बारां. बारां जिले के अंता में पद स्थापित सीआई अनिल पांडे के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने फेल ट्रैप के मामले (ACB fail trap case) में धारा 8 के तहत रिश्वत मांगने का मुकदमा दर्ज कर लिया है. सब इंस्पेक्टर ने झालावाड़ जिले के खानपुर में परिवादी के भाई की गिरफ्तारी के दौरान रिमांड अवधि नहीं बढ़ाने और थाने में मारपीट नहीं करने की एवज में 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी.
इस मामले में सत्यापन होने के बाद आरोपी सीआई अनिल पांडे ने रिश्वत नहीं ली थी. मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पूरे प्रकरण को जयपुर मुख्यालय भिजवाया था. जहां से इस पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. कोटा ग्रामीण एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेरणा शेखावत ने बताया कि अनिल पांडे खानपुर में पदस्थापन के दौरान रिश्वत की मांग की थी. इस दौरान उन्हें ट्रैप करने की कोशिश भी हमने की थी, लेकिन यह ट्रैप फेल हो गया था.
सीआई अनिल पांडे ने रिश्वत की मांग (CI anil pandey bribery demand case) तो की थी, लेकिन रिश्वत लेने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद में मुख्यालय ने इस पर मुकदमा दर्ज (ACB in Jaipur) किया है. एसीबी की एएसपी प्रेरणा शेखावत का कहना है कि डिमांड में भी उतनी ही सजा होती है, जितनी रिश्वत लेने के मामले में होती है.
यह था पूरा मामला
एसीबी की एएसपी प्रेरणा शेखावत ने बताया कि जून 2021 का मामला है. जिसमें 50 हजार की डिमांड सीआई अनिल पांडे ने की थी. इसमें हनीट्रैप के मामले में एक महिला और पुरुष को गिरफ्तार किया था. महिला को जेल भेज दिया गया था, जबकि आरोपी कैलाश मीणा रिमांड पर चल रहा था. जिसमें परिवादी कैलाश मीणा की रिमांड अवधि नहीं बढ़ाने, थाने में मारपीट नहीं करने और सुविधाएं देने के लिए रिश्वत मांगी गई थी. इस मामले में कैलाश मीणा के रिश्तेदार बारां निवासी परिवादी राधाकिशन मीणा ने ही एसीबी को शिकायत दी थी.