बारां. जिले में भी जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनाव थे. जिनमें जिला परिषद के चुनाव में कांग्रेस पार्टी पिछड़ गई (Baran Panchayat election 2021 result) है. यहां पर बीजेपी को जहां पर 13 सीटें 25 में से मिली (BJP seats in Baran Parishad election) है. वहीं कांग्रेस के 12 जिला परिषद सदस्य जीत कर आए हैं. ऐसे में बहुमत का आंकड़ा तो बीजेपी के पास चला गया है. दूसरी तरफ राजस्थान सरकार में खनन एवं पालन मंत्री प्रमोद जैन भाया की पत्नी उर्मिला जैन भाया वार्ड नंबर 24 जीत गई है. बारां जिले में जहां पर जिला प्रमुख पद पर सामान्य महिला की सीट है. ऐसे में अब मंत्री प्रमोद जैन भाया किस तरह से जोड़-तोड़ का गणित बैठाते हैं, यह भी देखने वाली बात है.
भाजपा के 13 जिला परिषद सदस्य
वार्ड नंबर 1 से महेंद्र, 2 से अनीता, 3 से जगदीश, 4 से रितिक, 6 से मुकेश, 8 से छीतरलाल, 13 से प्रियंका शर्मा, 14 से प्रवीण कुमारी, 15 से प्रेमचंद, 16 से निशा, 18 से फूल सिंह, 19 से मन्नाराम और 25 से लोकेशबाई जीते हैं.
कांग्रेस के जीते हुए 12 जिला परिषद सदस्य
वार्ड नंबर 5 से इंदिरा, 7 से कस्तूरी बाई, 9 से जयाप्रदा, 10 से कस्तूरचंद, 11 से हेमंत, 12 से कुसुमलता, 17 से कोमल, 20 से आरती, 21 रविसिंह, 22 से प्रदीप काबरा, 23 संपत और 24 से उर्मिला जैन भाया जीती हैं.
पंचायत समितियों में बराबरी पर कांग्रेस भाजपा
पंचायत समिति के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस बराबरी पर रही है. भाजपा को जहां पर चार पंचायत समितियों बारां, अंता, छीपाबड़ौद और छबड़ा में बढ़त मिली है. इसी तरह से कांग्रेस किशनगंज, शाहबाद, अटरू और मांगरोल में जीती है. हालांकि अभी जोड़-तोड़ की गणित शुरू हो गई. जिसमें कुछ बदलाव हो सकते हैं. क्रॉस वोटिंग के जरिए भी राजनीतिक पार्टियां अपने प्रधान यहां पर बना सकती है.
विधायक पानाचंद के क्षेत्र में एक में जीत एक में हार
कांग्रेस के विधायक पानाचंद मेघवाल के विधानसभा क्षेत्र की अटरू पंचायत समिति में बीजेपी को बढ़त नहीं मिली है. यहां पर 15 में से नौ कांग्रेस के पंचायत समिति सदस्य जीत कर आए हैं. जबकि भाजपा के खाते में महज 5 ही सीटें आई है. एक पर निर्दलीय जिला परिषद सदस्य बना है. यहां पर कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है. जादुई आंकड़े 8 से ज्यादा कांग्रेस के पंचायत समिति सदस्य हैं. ऐसे में उनका प्रधान बनना तय हो चुका है. हालांकि बारां पंचायत समिति में कांग्रेस को जीत नहीं मिल पाई है. यहां पर अटरू से बिल्कुल उल्टा परिणाम आया है.
बीजेपी के 9 पंचायत समिति सदस्य जीत कर आए हैं. कांग्रेस के यहां पर 5 पर ही सिमट गई है. जबकि एक पर निर्दलीय काबिज हुआ है. बीजेपी के सिंबल पर चुनाव जीते मोरपाल सुमन प्रधान के लिए दावेदारी करेंगे. उनका प्रधान बनना लगभग तय माना जा रहा है क्योंकि भाजपा को यहां पर स्पष्ट बहुमत मिला है.
मंत्री भाया के क्षेत्र में अंता में हार, मांगरोल में जीत
अंता पंचायत समिति जो कि मंत्री भाया की विधानसभा क्षेत्र में आता है. जहां पर कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा है. यहां पर 15 पंचायत समिति सदस्यों में से 10 पर बीजेपी काबीज हुई है, केवल 5 पर ही कांग्रेस को जीत मिली है. ऐसे में स्पष्ट बहुमत है. बताया जा रहा है कि पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद रघुवीर सिंह कौशल के पोते प्रखर कौशल के यहां से चुनाव लड़ा है. ऐसे में वह प्रधान के लिए दावेदारी जता सकते हैं. इसी तरह मांगरोल पंचायत समिति भी मंत्री भाया की विधानसभा क्षेत्र में आता है. वहां भी 15 पंचायत समिति सदस्यों में से 9 कांग्रेस के जीत कर आए हैं. जबकि पांच भारतीय जनता पार्टी के जीते हैं और एक पर निर्दलीय काबीज हुआ है. ऐसे में यहां पर कांग्रेस का बोर्ड बनना लगभग तय माना जा रहा है.
विधायक सिंघवी के क्षेत्र में दोनों पंचायत समिति बीजेपी के पक्ष में
बारां जिले के छबड़ा विधायक और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी के विधानसभा क्षेत्र की छबड़ा पंचायत समिति में भाजपा को बढ़त मिली है. यहां 15 में से आठ भारतीय जनता पार्टी जीत कर आई है. वहीं 6 कांग्रेस के खाते में गई है. जबकि एक पर निर्दलीय जीता है. इसी तरह जिले के छीपाबड़ौद पंचायत समिति में भी भारतीय जनता पार्टी को बहुमत मिला है. वहां पर 19 सीटों में से 10 पर भारतीय जनता पार्टी जीत कर आई है. जबकि कांग्रेस 5 पर ही सिमट गई है. वहीं चार निर्दलीय भी काबिज हुए हैं. ऐसे में बहुमत का जो आंकड़ा भारतीय जनता पार्टी के खाते में है.
विधायक निर्मला सहरिया के क्षेत्र की दोनों पंचायत समितियां कांग्रेस के खेमे में
जिले के शाहबाद पंचायत समिति में भारतीय जनता पार्टी की हाथ ज्यादा कुछ नहीं लगा है. यहां पर महज 2 पर ही बीजेपी सिमट कर रह गई. जबकि कांग्रेस 15 में से 13 सीटों पर जीत कर आई है. ऐसे में बहुमत से लेकर सब कुछ कांग्रेस के हाथ में ही है. वहां कांग्रेस का प्रधान बनना बिल्कुल तय है. इसी तरह से किशनगंज पंचायत समिति में 17 सीटें हैं. जिनमें से बहुमत कांग्रेस के खाते में है. उन्हें 11 सीटें मिली है, भाजपा और निर्दलीय 3-3 पर काबिज हुए हैं. ऐसे में यहां पर जादुई आंकड़ा 9 कांग्रेस के पक्ष में है. यह दोनों पंचायत समितियां कांग्रेस विधायक निर्मला सहरिया के विधानसभा क्षेत्र में आती हैं. यह दोनों जगह कांग्रेस का प्रधान बनना तय है.