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लॉकडाउन: यहां इंसान तो क्या परिंदों के तक का रखा जा रहा है ख्याल

चीन के वुहान से दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते लॉकडाउन घोषित किया गया है. इस लॉकडाउन की वजह से इंसानों के साथ ही पशु-पक्षियों को भी खाना मिलना मुश्किल हो गया है, क्योंकि लोगों ने घर से बाहर निकलना ही बंद कर दिया है. इन बेजुबान पक्षियों का पेट बांसवाड़ा का वांगड़ पर्यावरण संस्थान भर रहा है.

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लॉकडाउन में यहां इंसान तो क्या मूक परिंदों के पेट का भी रखा जा रहा है ख्याल
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Published : Apr 3, 2020, 8:57 PM IST

बांसवाड़ा. कोरोना महामारी से बचाव के लिए देश में लॉकडाउन घोषित करने के बाद से लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. उनके रूटीन वर्क तक थम गए हैं. इसका इंसान तो क्या बेजुबान पशु पक्षियों पर भी बुरा असर पड़ा है. धर्म के नाम पर लोगों द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर की जाने वाली दाने पानी की व्यवस्था बंद हो गई है.

लॉकडाउन में यहां इंसान तो क्या मूक परिंदों के पेट का भी रखा जा रहा है ख्याल

हालांकि लॉकडाउन के दौरान सरकार और समाजसेवी संस्थाओं द्वारा जरूरतमंद लोगों के लिए खाद्य पदार्थों की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन चुगे के अभाव में पक्षियों की हालत बदतर हो गई है. शहर के कुछ समाजसेवियों ने परिंदों के दाने पानी की व्यवस्था के लिए नई पहल की है. वागड़ पर्यावरण संस्थान के बैनर तले प्रतिदिन चुनिंदा स्थानों पर पक्षियों के लिए दाना डाला जा रहा है.

70-75 किलो अनाज प्रतिदिन

संस्थान के सदस्यों द्वारा पक्षियों के लिए पिछले 9 दिन से अलग-अलग स्थानों पर अनाज डाला जा रहा है. सिद्धिविनायक गणपति मंदिर, कुशलबाग मैदान, कुपड़ा माता मंदिर, त्रिपुरा सुंदरी मंदिर प्रांगण, भारत माता मंदिर सहित विभिन्न धार्मिक और सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिदिन 70 से 75 किग्रा अनाज डाला जा रहा है. संस्था सदस्यों की बैठक में पक्षियों के लिए अनाज की व्यवस्था करने के निर्णय के साथ ही सदस्य अपने इस मिशन में जुट गए और अपने स्तर पर ही अनाज की व्यवस्था कर सार्वजनिक स्थलों पर इसे डलवाए जा रहा है. खुद संस्थान के कार्यकर्ता शहर के चिन्हित स्थानों पर पहुंचकर चुगा डाल रहे हैं.

यह भी पढ़ें- जोधपुर के नागौरी गेट क्षेत्र में लगाया Curfew, अहमदाबाद से लौटी महिला आई कोरोना की चपेट में

अनाज पानी की हो रही व्यवस्था

संस्थान के अध्यक्ष डॉ. दीपक द्विवेदी ने बताया कि हम लोग शहर के लोगों से दाना एकत्र कर संबंधित स्थानों पर डलवा रहे हैं. कोई भी व्यक्ति संकट की इस घड़ी में पक्षियों के लिए अनाज दे सकता है. इसके अलावा अपने घरों की छत पर अनाज और पानी की व्यवस्था कर मूक परिंदों की जान बचा सकते हैं. इस संबंध में भागवत कुंदन लखन खंडेलवाल यह सर्राफ कपिल पुरोहित विराट संघवी वैभव जोशी प्रदीप सेन सोशल साइट पर लोगों को जागरूक करने का प्रयास करेंगे. डॉ. द्विवेदी ने बताया कि फिलहाल मूक परिंदों की सेवा के इस कार्य में शहर के लोगों का खासा सहयोग मिल रहा है.

बांसवाड़ा. कोरोना महामारी से बचाव के लिए देश में लॉकडाउन घोषित करने के बाद से लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. उनके रूटीन वर्क तक थम गए हैं. इसका इंसान तो क्या बेजुबान पशु पक्षियों पर भी बुरा असर पड़ा है. धर्म के नाम पर लोगों द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर की जाने वाली दाने पानी की व्यवस्था बंद हो गई है.

लॉकडाउन में यहां इंसान तो क्या मूक परिंदों के पेट का भी रखा जा रहा है ख्याल

हालांकि लॉकडाउन के दौरान सरकार और समाजसेवी संस्थाओं द्वारा जरूरतमंद लोगों के लिए खाद्य पदार्थों की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन चुगे के अभाव में पक्षियों की हालत बदतर हो गई है. शहर के कुछ समाजसेवियों ने परिंदों के दाने पानी की व्यवस्था के लिए नई पहल की है. वागड़ पर्यावरण संस्थान के बैनर तले प्रतिदिन चुनिंदा स्थानों पर पक्षियों के लिए दाना डाला जा रहा है.

70-75 किलो अनाज प्रतिदिन

संस्थान के सदस्यों द्वारा पक्षियों के लिए पिछले 9 दिन से अलग-अलग स्थानों पर अनाज डाला जा रहा है. सिद्धिविनायक गणपति मंदिर, कुशलबाग मैदान, कुपड़ा माता मंदिर, त्रिपुरा सुंदरी मंदिर प्रांगण, भारत माता मंदिर सहित विभिन्न धार्मिक और सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिदिन 70 से 75 किग्रा अनाज डाला जा रहा है. संस्था सदस्यों की बैठक में पक्षियों के लिए अनाज की व्यवस्था करने के निर्णय के साथ ही सदस्य अपने इस मिशन में जुट गए और अपने स्तर पर ही अनाज की व्यवस्था कर सार्वजनिक स्थलों पर इसे डलवाए जा रहा है. खुद संस्थान के कार्यकर्ता शहर के चिन्हित स्थानों पर पहुंचकर चुगा डाल रहे हैं.

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अनाज पानी की हो रही व्यवस्था

संस्थान के अध्यक्ष डॉ. दीपक द्विवेदी ने बताया कि हम लोग शहर के लोगों से दाना एकत्र कर संबंधित स्थानों पर डलवा रहे हैं. कोई भी व्यक्ति संकट की इस घड़ी में पक्षियों के लिए अनाज दे सकता है. इसके अलावा अपने घरों की छत पर अनाज और पानी की व्यवस्था कर मूक परिंदों की जान बचा सकते हैं. इस संबंध में भागवत कुंदन लखन खंडेलवाल यह सर्राफ कपिल पुरोहित विराट संघवी वैभव जोशी प्रदीप सेन सोशल साइट पर लोगों को जागरूक करने का प्रयास करेंगे. डॉ. द्विवेदी ने बताया कि फिलहाल मूक परिंदों की सेवा के इस कार्य में शहर के लोगों का खासा सहयोग मिल रहा है.

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