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आवारा पशुओं के कारण सड़कों पर हो रहे हादसे, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप

बारां जिले में अंता नेशनल हाईवे 27 पर पौधों के बीच जगह-जगह आवारा मवेशी विचरण करते रहते हैं, जो अचानक रोड पर आ जाते हैं. ऐसे में वाहन चालकों को संभलने का मौका तक नहीं मिल पाता और वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं.

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Published : Oct 31, 2019, 3:23 PM IST

अंता (बारां). नेशनल हाईवे-27 पर बने डिवाइडर के बीच लगाए गए पौधे बड़े होने के साथ ही अब वाहन चालकों के लिए मुसीबत का कारण बनते जा रहे हैं. पौधों के बीच जगह-जगह अवारा मवेशी विचरण करते रहते हैं, जो अचानक रोड पर आ जाते हैं. ऐसे में वाहन चालकों को संभलने का मौका तक नहीं मिलता और वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं.

आवारा पशुओं के कारण सड़कों पर हो रहे हादसे

यह समस्या सिर्फ अंता की ही नहीं है, बल्कि कोटा से लेकर शाहबाद तक यही हालात हैं. हाईवे पर आए दिन हो रही दुर्घटनाओं के पीछे अधिकांश आवारा मवेशियों के ही मामले सामने आ रहे हैं. इसके बावजूद इस गम्भीर समस्या की ओर ना तो प्रशासन और ना ही सरकार की ओर से ध्यान दिया जा रहा है. इसका खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है.

पढ़ेंः बारां : ट्रैक्टर से दब कर युवक की मौत

नेशनल हाईवे के इस डिवाइडर के बीच विचरण करते अवारा मवेशी दिन के समय तो जैसे-तैसे वाहन चालकों को नजर भी आ जाते हैं, लेकिन रात के समय यह समस्या और बढ़ जाती है. जब मवेशी डिवाइडर से निकलकर अचानक रोड पर आ जाते हैं. ऐसा नहीं है कि इन आवारा मवेशियों से सिर्फ वाहन चालक ही दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं, बल्कि आवारा मवेशी भी मौत का ग्रास बन रहे हैं. बता दें कि हाल ही में नेशनल हाइवे पर आधा दर्जन मवेशियों की अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत हो गई थी.

पढ़ेंः किसान के घर में घुस गया 5 फिट का मगरमच्छ, बाद में एनीकट में छोड़ा

इस गम्भीर समस्या के समाधान को लेकर हाइवे के बीच बने इस डिवाइडर के दोनों ओर फेंसिंग जाली लगाई जानी चाहिए ताकि आवारा मवेशी इसमें प्रवेश नहीं कर सके. दुर्घटनाओं को कम करने को लेकर सरकार की तरफ से नई पहल शुरू की जाकर इस दिशा में भी ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि की वाहन चालकों को दुर्घटना से राहत मिल सके.

अंता (बारां). नेशनल हाईवे-27 पर बने डिवाइडर के बीच लगाए गए पौधे बड़े होने के साथ ही अब वाहन चालकों के लिए मुसीबत का कारण बनते जा रहे हैं. पौधों के बीच जगह-जगह अवारा मवेशी विचरण करते रहते हैं, जो अचानक रोड पर आ जाते हैं. ऐसे में वाहन चालकों को संभलने का मौका तक नहीं मिलता और वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं.

आवारा पशुओं के कारण सड़कों पर हो रहे हादसे

यह समस्या सिर्फ अंता की ही नहीं है, बल्कि कोटा से लेकर शाहबाद तक यही हालात हैं. हाईवे पर आए दिन हो रही दुर्घटनाओं के पीछे अधिकांश आवारा मवेशियों के ही मामले सामने आ रहे हैं. इसके बावजूद इस गम्भीर समस्या की ओर ना तो प्रशासन और ना ही सरकार की ओर से ध्यान दिया जा रहा है. इसका खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है.

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नेशनल हाईवे के इस डिवाइडर के बीच विचरण करते अवारा मवेशी दिन के समय तो जैसे-तैसे वाहन चालकों को नजर भी आ जाते हैं, लेकिन रात के समय यह समस्या और बढ़ जाती है. जब मवेशी डिवाइडर से निकलकर अचानक रोड पर आ जाते हैं. ऐसा नहीं है कि इन आवारा मवेशियों से सिर्फ वाहन चालक ही दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं, बल्कि आवारा मवेशी भी मौत का ग्रास बन रहे हैं. बता दें कि हाल ही में नेशनल हाइवे पर आधा दर्जन मवेशियों की अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत हो गई थी.

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इस गम्भीर समस्या के समाधान को लेकर हाइवे के बीच बने इस डिवाइडर के दोनों ओर फेंसिंग जाली लगाई जानी चाहिए ताकि आवारा मवेशी इसमें प्रवेश नहीं कर सके. दुर्घटनाओं को कम करने को लेकर सरकार की तरफ से नई पहल शुरू की जाकर इस दिशा में भी ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि की वाहन चालकों को दुर्घटना से राहत मिल सके.

Intro:बारां जिले के अंता में नेशनल हाइवे 27 पर बने डिवाइडर के बीच लगाए गए पौधे बड़े होने के साथ ही अब वाहन चालकों के लिए मुसीबत बनते जा रहे है ।पौधों के बीच जगह जगह अवारा मवेशी विचरण करते रहते है जो अचानक रोड पर आ जाते है ऐसे में वाहन चालको को सम्भलने का मौका तक नही मिलता ओर वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो जाते है ।Body:
अंता (बारां) यह समस्या सिर्फ अंता की ही नही है वरन कोटा से लेकर शाहबाद तक यही हालात है । हाइवे पर आए दिन हो रही दुर्घटनाओ के पीछे अधिकांश अवारा मवेशियों के ही मामले सामने आ रहे है ।इसके बाउजूद इस गम्भीर समस्या की ओर न तो प्रशासन और न ही सरकार की ओर से ध्यान दिया जा रहा है । और इसका खामियाजा निर्दोष वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है ।नेशनल हाइवे के इस डिवाइडर के बीच विचरण करते अवारा मवेशी दिन के समय तो जैसे तैसे वाहन चालकों को नजर भी आ जाते है परन्तु रात के समय यह समस्या और भी दयनीय बन जाती है जब मवेशी डिवाइडर से निकलकर अचानक रोड पर आ जाते है ।ऐसा नही है कि इन आवारा मवेशियों से सिर्फ वाहन चालक ही दुर्घटना के शिकार हो रहे है बल्कि आवारा मवेशी भी मौत का ग्रास बन रहे है ।अभी हाल ही में नेशनल हाइवे पर आधा दर्जन मवेशियों की अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत हो गयी थी ।
नेशनल हाइवे के बीच बने इस डिवाइडर में अवारा मवेशी झुंड के रूप में विचरण करते है जो रोड पर भी एक साथ डिवाइडर से बाहर आ जाते है ऐसे में वाहन चालक को सम्भलने तक का मौका नही मिलता है और वह दुर्घटना का शिकार हो जाता है ।
।Conclusion:इस गम्भीर समस्या के समाधान को लेकर हाइवे के बीच बने इस डिवाइडर के दोनों ओर फेंसिंग जाली लगाई जानी चाहिए ताकि आवारा मवेशी इसमे प्रवेश नही कर सके ।
दुर्घटनाओ को कम करने को लेकर सरकार द्वारा नित नई पहल शुरू की जा रही है ऐसे में इस दिशा पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि की वाहन चालको को दुर्घटना से राहत मिल सके

बाइट -राज सिंह पेट्रोलपंप मालिक
बाइट-राजेन्द्र कुमार वाहन चालक
बाइट- वीरेंद्र खत्री - दुकानदार
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