बांसवाड़ा. शिक्षक भर्ती 2018 के रिक्त पदों को लेकर डूंगरपुर में जारी तनाव पर प्रभारी मंत्री राजेंद्र सिंह यादव का बयान आया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गंभीर है और इसका शांतिपूर्ण समाधान ढूंढ रहे हैं, लेकिन कुछ लोग इसके पीछे भी राजनीतिक लाभ तलाश रहे हैं जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है. उनका साफ इशारा बीटीपी की ओर था जो लगातार आंदोलनरत अभ्यर्थियों के पक्ष में बयान बाजी कर रही है.
प्रभारी मंत्री यादव गुरुवार देर रात बांसवाड़ा पहुंचे. शुक्रवार सुबह यहां महात्मा गांधी चिकित्सालय में कोविड-19 की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने कहा कि काकरी डूंगरी की घटना के लिए कुछ राजनेता जिम्मेदार है. इस मसले पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक कमेटी बनाई थी. जिसकी गुरुवार शाम मीटिंग होने वाली थी, लेकिन कुछ सदस्यों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद मीटिंग को अचानक निरस्त करना पड़ा. उससे युवा आक्रोशित हो उठे.
इस आंदोलन के पीछे राजनीति किए जाने की आशंका जताते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इसे लेकर बहुत गंभीर है. इसका समाधान तलाशने के लिए डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा भी जयपुर ही थे और मुख्यमंत्री के साथ इस मसले पर बैठक करने वाले थे, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ असामाजिक तत्वों ने इस घटना को तूल दे दिया. प्रभारी मंत्री यादव ने कहा कि संबंधित पक्षों के साथ बातचीत चल रही है और इसका शांतिपूर्ण समाधान निकल आएगा. इससे पूर्व प्रभारी मंत्री ने महात्मा गांधी चिकित्सालय में कोविड-19 को लेकर की जा रही व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
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नगर परिषद सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी, जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह, जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजकुमार सिंह, सीएमएचओ डॉ. वीके जैन, पीएमओ डॉ. अनिल भाटी के साथ प्रभारी मंत्री ने हर वार्ड का निरीक्षण किया और लैब की क्षमता के अनुसार सैंपल ले जाने की व्यवस्था के दिशा निर्देश दिए. प्रारंभ में पीएमओ डॉ. भाटी ने व्यवस्थाओं संबंधी जानकारी दी. इस मौके पर प्रभारी मंत्री ने कोविड-19 को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में भी अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए कहा कि जो भी जरूरत हो सरकार उसके लिए धन की कोई कमी नहीं आने देगी.