अंता (बारां). नेशनल हाईवे-27 पर बने डिवाइडर के बीच लगाए गए पौधे बड़े होने के साथ ही अब वाहन चालकों के लिए मुसीबत का कारण बनते जा रहे हैं. पौधों के बीच जगह-जगह अवारा मवेशी विचरण करते रहते हैं, जो अचानक रोड पर आ जाते हैं. ऐसे में वाहन चालकों को संभलने का मौका तक नहीं मिलता और वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं.
यह समस्या सिर्फ अंता की ही नहीं है, बल्कि कोटा से लेकर शाहबाद तक यही हालात हैं. हाईवे पर आए दिन हो रही दुर्घटनाओं के पीछे अधिकांश आवारा मवेशियों के ही मामले सामने आ रहे हैं. इसके बावजूद इस गम्भीर समस्या की ओर ना तो प्रशासन और ना ही सरकार की ओर से ध्यान दिया जा रहा है. इसका खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है.
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नेशनल हाईवे के इस डिवाइडर के बीच विचरण करते अवारा मवेशी दिन के समय तो जैसे-तैसे वाहन चालकों को नजर भी आ जाते हैं, लेकिन रात के समय यह समस्या और बढ़ जाती है. जब मवेशी डिवाइडर से निकलकर अचानक रोड पर आ जाते हैं. ऐसा नहीं है कि इन आवारा मवेशियों से सिर्फ वाहन चालक ही दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं, बल्कि आवारा मवेशी भी मौत का ग्रास बन रहे हैं. बता दें कि हाल ही में नेशनल हाइवे पर आधा दर्जन मवेशियों की अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत हो गई थी.
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इस गम्भीर समस्या के समाधान को लेकर हाइवे के बीच बने इस डिवाइडर के दोनों ओर फेंसिंग जाली लगाई जानी चाहिए ताकि आवारा मवेशी इसमें प्रवेश नहीं कर सके. दुर्घटनाओं को कम करने को लेकर सरकार की तरफ से नई पहल शुरू की जाकर इस दिशा में भी ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि की वाहन चालकों को दुर्घटना से राहत मिल सके.