बाड़मेर. एशियाई मैराथन चैंपियन डॉ सुनीता गोदारा थार की बेटियों को तराशने के लिए दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत बाड़मेर पहुंची है. इस दौरान उन्होंने प्रेस वार्ता आयोजित कर बताया कि नवंबर माह में पिंक सिटी जयपुर में मैराथन का आयोजन होने वाला है. जिसे केयर्न एनर्जी और वेदांता ग्रुप का सपोर्ट मिला हुआ है और इसके लिए वह दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत यहां की 20 स्कूलों के बच्चों को मोटिवेट करने के लिए पहुंची है.
वहीं, सुनीता गोदारा ने बताया कि बाड़मेर की बेटियों में जुनून की कोई कमी नहीं है. बस थोड़ी सी मेहनत की कमी है. उनको कच्चे ट्रैक पर दौड़ना चाहिए जो यहां पर्याप्त हैं. उन्होंने बताया कि अब तक वह 1लाख30हजार किमी दौड़ी है, इसके साथ ही वह बैंकाक सिंगापुर, मलेशिया, जापान में भी मैराथन जीत चुकी है.
धावक सुनीता गोदारा ने 1992 में जीते थे मैराथन में दो एशियाई पदक
एशियाई मैराथन चैंपियन 1994 खेल फिटनेस और सामाजिक प्रमोटर डॉ सुनीता गोदारा अंतरराष्ट्रीय मैराथन खिलाड़ी है. इन्होंने 1992 में मैराथन में दो एशियाई पदक जीते और इंडोनेशिया में 1996 में एशियाई मैराथन चैंपियनशिप और बैंकॉक में कांस्य पदक जीता. अब तक 76 पूर्ण मैराथन (42 किमी) पूरी कर लिए हैं और 26 देशों में 25 स्वर्ण, 12 सिल्वर और 13 कांस्य पदक जीते हैं.
बता दें कि कुल 130000 किलोमीटर की 200 से अधिक दौड़ के रिकॉर्ड में इन्होंने अपना नाम किया हैं. वहीं, सुनीता गोदारा फिटनेस और मैराथन सलाहकार भी है और भारत में सभी बड़ी मैराथन के लिए अपनी विशेषज्ञता देती है.
डॉ सुनीता गोदारा ने कहा कि इस जुनून के बूते उन्होंने 25 गोल्ड, 12 सिल्वर और 13 ब्राउज मेडल जीतकर देश और राजस्थान का नाम रौशन किया. अंतरराष्ट्रीय मैराथन खिलाड़ी सुनीता गोदारा के पति दलवीर सिंह गोदारा हिसार के हैं. वे सेना में ऑफिसर थे. सुनीता को दौड़ने का शौक था. इसके बाद सुनीता मैराथन में विभिन्न पदक देश के नाम करते हुए अपना और परिवार का नाम रोशन किया. राजस्थान से सुनीता गोदारा का ताल्लुक शिक्षा से रहा है. वनस्थली विद्यापीठ से स्नातक राजस्थान यूनिवर्सिटी स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर चुकी है.