जोधपुर: भारत राजा-महाराजाओं का देश रहा है. उन्होंने अपने-अपने काल में अपने सिक्के और मुद्राएं प्रसारित की थी. इन प्राचीन मुद्राओं के कलेक्शन को लेकर देश में यूं तो कई न्यूमिस्मेटिक सोसाइटीज बनी हुई हैं, जो ऐसी मुद्राओं के संग्रहण कर्ताओं को बढ़ावा देती हैं. पहली बार मारवाड़ में इसको बढ़ावा देने के लिए पहल हुई है. मारवाड़ कॉइन सोसाइटी का गठन कर मारवाड़ मुद्रा उत्सव का आयोजन किया गया है. इसकी शुरूआत शुक्रवार को हुई. रेंज आईजी विकास कुमार ने इसका शुभारंभ किया.
इस मौके पर आईजी ने प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन हमारे इतिहास और सभ्यता से रूबरू करवाते हैं. आईजी ने उत्सव में आए संग्रहणकर्ताओं से बातचीत कर जानकारी ली. सोसाइटी के अध्यक्ष आरपी बिश्नोई ने बताया कि इस उत्सव में पूरे भारत से 52 संग्रहणकर्ता भाग ले रहे हैं. इसमें 20 राजस्थान के हैं. हमने राजस्थान में ऐसी धरोहर को संजोकर रखा जा सके, इसके लिए सोसाइटी का गठन किया है. आज के उत्सव में हजारों साल पहले के सिक्के हमारे यहां देखने को मिले रहे हैं.
नोट और ऐतिहासिक वस्तुएं भी शामिल: गाजियाबाद से आए ताराचंद ने बताया कि यहां पर सिक्कों के साथ साथ नोट का भी कलेक्शन है. साथ में कुछ ऐतिहासिक आइटम भी हैं, जो कहीं नहीं मिलते हैं. उन्होंने बताया कि यह सब कुछ कलेक्शन निजी संग्रहणकर्ताओं का है जो दिन-रात मेहनत कर इसे जुटाते हैं. अहमदाबाद से आई एक प्रतिभागी ने बताया कि उनके पास एक रुपए से लेकर 500 रुपए तक के नोट के नंबर का ऐसा कलेक्शन है जिसमें सभी तरह की डेट ऑफ बर्थ शामिल होती है.
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छोटे नए नोट भी उपलब्ध: बाजार में 1, 2 और 5 रुपए के नए नोट बहुत मुश्किल से नजर आते हैं. लेकिन इस उत्सव में इन नोटों की गड्डियों की भरमार है. कुछ को दाम अधिक देकर खरीदा भी जा सकता है. मसलन एक रुपए के नए नोटों की गड्डी 1000 रुपए में यहां मिल सकती है. इसी तरह से दो रुपए, पांच रुपए के नोट उपलब्ध हैं. इन दिनों बाजार से गायब हुई दस के नोट की गड्डियां यहां मिल रही हैं. यह उत्सव 2 फरवरी तक चलेगा.