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अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में अनुच्छेद- 370 पर रहा पूरा फोकस

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Published : Sep 10, 2019, 1:39 PM IST

अंता में डोल एकादशी पर्व पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कवियों का पूरा फोकस कश्मीर में हटाई गई अनुच्छेद- 370 पर रहा. वहीं कवि सम्मेलन सुबह होने तक चलता रहा.

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अंता (बारां). अंता में डोल एकादशी पर्व को सोमवार को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें कवियों का पूरा फोकस कश्मीर में हटाई गई अनुच्छेद- 370 पर रहा. वहीं कवि सम्मेलन सुबह होने तक चलता रहा.

अंता में कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन

बता दें कि कवि सम्मेलन में कई प्रसिद्ध कवियों ने भाग लिया. इस कवि सम्मेलन की शुरआत राय बरेली से आई कवयित्री कोमल नाजुक द्वारा सरस्वती वंदना से की गई. वहीं कवि सम्मेलन के दौरान कवि गिरिराज आमेठा ने 'सुन-सुन रे म्हारा यार मन छोटी मिली रे नार' कविता पर खूब तालियां बटोरी. वहीं रायपुर बरेली से आई कवित्री कोमल नाजुक ने अपनी सुरीली आवाज के साथ कविता पाठ किया.

यह भी पढ़ें. बारां में डोल एकादशी पर निकला विशाल अखाड़ा जुलूस

इसमें कोमल ने 'मैं नर का आधा हिस्सा हूं, मैं श्रीमद्भगवत गीता हूं' पर खूब दाद पायी. कवि सम्मेलन के दौरान कवियों का पूरा फोकस कश्मीर में हटाई गई अनुच्छेद 370 पर रहा. इस कवि सम्मेलन में वीर रस के कवि अशोक चारण, मुकुट मणिराज, राजकुमार बादल, गिरिराज आमेठा ,कवयित्री कोमल नाजुक, ओम सोनी मधुर और ओम मेरोठा ने भाग लिया. कवि सम्मेलन भोर होने तक चलता रहा.

अंता (बारां). अंता में डोल एकादशी पर्व को सोमवार को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें कवियों का पूरा फोकस कश्मीर में हटाई गई अनुच्छेद- 370 पर रहा. वहीं कवि सम्मेलन सुबह होने तक चलता रहा.

अंता में कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन

बता दें कि कवि सम्मेलन में कई प्रसिद्ध कवियों ने भाग लिया. इस कवि सम्मेलन की शुरआत राय बरेली से आई कवयित्री कोमल नाजुक द्वारा सरस्वती वंदना से की गई. वहीं कवि सम्मेलन के दौरान कवि गिरिराज आमेठा ने 'सुन-सुन रे म्हारा यार मन छोटी मिली रे नार' कविता पर खूब तालियां बटोरी. वहीं रायपुर बरेली से आई कवित्री कोमल नाजुक ने अपनी सुरीली आवाज के साथ कविता पाठ किया.

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इसमें कोमल ने 'मैं नर का आधा हिस्सा हूं, मैं श्रीमद्भगवत गीता हूं' पर खूब दाद पायी. कवि सम्मेलन के दौरान कवियों का पूरा फोकस कश्मीर में हटाई गई अनुच्छेद 370 पर रहा. इस कवि सम्मेलन में वीर रस के कवि अशोक चारण, मुकुट मणिराज, राजकुमार बादल, गिरिराज आमेठा ,कवयित्री कोमल नाजुक, ओम सोनी मधुर और ओम मेरोठा ने भाग लिया. कवि सम्मेलन भोर होने तक चलता रहा.

Intro:बारां जिले के अंता में डोल एकादशी पर्व को लेकर बम्बोरी में आयोजित किये गये अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कवियों का पूरा फोकस कश्मीर में हटाई गई धारा 370 पर रहा । कवि सम्मेलन भोर होने तक चलता रहा ।Body:अंता (बारां) डोल एकादशी पर्व को लेकर बमोरी में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया इसमें कई ख्यात नामी कवियों ने भाग लिया ।इस कवि सम्मेलन की शुरआत राय बरेली से आई कवयित्री कोमल नाजुक द्वारा सरस्वती वंदना से की गई ।
कविसम्मेलन के दौरान कवि गिरिराज आमेठा ने सुन सुन रे म्हारा यार मन छोटी मिली रे नार कविता पर खूब तालियां बटोरी वही रायपुर बरेली से आई कवित्री कोमल नाजुक ने अपनी सुरीली आवाज के साथ कविता पाठ में कहा कि में नर का आधा हिस्सा हू, में श्रीमद् भगवत गीता हू । पर खूब दाद पायी ।
कवि सम्मेलन के दौरान कवियों का पूरा फोकस कश्मीर में हटाई गई धारा 370 पर रहा ।

Conclusion:इस कवि सम्मेलन में वीर रस के कवि अशोक चारण ,मुकुट मणिराज, राजकुमार बादल, गिरिराज आमेठा ,कवयित्री कोमल नाजुक ,ओम सोनी मधुर तथा ओम मेरोठा ने भाग लिया ।कवि सम्मेलन भोर होने तक चलता रहा ।
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