बारां. जिले में मानवता को शर्मसार कर देनेवाली घटना सामने आई है. बस से अपने घर जा रही एक आठ महीने की गर्भवती महिला ने चालक से बस धीमे चलाने को कहा तो चालक ने महिला और उसके परिवार को बारां के चारमूर्ति चौराहे पर उतार दिया. वहीं, चौराहे पर महिला दर्द से तड़पती रही, लेकिन मदद के लिए कोई आगे नहीं आया.
बेरोजगार होने पर मजदूर पत्नी के साथ जा रहा था घर...
शहर में चारमूर्ति चौराहे पर एक गर्भवती महिला ने दम तोड़ दिया. लोग तमाशबीन बनकर खड़े होकर देखते रहे. मध्यप्रदेश के सागर जिला के पटना गांव निवासी सुरेंद्र ने बताया कि वह झूंझुनू में कारीगरी का काम करता था. लॉकडाउन में बेरोजगार होने के कारण वह परिवार सहित सामान लेकर निजी बस से वापस गांव जा रहा था. कोटा से घर जाने के लिए वह बस में बैठा और उसके साथ आठ महीने की गर्भवती पत्नी सीताबाई और डेढ़ साल की बेटी कंचन और साली चंदा भी थी.
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सुरेंद्र ने आरोप लगाया कि कोटा से बारां आते समय बस चालक तेज रफ्तार से गाड़ी चला रहा था. वहीं बस की तेज रफ्तार और गड्ढ़ों के कारण उसकी पत्नी की तबीयत खराब हो गई. पत्नी दर्द से चीखते हुए चक्कर आने, पेट में दर्द होने की बात कहते हुए बस की रफ्तार गड्ढ़ों में धीमी करने को कहती रही लेकिन बस चालक ने सुनवाई नहीं की. जिसके बाद चालक ने बारां चारमूर्ति चौराहे पर सबको उतार दिया और वहां से चला गया.
गर्भवती तड़पती रही, लोग तमाशबीन बने रहे...
सुरेंद्र का कहना है कि उसकी पत्नी तड़पती रही लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया. वहीं बाद में वह पत्नी को ऑटो में बारां जिला अस्पताल लेकर गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
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वहीं शव को गांव लेकर जाने के लिए रुपए नहीं होने से वह टैक्सी स्टैंड पर पहुंचा. जहां टीवी कलाकार संजय गोविंदा, मोहम्मद तबरेज, डीटीओ इंस्पेक्टर योगेश मालावत उसकी मदद के लिए आगे आए और उसके घर जाने के लिए टैक्सी करवाई.