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डिलीवरी के दौरान बच्चे ने दम तोड़ा, परिजनों ने मेडिकल स्टाफ पर लगाया लापरवाही का आरोप

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Published : Oct 22, 2020, 4:30 PM IST

बाड़मेर के राजकीय अस्पताल में डिलीवरी के दौरान एक नवजात बच्चे की मौत हो गई. जिस पर परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बच्चे का शव उठाने से इंकार कर दिया. साथ ही डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अड़ गए.

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बाड़मेर राजकीय अस्पताल में बच्चे की मौत

बाड़मेर. जिले में मेडिकल कॉलेज के राजकीय अस्पताल में गुरुवार सुबह डिलीवरी के दौरान एक नवजात बच्चे की मौत हो गई. जिस पर परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में हंगामा खड़ा कर दिया. परिजनों ने बच्चे का शव उठाने से भी इनकार कर दिया और डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अड़ गए.

बाड़मेर राजकीय अस्पताल में बच्चे की मौत

परिजनों का आरोप है कि, वो प्रसूता को लेकर बुधवार शाम 5 बजे मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में आ गए थे. लेकिन उस समय डॉक्टर, कंपाउंडर और स्टाफ ने ध्यान नहीं दिया और रात को 2 बजे प्रसूता को ले गए. जिसके बाद जब डिलीवरी हुई तो बच्चे की मौत हो गई. इनका आरोप है कि मेडिकल स्टाफ लापरवाही नहीं करते तो, उनका बच्चा बच जाता.

इस मामले पर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी राजकीय अस्पताल बाड़मेर डॉ. बीएल मंसूरिया ने कहा कि, जब देर महिला को डिलीवरी के लिए यहां लाया गया था, तो उसी समय डॉक्टरों की टीम ने स्पष्ट तौर पर बोल दिया था कि बच्चे की सांसे कम चल रही है. लेकिन उसके बावजूद भी हमने पूरा इलाज कर बच्चे की जान बचाने की पूरी कोशिश की. लेकिन जान नहीं बच पाई. अब बेवजह परिजन मेडिकल स्टाफ पर आरोप लगा रहे हैं जो कि सरासर गलत है.

ये भी पढे़ंः काम दिलाने के बहाने युवक को बूंदी ले जाकर पीटा, बाड़मेर जिला अस्पताल में कराया गया भर्ती

प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अगर उसके बावजूद भी परिजनों को लगता है कि मेडिकल स्टाफ की लापरवाही है तो, वो लिखित में शिकायत दे दे. वो इस पूरे मामले की जांच करवाने के लिए भी तैयार हैं. वहीं, उक्त मामले की जानकारी मिलने पर कोतवाली पुलिस भी जिला अस्पताल पहुंची और उक्त घटनाक्रम की जानकारी जुटाई.

बाड़मेर. जिले में मेडिकल कॉलेज के राजकीय अस्पताल में गुरुवार सुबह डिलीवरी के दौरान एक नवजात बच्चे की मौत हो गई. जिस पर परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में हंगामा खड़ा कर दिया. परिजनों ने बच्चे का शव उठाने से भी इनकार कर दिया और डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अड़ गए.

बाड़मेर राजकीय अस्पताल में बच्चे की मौत

परिजनों का आरोप है कि, वो प्रसूता को लेकर बुधवार शाम 5 बजे मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में आ गए थे. लेकिन उस समय डॉक्टर, कंपाउंडर और स्टाफ ने ध्यान नहीं दिया और रात को 2 बजे प्रसूता को ले गए. जिसके बाद जब डिलीवरी हुई तो बच्चे की मौत हो गई. इनका आरोप है कि मेडिकल स्टाफ लापरवाही नहीं करते तो, उनका बच्चा बच जाता.

इस मामले पर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी राजकीय अस्पताल बाड़मेर डॉ. बीएल मंसूरिया ने कहा कि, जब देर महिला को डिलीवरी के लिए यहां लाया गया था, तो उसी समय डॉक्टरों की टीम ने स्पष्ट तौर पर बोल दिया था कि बच्चे की सांसे कम चल रही है. लेकिन उसके बावजूद भी हमने पूरा इलाज कर बच्चे की जान बचाने की पूरी कोशिश की. लेकिन जान नहीं बच पाई. अब बेवजह परिजन मेडिकल स्टाफ पर आरोप लगा रहे हैं जो कि सरासर गलत है.

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प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अगर उसके बावजूद भी परिजनों को लगता है कि मेडिकल स्टाफ की लापरवाही है तो, वो लिखित में शिकायत दे दे. वो इस पूरे मामले की जांच करवाने के लिए भी तैयार हैं. वहीं, उक्त मामले की जानकारी मिलने पर कोतवाली पुलिस भी जिला अस्पताल पहुंची और उक्त घटनाक्रम की जानकारी जुटाई.

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