शाहबाद (बारां). जिले की शाहबाद किशनगंज विधानसभा क्षेत्र में निवास करने वाले सहरिया समुदाय के लोग भले ही पिछड़ी गिनती में आते हो, लेकिन धीरे-धीरे समाज के लोगों की शिक्षा से दिशा और दशा बदलने लगी है. इससे सहरिया समुदाय के जीवन स्तर में भी सुधार देखने को मिल रहा है.
शाहबाद किशनगंज विधानसभा क्षेत्र में रक्तदान को लेकर सहरिया आदिवासियों को पिछड़ा हुआ माना जाता था, लेकिन अब तस्वीर बदलने लगी है. हाड़ौती ब्लड डोनर सोसायटी के आह्वान पर सीताबाड़ी के वाल्मीकि मंदिर में सहरिया समाज द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया.
रक्तदान शिविर में 50 से अधिक सहरिया समाज के लोगों ने रक्तदान किया. हाड़ौती ब्लड डोनर सोसायटी के रक्त प्रेरक बृजेश सहरिया ने बताया कि सहरिया समाज के लोगों में एनीमिया के रोगियों की संख्या अधिक है और रक्तदान को लेकर जागृति का अभाव है.
ऐसे में रक्तदान को लेकर आदिवासी सहरिया जाति के लोगों को घर-घर जाकर जागृत किया. इसका नतीजा रहा कि बीते दो वर्षों से बाल दिवस के अवसर पर रक्तदान शिविर आयोजित किया जा रहा है. वहीं किशनगंज शाहबाद के रक्तदान शिविरों में भी सहरिया आदिवासियों की भूमिका रहती है.
शिविर में सहरिया समाज के रक्तदाताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए सोसाइटी के नरेंद्र शर्मा, मुकेश नामा, ताहिर खान, मेहबूब खान, जगदीश राठौर, मुकेश प्रजापति, संदीप सिंह, अर्जुनलाल वर्मा, बी एड कॉलेज के राणा प्रताप सिंह,सचिव जगदीश सहरिया सहित कई लोग उपस्थित थे.
हाड़ौती ब्लड डोनर सोसायटी के आह्वान पर लगाया नाक, कान, गला व आंख और कैंसर परामर्श शिविर
रक्तदान शिविर के दौरान महावीर ईएनटी हॉस्पिटल कोटा की ओर से नाक, कान गला, आंख और कैंसर परामर्श शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें 54 मरीजों की जांच हुई और परामर्श लिया. जिसमें से 4 मरीजों को भामाशाह योजना के तहत चयनित किया गया. जिनका कोटा महावीर ईएनटी हॉस्पिटल में निःशुल्क इलाज किया जाएगा.
समाज में शिक्षा से आई जागृति
शाहबाद किशनगंज विधानसभा क्षेत्र सहरिया बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण विकास की दौड़ में भले ही क्षेत्र पीछे हो, लेकिन शिक्षा का स्तर सहरिया समाज के लोगों में बढ़ने लगा है. सहरिया समाज के लोगों ने सीताबाड़ी में रक्तदान शिविर का आयोजन किया. शिविर में समाज के युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और रक्तदान किया. शिक्षा का स्तर युवाओं में बढ़ने के कारण उनके रहन-सहन और सोच में धीरे-धीरे बदलाव आता जा रहा है.
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समाज के लोगों का कहना है कि समाज के बच्चे कुपोषण के चलते खून की कमी के चलते अकाल मौत के शिकार हो जाते हैं. ऐसे में अब समाज के लोगों में जागरूकता आती जा रही है और समाज के लोग रक्तदान जैसे शिविर लगाकर समाज के बच्चों की दशा और दिशा सुधारने के लिए प्रयासरत हो रहे हैं.