बांसवाड़ा. विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा (Vipra Welfare Board Chief Mahesh Sharma) दो दिवसीय यात्रा पर बांसवाड़ा पहुंचे. यहां उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में राजकीय प्रभार वाले 40000 से ज्यादा मंदिरों के पुजारियों को नरेगा मजदूरों के बराबर मानदेय मिलेगा. उन्होंने अपनी बात को सर्किट हाउस में रखते हुए बताया कि इसके लिए उन्होंने प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री को भेज दिया है. निश्चित रूप से आगामी बजट में इसकी घोषणा हो जाएगी.
महेश शर्मा ने कहा कि राजस्थान में देवस्थान विभाग की ओर से करीब 48000 मंदिरों का संचालन किया जाता है. इनमें पुजारियों का भत्ता निश्चित है, जो वर्ष 1963 के बाद नहीं बढ़ाया गया है. ऐसे में हमने सरकार को प्रस्ताव दिया है कि इन पुजारियों को कम से कम नरेगा में मिलने वाले मिनिमम बेजेस के बराबर राशि मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि नरेगा में तो एक समय निश्चित है पर पुजारी भगवान के शयन तक उनके साथ रहता है और काम करता है.
भोग की राशि में भी होगी बढ़ोतरी : महेश शर्मा ने बताया हमने सरकार को यह भी प्रस्ताव दिया है कि भगवान के जो भोग की (Priest will be paid equal wages as of Narega) राशि है उसे भी बढ़ाया जाए. इससे भगवान का भोग समय पर और उचित तरीके से लगाया जा सकेगा. उन्होंने कहा मंदिरों की विभिन्न श्रेणियां हैं उनको ध्यान में रखते हुए अध्ययन किया गया और उसके बाद प्रस्ताव बनाकर भेजा है. यह भी इस बजट में मंजूर हो जाएगा.
ईडब्ल्यूएस को पहली बार छात्रवृत्ति : उन्होंने कहा कि सरकार अपने काम के प्रति पूरी तरह (Scholarship For EWS) सजग है. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने पहली बार ईडब्ल्यूएस के लिए छात्रवृत्ति शुरू की है. आने वाले बजट में कई और भी अच्छे प्रावधान होंगे जिससे निश्चित रूप से समाज का भी भला होगा. उन्होंने कहा कि विप्र कल्याण बोर्ड का गठन ही सरकार ने इसलिए किया है कि विप्र समाज का भला हो सके. विप्र समाज बुद्धि से पहले ही परिपूर्ण है, केवल आर्थिक रूप से कमजोर है. इसके लिए भी हम प्रयास कर रहे हैं. महेश शर्मा शनिवार रात्रि में बांसवाड़ा पहुंचे. रविवार सुबह उन्होंने कुछ संगठन के पदाधिकारियों से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने माता त्रिपुरा सुंदरी दर्शन किए. संभव बेणेश्वर में हो रहे यज्ञ में भी वह शामिल होंगे.