अंता (बारां). जिले में लोक परिवहन बस चालकों की मनमानी लगातार बढ़ती ही जा रही है. बता दें कि कोटा और बारां से शुरू होने वाली लोक परिवहन की बसों में अंता की सवारियों के साथ सौतेला व्यवहार करते हुए बस में बैठने ही नहीं दिया जाता है और गलती से कोई सवारी बस में बैठ भी जाए तो महिला हो या फिर पुरुष उसे हाइवे पर ही उतार दिया जाता है.
इस बीच सवारियों की ओर से बस को कस्बे में ले जाने के लिए कहा जाता है. उनके साथ बदसलूकी भी की जाती है. ऐसे में सवारियों को एक किलोमीटर कस्बे की पैदल यात्रा करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. यात्रियों के पास समान हो या फिर छोटे-छोटे बच्चे इससे बस चालकों को कोई फर्क नहीं पड़ता है.
बता दें कि यह सब प्रशासन के ढीले रवैये के कारण हो रहा है. ऐसे में मनमानी करने वाले बस चालको के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. ताकि कस्बे के लोगों को कोटा-बारां आने जाने के लिए परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. पूर्व में एक बार पुलिस प्रशासन की ओर से शक्ति दिखाई गई तो कुछ दिनों तक लोक परिवहन की बसों की कस्बे में आवाजाही बनी रही. फिर बाद में प्रशासन के ढीले रवैये के कारण पूर्व जैसी ही स्तिथि पैदा हो गयी है.