बांसवाड़ा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने शुक्रवार को एक कार्रवाई करते हुए 10 हजार की रिश्वत लेते बाल विकास परियोजना अधिकारी और महिला पर्यवेक्षक को गिरफ्तार किया है. रिश्वत की राशि परिवादी का नजदीक में ट्रांसफर करने और विभागीय जांच को निपटाने की एवज में वसूल की गई थी. इस कार्रवाई से महिला बाल विकास विभाग में हड़कंप मच गया. कार्रवाई के बाद एसीबी टीम दोनों ही आरोपी महिलाओं को बांसवाड़ा स्थित कार्यालय लाई, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है.
ब्यूरो की बांसवाड़ा इकाई द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक माधो सिंह सोढा के नेतृत्व में अंजाम दी गई. इस संबंध में घाटोल क्षेत्र की तारा भगोरा ने ब्यूरो के बांसवाड़ा कार्यालय में 9 जुलाई को शिकायत दी थी. अपनी शिकायत में तारा ने बताया कि परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग घाटोल रूपवती चरपोटा ने घाटोल सेक्टर से उसका ट्रांसफर नजदीक के केंद्र में करने और फरवरी एवं मार्च में विभाग द्वारा उसे दिए गए नोटिस को फाइनल करने के नाम पर क्रमशः 10 हजार और 15 हजार की महिला पर्यवेक्षक मंजुला लबाना के जरिए मांग की गई. शिकायत का सत्यापन 10 जुलाई को करवाया गया. इस दौरान 8 हजार की राशि लिए जाने की पुष्टि हो गई. दोनों ही महिला अधिकारियों ने 10 हजार शुक्रवार को कार्यालय में मंगवाए.
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इसे देखते हुए सोढा के नेतृत्व में राजकुमार सिंह, रतन सिंह, राजेंद्र सिंह, माजिद खान और जितेंद्र सिंह की टीम वहां पहुंच गई और अपना जाल बिछा दिया. परिवादी तारा भगोरा से रिश्वत की राशि देकर मंजुला ने रूपवती को थमा दी. उक्त राशि रूपवती ने अपने पर्स में डाल दी. इस दौरान परिवादी तारा का इशारा पाकर टीम वहां पहुंच गई और रिश्वत की राशि रूपवती के पर्स से बरामद करते हुए उसे मंजुला के साथ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया.
अचानक हुई इस कार्रवाई से दोनों ही महिला अधिकारी घबरा गईं. सूचना पर इनके परिवार के लोग भी पहुंच गए. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि रिश्वत की राशि रूपवती के पास से बरामद हुई, जबकि मंजुला के हाथ रंगीन हो गए. फिलहाल इन दोनों ही आरोपी महिलाओं से मामले में पूछताछ की जा रही है.