बारां. शहर के लोगों के लिए खरीदारी का प्रमुख केंद्र माने जाने वाले इस मेले में हर साल करोड़ों रुपए का कारोबार हुआ करता है. लेकिन इस साल इस मेले के बाजारों में सन्नाटा पसरा है. दुकानदारों ने वजह मंदी को ठहराया है तो वहीं बारिश के कारण भी व्यापारियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है.
व्यापारी ग्राहकों के लिए तरस रहे हैं, तो ग्राहक पैसों के लिए तरस रहे हैं. इस मेले से जुड़े पुराने व्यापारी बताते हैं कि पिछले 40 सालों में ऐसी मंदी कभी देखने को नहीं मिली. हालांकि मेला अभी कुछ दिन और चलेगा लेकिन स्थिति को भांपते हुए व्यापारी नुकसान के आंकलन में जुट गए है.
पढ़ें: पिछले 30 साल के रिकॉर्ड में इस साल मानसून रहा अच्छा, प्रतापगढ़ में हुई सबसे ज्यादा बारिश
सबसे ज्यादा चिंता की लकीरें उन व्यापारियों के माथे पर है, जिन्होंने कर्जा लेकर इस मेले में दुकाने लगाई है. ऐसे व्यापारियों के लिए यह डोल मेला इस बार साल भर की आजीविका का सबब तो नहीं बना बल्कि कर्जदार बना गया है.