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बासंवाड़ा : विज्ञान के शिक्षकों के लिए कार्यशाला, विशेषज्ञों ने दिया तकनीकी ज्ञान - बांसवाड़ा शिक्षक कार्यशाला

बांसवाड़ा में समग्र शिक्षा अभियान के तहत विज्ञान एवं तकनीकी नवाचार को लेकर 2 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें विज्ञान विषय के शिक्षकों को बुलाया गया.

बांसवाड़ा शिक्षक कार्यशाला , Banswara news
विज्ञान के शिक्षकों के लिए कार्यशाला का आयोजन
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Published : Feb 13, 2020, 7:51 PM IST

बांसवाड़ा. समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत गुरूवार को नूतन स्कूल परिसर में विज्ञान एवं तकनीकी नवाचार पर दो दिवसीय कार्यशाला का आगाज हुआ. जिसमें जिले भर के सरकारी स्कूलों के विज्ञान विषय के शिक्षकों को बुलाया गया. जिसका उद्देश्य बच्चों में वैज्ञानिक सोच को विकसित करना है. साथ ही विषय विशेषज्ञों द्वारा बच्चों को तकनीकी ज्ञान से रूबरू कराना है.

विज्ञान के शिक्षकों के लिए कार्यशाला का आयोजन

हालांकि इस कार्यशाला में भाग लेने के लिए विज्ञान विषय के 75 वरिष्ठ अध्यापकों को आमंत्रित किया गया था. जिनमें से पहले दिन 68 शिक्षक कार्यशाला में शामिल हुए. महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय उदयपुर के जोनल डायरेक्टर डॉ. प्रमोद रोकडिया ने इस दौरान मॉडिफाइड सीड्स और बांसवाड़ा क्षेत्र में खेती की संभावनाओं पर अपने विचार रखे. साथ ही उन्होंने कहा, कि माही की बदौलत यहां पानी की कोई कमी नहीं है. जिसके चलते यहां 12 महीने फसल ली जा सकती है. उन्होंने कृषि में विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को शिक्षकों के समक्ष रखा.

पढ़ेंः बिजली दरों में बढ़ोतरी के विरोध में भाजपा का प्रदर्शन, कलेक्ट्रेट पर की नारेबाजी

इसके अलावा डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन ऑफिसर डीआईओ हेमंत मेहता ने आईटी से संबंधित जानकारी दी. माही बांसवाड़ा न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर एसबी जोशी और सहायक अभियंता मयूर गुप्ता ने न्यूक्लियर एनर्जी प्लांट, निर्माण और तकनीकी के बारे में बकायदा मॉडल के जरिए विस्तार से जानकारी दी. चार सत्रों में आयोजित इस कार्यशाला के पहले दिन कृषि आईटी स्पेस इलेक्ट्रिकल इंजीनियर न्यूक्लियर एनर्जी आदि अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञों ने तकनीकी पहलुओं के बारे में बताया गया.

बांसवाड़ा. समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत गुरूवार को नूतन स्कूल परिसर में विज्ञान एवं तकनीकी नवाचार पर दो दिवसीय कार्यशाला का आगाज हुआ. जिसमें जिले भर के सरकारी स्कूलों के विज्ञान विषय के शिक्षकों को बुलाया गया. जिसका उद्देश्य बच्चों में वैज्ञानिक सोच को विकसित करना है. साथ ही विषय विशेषज्ञों द्वारा बच्चों को तकनीकी ज्ञान से रूबरू कराना है.

विज्ञान के शिक्षकों के लिए कार्यशाला का आयोजन

हालांकि इस कार्यशाला में भाग लेने के लिए विज्ञान विषय के 75 वरिष्ठ अध्यापकों को आमंत्रित किया गया था. जिनमें से पहले दिन 68 शिक्षक कार्यशाला में शामिल हुए. महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय उदयपुर के जोनल डायरेक्टर डॉ. प्रमोद रोकडिया ने इस दौरान मॉडिफाइड सीड्स और बांसवाड़ा क्षेत्र में खेती की संभावनाओं पर अपने विचार रखे. साथ ही उन्होंने कहा, कि माही की बदौलत यहां पानी की कोई कमी नहीं है. जिसके चलते यहां 12 महीने फसल ली जा सकती है. उन्होंने कृषि में विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को शिक्षकों के समक्ष रखा.

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इसके अलावा डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन ऑफिसर डीआईओ हेमंत मेहता ने आईटी से संबंधित जानकारी दी. माही बांसवाड़ा न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर एसबी जोशी और सहायक अभियंता मयूर गुप्ता ने न्यूक्लियर एनर्जी प्लांट, निर्माण और तकनीकी के बारे में बकायदा मॉडल के जरिए विस्तार से जानकारी दी. चार सत्रों में आयोजित इस कार्यशाला के पहले दिन कृषि आईटी स्पेस इलेक्ट्रिकल इंजीनियर न्यूक्लियर एनर्जी आदि अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञों ने तकनीकी पहलुओं के बारे में बताया गया.

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