहा हूं, आपके साथ धरने पर बैठकर कोजाराम को न्याय दिलाएंगे.
गौरतलब है कि जिले के गिराब थाना इलाके में लंबे समय से दो पक्षों में चल रहे जमीन विवाद की वजह से बुधवार सुबह 40 वर्षीय कोजाराम के साथ जबरदस्त तरीके से मारपीट की गई. गंभीर घायल अवस्था में जिला अस्पताल लाया गया, जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया. इस घटना के बाद से दलित समाज के लोगों में आक्रोश है. 36 घंटों से भी अधिक का समय बीत जाने के बाद भी दलित समाज के लोग मोर्चरी के आगे अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं.