शाहबाद (बारां). प्रदेश की गहलोत सरकार एक ओर जहां शाहबाद आदिवासी अंचल क्षेत्र के सहरिया बच्चों को शिक्षा से जोड़ने और उन्हें शिक्षित बनाने का भरसक प्रयास कर रही है. वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते छात्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित हैं.
दरअसल, शाहबाद आदिवासी अंचल क्षेत्र में सहरिया परियोजना विभाग की ओर से संचालित बालक आवासीय छात्रावासों में अवस्थाएं अपने पैर पसारे हुए है. जिसकी जानकारी देने के बाद भी संबंधित विभाग के अधिकारियों के कान पर जू तक नहीं रेंग रही है.
पढ़ें- टोंक : कांस्टेबल 4500 रु की रिश्वत लेते गिरफ्तार, DSP और SHO मालपुरा भी जांच के घेरे में
शाहबाद उपखंड मुख्यालय पर परियोजना विभाग द्वारा संचालित सहरिया आश्रम छात्रावास के कमरों में गेट नहीं है. बाथरूम की हालात दयनीय है, खिड़कियां बदहाल हैं, कमरों की दीवारें भी क्षतिग्रस्त हैं. सहरिया आश्रम छात्रावास में रहने वाले छात्र नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. लेकिन प्रशासन के अधिकारियों को ना तो छात्रों की समस्या सुनाई देती है और ना ही दिखाई देती है. यहां तक कि हॉस्टल वार्डन भी इस मामले पर कैमरे के सामने बोलने से बचते नजर आ रहे हैं.
शाहबाद किशनगंज विधानसभा क्षेत्र में सैकड़ों सहरिया आश्रम छात्रावास संचालित हो रहे हैं. जिसे हॉस्टल वार्डन अपने मन माफिक संचालित कर रहे हैं. सही मायनों में छात्रों का जमकर शोषण हो रहा है. लेकिन आज तक किसी भी अधिकारी ने इन छात्रावासों का औचक निरीक्षण नहीं किया और ना ही वार्डन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई हुई.