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फसल खराबे की मुआवजा राशि दिलाने की मांग को लेकर किसानों ने सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

बारां के शाहबाद में बारिश से हुए खराबे को लेकर किसानों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी कैलाश गुर्जर को ज्ञापन सौंपा है. बारिश होने कारण खरीफ की फसलें खराब होने की वजह से किसानों में मायूसी छाई हुई है.

बारां न्यूज, baran news
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Published : Sep 27, 2019, 4:09 AM IST

शाहबाद (बारां). शाहबाद आदिवासी अंचल क्षेत्र में हुई जोरदार बारिश के चलते किसानों के चेहरों पर मायूसी छा गई है. बारिश से हुए नुकसान के चलते आदिवासी अंचल क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों से आए किसानों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी कैलाश गुर्जर को ज्ञापन सौंपा है.

मुख्यमंत्री के नाम किसानों ने दिया ज्ञापन

किसान सेवा समिति के सदस्यों ने बताया कि पिछले 2 माह से लगातार बारिश होने कारण खरीफ की फसल उड़द, तिल्ली, टमाटर, बाजरा की फसल खराब हो चुकी है और अब सोयाबीन की फसल में भी नुकसान हो रहा है. फसल खराबे का बीमा कंपनियों एवं राजस्व विभाग द्वारा सर्वे कराकर मुआवजे की घोषणा की जाये. उपखण्ड क्षेत्र में फसल खराबे की गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिलवाने की मांग की हैं.

पढ़ें : उपचुनाव में RLP-BJP के बीच गठबंधन का हुआ औपचारिक एलान, जल्द होगी उम्मीदवारों की घोषणा

किसानों का कहना है कि उन्होंने अपनी मूल पूंजी लगाकर खेती-बाड़ी की थी, तो कई किसानों ने अपने जेवरात और अन्य सामग्री गिरवी रखकर खेती करने के लिए सेठ साहूकारों से पैसा उधार लिया था. फसल की बंपर पैदावार की आस लगी हुई थी लेकिन, वर्षा काल से फसल पूर्ण रूप नष्ट हो गई है.

पढ़ें : बिना अनुमति टेंडर आगे बढ़ाने पर भड़के विश्वेंद्र सिंह, अधिकारियों को लताड़ा
बता दें कि बारिश होने से फसल की पैदावार अच्छी होना मुश्किल है. ऐसे में सेठ साहूकारों का पैसा चुकाना भी मुसीबत बनता जा रहा है. फसल खराबे का ज्ञापन देने वालों में किसान महापंचायत किसान सेवा समिति के अध्यक्ष मथुरालाल सहरिया, मुरारीलाल सहरिया, भोगीलाल सहरिया, गुलाब, राजवती सहित सैंकड़ों महिला पुरुष किसानों ने ज्ञापन सौंपकर अपनी फसल खराबे को लेकर मुआवजे की मांग की है.

शाहबाद (बारां). शाहबाद आदिवासी अंचल क्षेत्र में हुई जोरदार बारिश के चलते किसानों के चेहरों पर मायूसी छा गई है. बारिश से हुए नुकसान के चलते आदिवासी अंचल क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों से आए किसानों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी कैलाश गुर्जर को ज्ञापन सौंपा है.

मुख्यमंत्री के नाम किसानों ने दिया ज्ञापन

किसान सेवा समिति के सदस्यों ने बताया कि पिछले 2 माह से लगातार बारिश होने कारण खरीफ की फसल उड़द, तिल्ली, टमाटर, बाजरा की फसल खराब हो चुकी है और अब सोयाबीन की फसल में भी नुकसान हो रहा है. फसल खराबे का बीमा कंपनियों एवं राजस्व विभाग द्वारा सर्वे कराकर मुआवजे की घोषणा की जाये. उपखण्ड क्षेत्र में फसल खराबे की गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिलवाने की मांग की हैं.

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किसानों का कहना है कि उन्होंने अपनी मूल पूंजी लगाकर खेती-बाड़ी की थी, तो कई किसानों ने अपने जेवरात और अन्य सामग्री गिरवी रखकर खेती करने के लिए सेठ साहूकारों से पैसा उधार लिया था. फसल की बंपर पैदावार की आस लगी हुई थी लेकिन, वर्षा काल से फसल पूर्ण रूप नष्ट हो गई है.

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बता दें कि बारिश होने से फसल की पैदावार अच्छी होना मुश्किल है. ऐसे में सेठ साहूकारों का पैसा चुकाना भी मुसीबत बनता जा रहा है. फसल खराबे का ज्ञापन देने वालों में किसान महापंचायत किसान सेवा समिति के अध्यक्ष मथुरालाल सहरिया, मुरारीलाल सहरिया, भोगीलाल सहरिया, गुलाब, राजवती सहित सैंकड़ों महिला पुरुष किसानों ने ज्ञापन सौंपकर अपनी फसल खराबे को लेकर मुआवजे की मांग की है.

Intro:शाहबाद आदिवासी अंचल क्षेत्र के किसानों ने फसल खराबे की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम सर्वे कराकर किसानों को उचित मुआवजा राशि देने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।Body:शाहबाद आदिवासी अंचल क्षेत्र में हुई जोरदार बारिश के चलते किसानों की खुशियां मुरझा गई है किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया है किसानों की फसलें पानी की बर्बादी के चलते स्वाह हो गई किसान कर्ज में डूबता दिखाई दे रहा है शाहबाद आदिवासी अंचल क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों से आए किसानों ने आज मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी कैलाश गुर्जर को ज्ञापन सौंपा। किसान सेवा समिति के सदस्यों ने बताया कि पिछले 2 माह से लगातार बारिश होने कारण खरीफ की फसल उड़द,तिल्ली,टमाटर,बाजरा,की फसल खराब हो चुकी है, और अब सोयाबीन की फसल में भी नुकसान हो रहा है। फसल खराबे का बीमा कंपनियों एवं राजस्व विभाग द्वारा सर्वे कराकर मुआवजे की घोषणा की जाये। उपखण्ड क्षेत्र में फसल खराबे की गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिलवाने की मांग की हैं। किसानों का कहना है कि कई किसानों ने अपनी मूल पूंजी लगाकर खेती-बाड़ी की थी तो कई किसानों ने अपने जेवरात व अन्य सामग्री गिरवी रखकर खेती करने के लिए सेठ साहूकारों से पैसा उधार लिया था फसल की बंपर पैदावार की आस लगी हुई थी लेकिन वर्षा काल से फसल पूर्ण रूप से सड़ गल कर नष्ट हो गई है किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया है आपको बता दे कि बारिश होने से फसल की पैदावार नहीं होगी ऐसे में सेठ साहूकारों का पैसा चुकाना भी मुसीबत बनता जा रहा है तो कई किसानों का कहना है लहराती हुई अच्छी फसल के चलते अच्छी पैदावार होने की आस लगी थी इसको लेकर किसान बच्चों के शादी विवाह करने के अरमान सजोए हुए थे लेकिन अतिवृष्टि के चलते किसान कर्ज के बोझ में दब गया है ऐसे में किसानों के आगे और बड़ी समस्या पैदा हो गई है Conclusion:अब किसान सेठ साहूकारों के कर्ज को कैसे चुकाएगा या घर परिवार में मांगलिक कार्यों में खर्च करेगा उसको लेकर किसान वर्ग ज्यादा चिंतित दिखाई दे रहा है फसल खराबे का ज्ञापन देने वालों में किसान महापंचायत किसान सेवा समिति के अध्यक्ष मथुरालाल सहरिया,मुरारीलाल सहरिया, भोगीलाल सहरिया,लूटो, संजय, काशी लाल, बद्रीलाल ,अशोक कुमार, सुरेश शर्मा, उँकार ,राम मेहता ,रघुवर, बृजेश, चंद्र मोहन सिंह, सिया बाई, रामदुलारी, गुलाब, राजवती सहित सैकड़ो महिला पुरुष किसानों ने ज्ञापन सौंपकर अपनी फसल खराबे को लेकर मुआवजे की मांग की गई।

बाइट कोमल किसान
बाइट किसान रमेश
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