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बारांः जीर्ण-शीर्ण होता जा रहा अंता का ऐतिहासिक किला

बारां के अंता में रियासत कालीन किला सार सम्भाल के अभाव में दिनों दिन जीर्ण-शीर्ण होता जा रहा है.जबकि इस किले में गोवर्धन नाथ मंदिर होने के कारण सुबह से भक्तों की आवाजाही बनी रहती है.

सामाजिक स्तर पर पहल, 5 सौ साल पुराना कालीन किला, बारां की खबर, baran carpet fort lack ,old carpet fort lack , 5 hundred year old carpet fort
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Published : Aug 24, 2019, 2:51 PM IST

अंता (बारां). कस्बे में स्तिथ लगभग 5 सौ साल पुराना रियासत कालीन किला देखरेख के अभाव में दिनों दिन जीर्ण-शीर्ण होता जा रहा है. लेकिन आज तक इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने की न तो सरकार के स्तर पर ओर न ही सामाजिक स्तर पर पहल की गई.

5 सौ साल पुराना कालीन किला देखरेख के अभाव में हो रहा खराब

ऐसे में यह किला अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाता हुआ नजर आ रहा है. इस किले के प्रांगण में तहसील कार्यालय सहित सरकारी कॉलेज तथा दो अन्य स्कूल संचालित है. साथ ही किले में गोवर्धन नाथ मंदिर होने के कारण यहां रोजाना बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही होती है. ऐसे में इस किले की बदत्तर हालत को देखकर पीड़ा की अनुभूति होती है.

यह भी पढ़ेंः बारांः लावारिस नवजात के शव को सुअरों ने नोंचा, मामला दर्ज

इस किले में स्तिथ बाउड़ी जिससे पूर्व में पूरे शहर को पीने के पानी की सप्लाई होती थी. वहीं किले में स्तिथ गोवर्धन नाथ मंदिर के नाम से गुलाब बाड़ी थी. जहां गुलाब के फूलों की खेती होती थी उसी के फूल रोजाना यहां मंदिर में चढ़ाए जाते थे आज गुलाब बाड़ी पूरी तरह से अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई है. यदि समय रहते इस ऐतिहासिक धरोहर की सुध नही ली गयी तो इसका अस्तित्व ही मिट सकता है. जिले में पहचान रखने वाले इस किले की सुध लेने वाला फिलहाल कोई नजर नही आ रहा है. शहर के लोगों का कहना है कि सरकार चाहे तो इसकी काया पलट कर सकती है ताकि यह ऐतिहासिक धरोहर बची रह सके.

अंता (बारां). कस्बे में स्तिथ लगभग 5 सौ साल पुराना रियासत कालीन किला देखरेख के अभाव में दिनों दिन जीर्ण-शीर्ण होता जा रहा है. लेकिन आज तक इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने की न तो सरकार के स्तर पर ओर न ही सामाजिक स्तर पर पहल की गई.

5 सौ साल पुराना कालीन किला देखरेख के अभाव में हो रहा खराब

ऐसे में यह किला अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाता हुआ नजर आ रहा है. इस किले के प्रांगण में तहसील कार्यालय सहित सरकारी कॉलेज तथा दो अन्य स्कूल संचालित है. साथ ही किले में गोवर्धन नाथ मंदिर होने के कारण यहां रोजाना बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही होती है. ऐसे में इस किले की बदत्तर हालत को देखकर पीड़ा की अनुभूति होती है.

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इस किले में स्तिथ बाउड़ी जिससे पूर्व में पूरे शहर को पीने के पानी की सप्लाई होती थी. वहीं किले में स्तिथ गोवर्धन नाथ मंदिर के नाम से गुलाब बाड़ी थी. जहां गुलाब के फूलों की खेती होती थी उसी के फूल रोजाना यहां मंदिर में चढ़ाए जाते थे आज गुलाब बाड़ी पूरी तरह से अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई है. यदि समय रहते इस ऐतिहासिक धरोहर की सुध नही ली गयी तो इसका अस्तित्व ही मिट सकता है. जिले में पहचान रखने वाले इस किले की सुध लेने वाला फिलहाल कोई नजर नही आ रहा है. शहर के लोगों का कहना है कि सरकार चाहे तो इसकी काया पलट कर सकती है ताकि यह ऐतिहासिक धरोहर बची रह सके.

Intro:बारां के अंता में रियासत कालीन किला सार सम्भाल के अभाव में दिनों दिन जीर्ण शीर्ण होता जा रहा है ।जब कि इस किले में गोवर्धन नाथ मंदिर होने के कारण सुबह साय भक्तों की आवाजाही बनी रहती है ।Body:अंता (बारां ) कस्बे में स्तिथ लगभग 5 सौ वर्ष पुराना रियासत कालीन किला देखरेख के अभाव में दिनों दिन जीर्ण शीर्ण होता जा रहा है । परन्तु आज तक इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने की न तो सरकार के स्तर पर ओर न ही सामाजिक स्तर पर पहल की गई । ऐसे में यह किला अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाता हुआ नजर आ रहा है । इस किले के प्रांगण में तहसील कार्यालय सहित सरकारी कॉलेज तथा दो अन्य स्कूल संचालित है साथ ही किले में गोवर्धन नाथ मंदिर होने के कारण यहां रोजाना बड़ी संख्या में लोगो की आवाजाही होती है । ऐसे में इस किले की बदत्तर हालत को देखकर पीड़ा की अनुभूति होती है । इस किले में स्तिथ बाउड़ी जिससे पूर्व में पूरे शहर को पीने के पानी की सप्लाई होती थी । वही किले में स्तिथ गोवर्धन नाथ मंदिर के नाम से गुलाब बाड़ी थी जहां गुलाब के फूलों की खेती होती थी उसी के फूल रोजाना यहां मंदिर में चढ़ाए जाते थे आज गुलाब बाड़ी पूरी तरह से अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई है । यदि समय रहते इस ऐतिहासिक धरोहर की सुध नही ली गयी तो इसका अस्तित्व ही मिट सकता है ।Conclusion:जिले में पहचान रखने वाले इस किले की सुध लेने वाला फिलहाल कोई नजर नही आ रहा है । शहर के लोगो का कहना है कि सरकार चाहे तो इसकी काया पलट कर सकती है ताकि यह ऐतिहासिक धरोहर बची रह सके ।

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