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स्पेशल: शाहबाद के सहरिया आश्रम छात्रावास में नारकीय जीवन जीने को मजबूर छात्र - baran News

शाहबाद आदिवासी अंचल क्षेत्र में सहरिया परियोजना विभाग की ओर से संचालित बालक आवासीय छात्रावासों में हर तरफ अवस्थाएं फैली हुई हैं. जिसकी जानकारी अधिकारियों को देने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में सहरिया छात्रावास के छात्र नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.

सहरिया आश्रम छात्रावास, Sahariya Ashram Hostel
सहरिया आश्रम छात्रावास
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Published : Feb 10, 2020, 3:33 PM IST

Updated : Feb 10, 2020, 4:09 PM IST

शाहबाद (बारां). प्रदेश की गहलोत सरकार एक ओर जहां शाहबाद आदिवासी अंचल क्षेत्र के सहरिया बच्चों को शिक्षा से जोड़ने और उन्हें शिक्षित बनाने का भरसक प्रयास कर रही है. वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते छात्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित हैं.

नरकीय जीवन जी रहे छात्र

दरअसल, शाहबाद आदिवासी अंचल क्षेत्र में सहरिया परियोजना विभाग की ओर से संचालित बालक आवासीय छात्रावासों में अवस्थाएं अपने पैर पसारे हुए है. जिसकी जानकारी देने के बाद भी संबंधित विभाग के अधिकारियों के कान पर जू तक नहीं रेंग रही है.

पढ़ें- टोंक : कांस्टेबल 4500 रु की रिश्वत लेते गिरफ्तार, DSP और SHO मालपुरा भी जांच के घेरे में

शाहबाद उपखंड मुख्यालय पर परियोजना विभाग द्वारा संचालित सहरिया आश्रम छात्रावास के कमरों में गेट नहीं है. बाथरूम की हालात दयनीय है, खिड़कियां बदहाल हैं, कमरों की दीवारें भी क्षतिग्रस्त हैं. सहरिया आश्रम छात्रावास में रहने वाले छात्र नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. लेकिन प्रशासन के अधिकारियों को ना तो छात्रों की समस्या सुनाई देती है और ना ही दिखाई देती है. यहां तक कि हॉस्टल वार्डन भी इस मामले पर कैमरे के सामने बोलने से बचते नजर आ रहे हैं.

शाहबाद किशनगंज विधानसभा क्षेत्र में सैकड़ों सहरिया आश्रम छात्रावास संचालित हो रहे हैं. जिसे हॉस्टल वार्डन अपने मन माफिक संचालित कर रहे हैं. सही मायनों में छात्रों का जमकर शोषण हो रहा है. लेकिन आज तक किसी भी अधिकारी ने इन छात्रावासों का औचक निरीक्षण नहीं किया और ना ही वार्डन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई हुई.

शाहबाद (बारां). प्रदेश की गहलोत सरकार एक ओर जहां शाहबाद आदिवासी अंचल क्षेत्र के सहरिया बच्चों को शिक्षा से जोड़ने और उन्हें शिक्षित बनाने का भरसक प्रयास कर रही है. वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते छात्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित हैं.

नरकीय जीवन जी रहे छात्र

दरअसल, शाहबाद आदिवासी अंचल क्षेत्र में सहरिया परियोजना विभाग की ओर से संचालित बालक आवासीय छात्रावासों में अवस्थाएं अपने पैर पसारे हुए है. जिसकी जानकारी देने के बाद भी संबंधित विभाग के अधिकारियों के कान पर जू तक नहीं रेंग रही है.

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शाहबाद उपखंड मुख्यालय पर परियोजना विभाग द्वारा संचालित सहरिया आश्रम छात्रावास के कमरों में गेट नहीं है. बाथरूम की हालात दयनीय है, खिड़कियां बदहाल हैं, कमरों की दीवारें भी क्षतिग्रस्त हैं. सहरिया आश्रम छात्रावास में रहने वाले छात्र नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. लेकिन प्रशासन के अधिकारियों को ना तो छात्रों की समस्या सुनाई देती है और ना ही दिखाई देती है. यहां तक कि हॉस्टल वार्डन भी इस मामले पर कैमरे के सामने बोलने से बचते नजर आ रहे हैं.

शाहबाद किशनगंज विधानसभा क्षेत्र में सैकड़ों सहरिया आश्रम छात्रावास संचालित हो रहे हैं. जिसे हॉस्टल वार्डन अपने मन माफिक संचालित कर रहे हैं. सही मायनों में छात्रों का जमकर शोषण हो रहा है. लेकिन आज तक किसी भी अधिकारी ने इन छात्रावासों का औचक निरीक्षण नहीं किया और ना ही वार्डन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई हुई.

Intro:बारा जिले के शाहबाद उपखंड मुख्यालय पर सहरिया परियोजना विभाग द्वारा संचालित बालक छात्रावास के हाल बदहाल,गंदगी का बना आलम, छात्र परेशान,विभागीय अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान। सहरिया छात्रों का जीवन अंधकारमय, दिया तले छात्रों का हो रहा शोषणBody: एक और तो राजस्थान की गहलोत सरकार शाहबाद आदिवासी अंचल क्षेत्र के सहरियां मालूम वर्ग के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने और उनको शिक्षित बनाने का भरसक प्रयास करने में लगी हुई है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते सहरिया छात्रो को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है और वह सरकार के नुमाइंदों की लापरवाही के चलते शोषण के शिकार हो रहे हैं आपको बता दें कि शाहबाद आदिवासी अंचल क्षेत्र में सहरिया परियोजना विभाग द्वारा संचालित बालक आवासीय छात्रावासों में अवस्थाओं का आलम बना हुआ है इसके चलते छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है इसकी जानकारी संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को देने के बाद भी इस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है उल्लेखनीय बात तो यह है कि शाहबाद उपखंड मुख्यालय पर परियोजना विभाग द्वारा संचालित सहरीया आश्रम छात्रावास संचालित हो रहा है उसमें कई अवस्थाओं का आलम बना हुआ है​ छात्रावास के कमरों में गेट नहीं है छात्रों को पर्दा लगा कर के सर्दी के मौसम में हवा से बचाव करना पड़ता है लेट बाथरूमो की हालात दयनीय बनी हुई है खिड़कियां बदहाल हैं कमरों की दीवारें क्षतिग्रस्त हैं अन्य प्रकार की कई सुविधाएं बनी हुई है उपखंड मुख्यालय पर​ सहरियां परियोजना अधिकारी बैठते हैं और उन्हीं के पास संचालित छात्रावास की स्थिति दयनीय बनी हुई है इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शाहबाद किशनगंज विधानसभा क्षेत्र में संचालित सहरिया छात्रावासों के हाल कैसे होंगे जिम्मेदार अधिकारी की नाक के नीचे ही संचालित छात्रावास में पढ़ने वाले छात्र नारकीय​ जीवन जीकर अपनी पढ़ाई करने में लगे हुए हैं लेकिन इनकी समस्या को सुनने के लिए ना तो कोई जिम्मेदार अधिकारी हॉस्टलों का दौरा करते हैं और ना ही हॉस्टल वार्डन इस और कोई ध्यान देते हैं सहरिया आश्रम छात्रावास में बाउंड्रीवाल नहीं होने के कारण छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है यह छात्रावास जंगल से सटा हुआ है यहां पर जंगली जानवरों समेत असामाजिक तत्व के लोगों से छात्रों को हमेशा डर बना रहता है Conclusion:इस संबंध में छात्रावास के वार्डन बाबूलाल गुर्जर से ईटीवी भारत​ रिपोर्टर ने बात करने की कोशिश की तो मीडिया के कैमरे के सामने बोलने से बचते दिखाई दिए और हॉस्टल से बाहर चले गए अब देखने वाली बात यह है कि खबर दिखाए जाने के बाद क्या छात्रावास की स्थिति में सुधार होता है या फिर इसी तरीके से भगवान भरोसे सहरिया आश्रम छात्रावास संचालित रहेगे​ और समुदाय के लोगों के नाम पर आने वाली सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ कागजों में ही सिमट कर रह जाएगा और सहरिया समाज के बच्चों का इसी तरीके से शोषण होता रहेगा।
शाहबाद किशनगंज विधानसभा क्षेत्र में सैकड़ों सहरिया आश्रम छात्रावास संचालित हो रहे हैं लेकिन इन छात्रावासों का जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कभी आकस्मिक निरीक्षण नहीं किया जाता है तथा यह छात्रावास भगवान भरोसे ही संचालित हो रहे हैं इनमें पढ़ने वाले छात्रों का जमकर शोषण हो रहा है अगर समय रहते विभागीय जिम्मेदार अधिकारी इन छात्रावासों का दौरा करते रहें तो ऐसे हालात छात्रावासों में पैदा नहीं हो तथा हॉस्टल वार्डन भी अपने मनमाने रवैए के चलते हॉस्टलों को संचालित करते हैं इनके खिलाफ भी कोई उचित कार्यवाही नहीं की जाती है अगर ऐसे लापरवाह वार्डनो के खिलाफ विभागीय अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जाए तो छात्रों को काफी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा और व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलती रहेंगे।

बाइट 1 :- मंगल सहरिया
2 रामकुमार सहरिया 3 लालाराम सहरिया ,सहरिया आवासीय छात्रावास शाहबाद के छात्र
Last Updated : Feb 10, 2020, 4:09 PM IST
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