बांसवाड़ा. जिले के कुशलगढ़ क्षेत्र में घर के बाहर पशुओं के बाड़े में सो रही एक महिला पर मंगलवार मध्यरात्रि एक पैंथर ने हमला कर (Woman attacked by panther in Banswara) दिया. महिला को बांसवाड़ा एमजी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में उपचार के लिए भर्ती करा दिया गया है. वहीं डीएफओ जिग्नेश शर्मा ने बताया कि घटना की जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने बताया कि जिस क्षेत्र में पैंथर की बात कही जा रही है, लेकिन वहां पर जरख होने की संभावना ज्यादा है.
महात्मा गांधी अस्पताल के आईसीयू में बुधवार शाम भर्ती कराई गई रमीला पत्नी वाल सिंह के परिजनों ने बताया कि वह घर के बाहर सो रही थी. आसपास में पशु भी बंधे हुए थे. रात में करीब 12 बजे अचानक से महिला के चिल्लाने की आवाज आई. तब हम सब उठ कर भागे तो देखा रमीला का चेहरा पूरी तरह लहूलुहान हो गया था. पैंथर हमला करके मौके से भाग चुका था. ऐसे में किसी तरह हमने घर पर ही उपचार आदि किया. सुबह होते ही कुशलगढ़ अस्पताल में भर्ती करा दिया. इसके बाद उसे कई घंटे उपचार के बाद बांसवाड़ा के लिए रेफर कर दिया.
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कुशलगढ़ में पैंथर कम, जरख ज्यादा: डीएफओ जिग्नेश शर्मा ने बताया कुशलगढ़ क्षेत्र में पैंथर की संभावना बहुत कम है. उस क्षेत्र में जरख यानी कि जरख होने की संभावना ज्यादा है. दोनों एक ही तरह से हमला करते हैं और इंसानों को हमला कर घायल भी कर सकते हैं. फिर भी हमने कुशलगढ़ रेंजर को पूरे मामले में जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार की जो भी मदद हो सकती है, विभागीय नियमानुसार की जाएगी. उन्होंने बताया कि संबंधित गांव में गश्त बढ़ा रहे हैं और यदि पैंथर का मूवमेंट दोबारा होता है, तो हम वहां पर पिंजरा भी लगवाएंगे.
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3 दिन पहले शहर में देखा गया था पैंथर: बांसवाड़ा शहर से कुशलगढ़ भले ही लगभग 85 किलोमीटर दूर हो, पर पैंथर बांसवाड़ा में अक्सर दिखाई दे जाते हैं. बांसवाड़ा शहर के सर्किट हाउस के दीवार के आसपास अक्सर पैंथर को देखा जाता है. वहां पर पिछले 1 महीने से लगातार पैंथर दिख रहा था. इसलिए पैंथर को पकड़ने के लिए पिंजरा भी लगाया हुआ है. आखरी बार 3 दिन पहले भी पैंथर को देखा गया.