अंता (बारां). कस्बे में स्तिथ लगभग 5 सौ साल पुराना रियासत कालीन किला देखरेख के अभाव में दिनों दिन जीर्ण-शीर्ण होता जा रहा है. लेकिन आज तक इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने की न तो सरकार के स्तर पर ओर न ही सामाजिक स्तर पर पहल की गई.
ऐसे में यह किला अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाता हुआ नजर आ रहा है. इस किले के प्रांगण में तहसील कार्यालय सहित सरकारी कॉलेज तथा दो अन्य स्कूल संचालित है. साथ ही किले में गोवर्धन नाथ मंदिर होने के कारण यहां रोजाना बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही होती है. ऐसे में इस किले की बदत्तर हालत को देखकर पीड़ा की अनुभूति होती है.
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इस किले में स्तिथ बाउड़ी जिससे पूर्व में पूरे शहर को पीने के पानी की सप्लाई होती थी. वहीं किले में स्तिथ गोवर्धन नाथ मंदिर के नाम से गुलाब बाड़ी थी. जहां गुलाब के फूलों की खेती होती थी उसी के फूल रोजाना यहां मंदिर में चढ़ाए जाते थे आज गुलाब बाड़ी पूरी तरह से अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई है. यदि समय रहते इस ऐतिहासिक धरोहर की सुध नही ली गयी तो इसका अस्तित्व ही मिट सकता है. जिले में पहचान रखने वाले इस किले की सुध लेने वाला फिलहाल कोई नजर नही आ रहा है. शहर के लोगों का कहना है कि सरकार चाहे तो इसकी काया पलट कर सकती है ताकि यह ऐतिहासिक धरोहर बची रह सके.